NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
उत्तराखंड : 'अटल आयुष्मान योजना' के कई हज़ार दावेदार लाभ से वंचित
इस योजना का लाभ लेने के लिए मरीज के पास गोल्डन कार्ड होना अनिवार्य है। आकंड़ों की मानें तो उत्तराखंड की आबादी के केवल 33 प्रतिशत लोग ही अभी तक गोल्डन कार्ड बनवाने में सफल हो पाए हैं।
सोनिया यादव
18 Sep 2019
अटल आयुष्मान योजना
अटल आयुष्मान योजना

आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर उत्तराखंड में शुरू हुई अटल आयुष्मान योजना में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के कुल 23 लाख परिवारों को दायरे में लेने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हक़ीक़त इससे कोसों दूर नज़र आती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए मरीज के पास गोल्डन कार्ड होना अनिवार्य है। आकंड़ों की मानें तो उत्तराखंड की आबादी के केवल 33 प्रतिशत लोग ही अभी तक गोल्डन कार्ड बनवा पाए हैं।

केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। केंद्र के मानकों के अनुसार प्रदेश के 5.37 लाख परिवार ही मुफ्त इलाज के लिए दावेदार हैं। लेकिन प्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाकर 25 दिसंबर 2018 से प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों के लिए निशुल्क सुविधा का ऐलान कर दिया।

अटल आयुष्मान योजना के तहत कार्ड धारकों को प्रति परिवार पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। लेकिन गंभीर बीमारियों और दुर्घटनाओं को छोड़कर शेष बीमारियों के इलाज के लिए कार्ड धारक को पहले सरकारी अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है। सरकारी अस्पताल में इलाज उपलब्ध न होने की स्थिति में मरीज को दूसरे सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में रेफर करने की व्यवस्था है।

अटल आयुष्मान के तहत उत्तराखंड में करीब 17.65 लाख परिवारों के इलाज का खर्च प्रदेश सरकार करेगी, जबकि आयुष्मान भारत के तहत केंद्र 5.37 लाख पात्र परिवारों के इलाज पर होने का खर्च का भुगतान करेगा।

लेकिन इस मामले में एक पेच ये है कि जिन लोगों के राशन कार्ड 2015 के बाद बने हुए हैं, उनके आवेदन स्वीकार नहीं हो रहे हैं। इस कारण प्रदेश के हज़ारों लोग इस सुविधा से वंचित हैं। इसमें ऐसे परिवार शामिल हैं, जो नौकरी या कारोबार करने कई सालों तक उत्तराखंड से बाहर रहे और अब वापस प्रदेश में लौटकर राशन कार्ड बनवाएं हैं, या जिनके आपदाओं के चलते पुराने राशन कार्ड खो गए।

th.jpg

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंंड की आबादी एक करोड़ 86 हज़ार है। समाचार पत्र अमर उजाला की खबर के अनुसार अब तक 32 लाख 87 हजार 704 लोगों के ही गोल्डन कार्ड बने हैं। जो प्रदेश की कुल आबादी का 33 प्रतिशत है। परिवारों की संख्या के आधार पर 60 प्रतिशत परिवारों को कार्ड दिए गए हैं।

पटेल नगर निवासी अखिल सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया कि उनका राशन कार्ड 2016 का है। जब वह गोल्डन कार्ड बनाने के लिए जन सेवा केंद्र गए तो पंजीकरण में उनका राशन कार्ड नंबर स्वीकार नहीं हुआ है। उन्हें बताया गया कि योजना के तहत वर्ष 2015 से पहले के राशन कार्ड स्वीकार्य हैं।

श्रीनगर की निशा रावत का कहना है कि कई बार कोशिश करने के बाद भी अभी तक उनका गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है। बार-बार उन्हें जनसेवा केंद्र के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। निशा का कहना है कि सरकार ने योजना का ऐलान तो कर दिया लेकिन इसे कैसे लागू करना है। इसकी तैयारी नहीं की।

इस संबंध में राज्य अटल आयुष्मान योजना के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए राशन कार्ड और आधार कार्ड होना जरूरी है। योजना में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 2015 से पहले के राशन कार्डों का डाटा लिया है। इसके बाद बने राशन कार्ड स्वीकार नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति राज्य का स्थायी निवासी है तो उसे अन्य प्रमाण देने पर योजना का लाभ मिल सकता है।

देहरादून के बीपिन सिंह बताते हैं कि उनका परिवार पहले रूद्रप्रयाग के इलाके में रहता था लेकिन जब 2013 में त्रासदी आई तो उनका परिवार देहरादून में आ गया लेकिन बाढ़ में उनके कागज़ात खो गए, बाद में यहां राशन कार्ड बना लेकिन अब ये योजना में स्वीकार्य नहीं है।

अभी प्रदेश में ऐसे कई हज़ार लोग हैं जो इस योजना के दावेदार तो हैं लेकिन उनका गोल्डन कार्ड नहीं बन पा रहा है। ऐसे में उन लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए निश्चित ही प्रदेश सरकार को कारगर कदम उठाने होंगे।

Atal Ayushman yojana
Ayushman Bharat Scheme
UTTARAKHAND
Trivendra Singh Rawat
uttarakhand govt.
golden card

Related Stories

इको-एन्ज़ाइटी: व्यासी बांध की झील में डूबे लोहारी गांव के लोगों की निराशा और तनाव कौन दूर करेगा

उत्तराखंड : हिमालयन इंस्टीट्यूट के सैकड़ों मेडिकल छात्रों का भविष्य संकट में

आशा कार्यकर्ताओं की मानसिक सेहत का सीधा असर देश की सेहत पर!

उत्तराखंड चुनाव 2022 : बदहाल अस्पताल, इलाज के लिए भटकते मरीज़!

चुनावी कुंभ:  उत्तराखंड के डॉक्टरों की अपील, चुनावी रैलियों पर लगे रोक

उत्तराखंड: मानसिक सेहत गंभीर मामला लेकिन इलाज के लिए जाएं कहां?

उत्तराखंड: सैन्य धाम ही नहीं स्वास्थ्य धाम भी ज़रूरी, चुनाव में सेहत मुद्दा नहीं

हिमालयी राज्यों के बीच स्वास्थ्य पर सबसे कम ख़र्च करने वाला राज्य है उत्तराखंड

देहरादून में कोरोना मरीज़ों के लिए अब नहीं हैं आईसीयू और वेंटिलेटर?

स्थानीय कलाकारों का दर्द : “...मरने पर लकड़ी भी 3500 की मिलती है, हज़ार का क्या करेंगे”


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश
    06 May 2022
    तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में वर्तमान में 198 छात्राएं हैं। उनका कहना है कि पीएमसीएच कैंपस में विभिन्न विभागों में और वार्डों में बड़े पैमाने पर क्लिनिकल प्रशिक्षण की सुविधा है।
  • विजय विनीत
    अब विवाद और तनाव का नया केंद्र ज्ञानवापी: कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी शुरू, आरएएफ तैनात
    06 May 2022
    सर्वे का काम तीन दिन चल सकता है। शाम पांच बजे के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के एक किमी के दायरे को कानून व्यवस्था के लिहाज से खाली करा लिया गया। मौके पर दंगा नियंत्रक उपकरणों के साथ…
  • Press Freedom Index
    न्यूज़क्लिक टीम
    Press Freedom Index में 150वें नंबर पर भारत,अब तक का सबसे निचला स्तर
    06 May 2022
    World Press Freedom Index को किस तरह से पढ़ा जाना चाहिए? डिजिटल की दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वत्नत्रता के प्लेटफॉर्म बढे है तो क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी बढ़ी है? आबादी के लिहाज़ से दुनिया के…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!
    06 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार बात कर रहे हैं तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के गिरफ़्तारी और पूरे मामले की।
  • भाषा
    चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा
    06 May 2022
    माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि शाह का यह कहना कि सीएए को पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा, इस तथ्य को छिपाने का एक प्रयास है कि 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License