NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
समाज
भारत
"जेल में पुलिस ने हमारे कपड़े उतरवा दिए और हमें रात-दिन टॉर्चर किया"
क्या इस देश में अब गांधी की बात करना, उनके बताए सत्य-अहिंसा के रास्ते पर चलना गुनाह हो गया है? उत्तर प्रदेश के हालात तो यही हैं। पदयात्रा पर निकले सत्याग्रहियों को बार-बार गिरफ़्तार करना इसी बात का संकेत है। सत्याग्रहियों का आरोप है कि फतेहपुर जेल में पुलिस ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया है।
सोनिया यादव
11 Mar 2020
नागरिक सत्याग्रह

फतेहपुर में गिरफ्तार सत्याग्रहियों को सोमवार, 9 मार्च की रात पुलिस ने जेल से ज़मानत पर रिहा कर दिया। रिहा होते ही सत्याग्रहियों ने अपने पहले से तय कार्यक्रम अनुसार दोबारा पदयात्रा शुरू करने का ऐलान किया। साथ ही पुलिस पर गिरफ्तारी के दौरान शारिरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप भी लगाया है। 14 मार्च से इस यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण, फ़तेहपुर से राजघाट दिल्ली की शुरुआत होगी।

सत्याग्रह पदयात्रा में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता मनीष ने बताया, ‘जेल में पुलिस द्वारा हमें प्रताड़ित किया गया, हमारे साथियों को मारा गया, मानसिक प्रताड़ना दी गई। हमारे कपड़े उतरवाकर परेड करवाई गई, हमें घंटों घुटनों के बल खड़ा रखा गया, हमें रात-दिन टॉर्चर किया गया। उन्हें लगा कि शायद ये सब करने से हम टूट जाएंगे लेकिन इन सब से हमारा मनोबल कई गुना ज्यादा बढ़ गया है, अब हम पहले से ज्यादा तैयार हैं। हमने चलना चुना है और हम चलते जाएंगे, जेल जाने से बचने के लिए हम शांति के प्रयास करना नहीं छोड़ेंगे।'

इस मुल्क के लिये जितनी प्रासंगिकता मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा गिरजाघर की है उतनी ही प्रासंगिकता गांधी और उनके अमन,प्रेम के संदेश की है।
अगर प्रशासन गांधी की बात करने को शांतिभंग मानता है तो हम बार बार यह काम करेंगे और इसके बदले जो भी सज़ा मिलेगी उसे सहृदय स्वीकार करते हैं|@ms_yuva pic.twitter.com/m0EBwAAUW7

— Nagrik Satyagrah (@NagrikSatyagrah) March 11, 2020

बता दें कि गिरफ्तार सत्याग्रहियों ने 8 मार्च को जेल से भारतवासियों के नाम एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें पद्यात्रियों ने कहा था कि प्रशासन द्वारा उनके सामने शर्त रखी गई है कि वो उस माफीनामे पर हस्ताक्षर करें जिसमें ये लिखा गया था कि 'हमें शांतिभंग के अंदेशे में गिरफ्तार किया गया है और हम वचन देते हैं कि हम आगे से शांतिभंग नहीं करेंगे और अपनी यात्रा शहर से हटकर कानपुर की ओर ले जाएंगे।' लेकिन सभी सत्याग्रहियों ने इस माफीनामे को ये कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि गांधी की बात करना, अमन और भाईचारे की बात करना, अहिंसा के रास्ते पर चलना, कोई गुनाह नहीं है और न ही कहीं से शांतिभंग की स्थिति पैदा करना है। और अगर ये गुनाह है तो हम इसे सहज स्वीकार करते हैं।

सत्याग्रहियों का कहना है कि दो ध्रुवों में बटें समाज के बीच चंद युवा पैदल अपने क़दम बढ़ाते हुए शांति और संवाद की रेखा खींच रहे हैं। यह बात उत्तर प्रदेश प्रशासन को नागवार गुज़र रही है इसलिए अलग-अलग जगहों पर शांति भंग के अंदेशों में बिच हमें जेल में डाल दिया जाता है। इस मुल्क के लिये जितनी प्रासंगिकता मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा गिरजाघर की है उतनी ही प्रासंगिकता गांधी और उनके अमन, प्रेम, भाईचारा के संदेश की है। अगर प्रशासन गांधी की बात करने को शांतिभंग मानता है तो हम बार-बार यह काम करेंगे और इसके बदले जो भी सज़ा मिलेगी उसे सहृदय स्वीकार करते हैं, यही हमारा सविनय अवज्ञा है।

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र राज अभिषेक ने न्यूज़क्लिक को बताया, ‘हमारी नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा 2 फरवरी को चौरी चौरा गोरखपुर से शुरू हुई थी। इसका दूसरा चरण फतेहपुर में कल समाप्त हुआ है, अब हम तीसरे चरण में यहीं से राजघाट की ओर बढ़ेंगे। राज्य सरकार हमारी सत्याग्रह यात्रा को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन हम गांधी के संदेश को लेकर प्रतिबद्ध हैैं। नफ़रत के इस दौर में हमें पूरा भरोसा है कि हम प्यार से हर दिल को जीत लेंगे। धर्म और जाति में रोज़ बांटे जा रहे समाज और समाज में बढ़ती हिंसा को रोकने का एक ही रास्ता है, एक दूसरे से मिलना, संवाद स्थापित करना। हमें देश के शांतिप्रिय नागरिकों के सहयोग की प्रतीक्षा है, यही हमारा सत्याग्रह है।'

ESt1FyKUYAA6PNk.jpg

अभी तक क्या-क्या हुआ

- 2 फरवरी 2020 को नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा की शुरुआत चौरी-चौरा के शहीद स्मारक से हुई थी। यात्रा का प्रथम चरण 16 फरवरी 2020 को बनारस में सम्पन्न होना तय था।

- 11 फरवरी को लगभग 200 किमी की यात्रा करके सत्याग्रही गाजीपुर पहुंचे, यहां पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए 10 सत्याग्रहियोंं को गिरफ्तार कर लिया।

-12 फरवरी को इनकी ज़मानत के लिए एसडीएम ने अजीबो-गरीब शर्तें रखीं। इसके बाद 13 फरवरी से इन सत्याग्रहियों ने जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी, जेल से भारतवासियों के नाम खत लिखा।

-15 फरवरी को इन लोगों के समर्थन में उपवास पर बैठे लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

-16 फरवरी की शाम पुलिस ने सत्याग्रहियों को जेल से ज़मानत पर रिहा कर दिया।

-17 फरवरी की सुबह सत्याग्रहियों ने फिर से यात्रा शुरू की। पुलिस ने इनके समूह के 5-6 लोगों को हिरासत में ले लिया और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए इन्हें गाजीपुर जिले से बाहर बनारस ले जाने लगी।

- 20 फरवरी को 20 दिनों की 287 किमी की पदयात्रा के बाद सत्याग्रहियों का पहला चरण बनारस में समाप्त हुआ।

- 24 फरवरी को इस यात्रा के दूसरे चरण बनारस से कानपुर की शुरुआत हुई।

- 5 मार्च को इन सत्याग्रहियों को पुलिस ने फतेहपुर से दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

- 9 मार्च की रात इन्हें बिना शर्त जेल से रिहा कर दिया गया।

गौरतलब है कि गोरखपुर के चौरीचौरा से दिल्ली के राजघाट तक महात्मा गांधी का शांति संदेश लेकर निकली नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा की टीम पिछले 38 दिनों में 550 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आज़मगढ़, ग़ाज़ीपुर, वाराणसी, भदोहि, इलाहाबाद, कोशांबी जिलों से होते हुए फ़तेहपुर पहुँच गई है। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन सत्याग्रहियों को दो बार गिरफ्तार किया। पहली बार गा़ज़ीपुर में 6 दिन और दूसरी बार फतेहपुर में 5 दिन की कैद में इन्हें रखा गया। हालांकि सत्याग्रहियों का भी साफ तौर पर कहना है कि चाहे हमें बार-बार जेल जाना पड़े लेकिन हम शांति के प्रयास करना नहीं छोड़ेंगे।

इसे भी पढ़ें: नागरिक सत्याग्रहियों ने माफ़ी मांगने से किया इंकार, देशवासियों के नाम लिखा खुला पत्र

Nagrik Sattyagrah
UttarPradesh
UP police
yogi sarkar
Yogi Adityanath
Mahatma Gandhi
FATEHPUR
varanasi
BHU
BJP

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License