देश और विदेश तक अब यह बात सबके सामने आ चुकी है कि अपने अनुसंधान के बाद हमारे वैज्ञानिकों ने सरकार को चेताया था कि बहुत जल्दी ही कोरोना का दूसरा और ज्यादा खतरनाक हमला होने वाला है. पर कोरोना की आने वाली दूसरी लहर को रोकने या जन-क्षति न्यूनतम कैसे रहे, इसकी तैयारी में जुटने की बजाय सरकार चलाने वालों को बंगाल और असम जीतने का जुगाड़ ज्यादा जरूरी दिख रहा था. कुंभ को मंजूरी दे चुके थे. आज देश में हाहाकार मचा हुआ है. महंगी दवाओं की बात छोड़िये, सरकार लोगों और अस्पतालों को काम भर आक्सीजन तक नहीं मुहैया करा रही है. सरकार की इन नाकामियों के पीछे क्या कारण हैं? HafteKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार। Urmilesh का विश्लेषण: