NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
वामपंथी दल हरियाणा रोडवेज़ कर्मियों के साथ आए, अन्य विभागों में भी हड़ताल
रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में दो दिन के लिए हरियाणा सरकार के तकरीबन तीन लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं। चार प्रमुख वामपंथी दल भी कर्मचारियों के समर्थन में बुधवार को राज्य भर में प्रदर्शन करेंगे।
मुकुंद झा
30 Oct 2018
haryana roadways strike

हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने सोमवार को एक बार फिर अपने आंदोलन को चार दिन के लिए बढ़ा दिया है। इसबार  रोडवेज की हड़ताल पूरे हरियाणा की आम हड़ताल बन गई है।  रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में आज से दो दिन के लिए हरियाणा सरकार के तकरीबन तीन लाख कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। इस बीच वामपंथी दलों ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर हड़ताल का समर्थन किया है और बुधवार को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

इस बीच हरियाणा सरकार आंदोलन कर रहे रोडवेज कर्मियों पर बल प्रयोग कर आंदोलन को खत्म कराने का प्रयास कर रही है, पर लगता नहीं कि कर्मचारी इससे डरने वाले हैं।

पहली नवंबर को हरियाणा अपना स्थपना दिवस मनाएगा। हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार होगा कि राज्य स्थापना के दिन रोडवेज पूरी तरह से ठप रहेगा। मिल रही जानकारी के मुताबिक उस दिन हरियाणा के अन्य विभाग के कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं।

इसे भी पढ़े :- हरियाणा रोडवेज हड़ताल: जनता और अन्य सरकारी कर्मचारियों का समर्थन

कर्मचारियों पर इस बीच सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है। सरकार कई सौ कर्मचारियों को बर्खास्त कर रही है। साथ ही पुलिस यूनियन नेताओं को गिरफ्तार कर रही है। सरकार की इस कार्रवाई के चलते कई नेता भूमिगत हो गए हैं। सोमवार को हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी ने अपनी बैठक भी गुप्त स्थान पर की थी जिसमें इस आंदोलन को और तीव्र करने का निर्णय किया गया।

हरियाणा रोडवेज को मिला भरी जनसमर्थन.jpeg

रोडवेज के कर्मचारी 16 अक्टूबर से परिवहन विभाग के निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर हैं। प्रदेश  के 2 लाख कर्मचारी 26 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश लेकर सरकार द्वारा निजी बसें किराये पर लेने का विरोध कर चुके हैं और अब कर्मचारियों  के 150 से ज्यादा संगठनों ने 30-31 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। इतना ही नहीं रोडवेज के निजीकरण के सरकार के प्रयास के खिलाफ प्रदेश के गांवों से जनता रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में आ रही है। हरियाणा सरकार इस सबके बावजूद हठधर्मी रवैया अपना हुए है।

इसे भी पढ़े:-हरियाणा रोडवेज कर्मचारी क्यों है हड़ताल पर?

चार वामपंथी पार्टियों सीपीआई (एम), सीपीआई, एसयूसीआई (सी) और सीपीआई (एमएल) ने संयुक्त बयान जारी करके हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों की हड़ताल को समर्थन दिया है।

चारों वामपंथी पार्टियों ने रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार की हठधर्मिता को कारण माना है। कर्मचारियों पर चलाए जा रहे भीषण दमन चक्र और यात्रियों की जान जोखिम में डालकर जिस तरह नौसिखिये लोगों से बसें चलवाई जा रही हैं उसको लेकर भी सरकार की कड़ी निंदा की गई है।

सीपीएम राज्य सचिव सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 31 अक्तूबर को चारों वामपंथी पार्टियां सरकार की रोडवेज के निजीकरण की नीति के खिलाफ विरोध दिवस मनाएंगी और प्रदेशभर में रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में रोष प्रदर्शन करेंगी। वामपंथी नेताओं ने कहा है कि प्रदेश की तमाम विपक्षी पार्टियों ने रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया है परंतु जिस प्रकार हड़ताल तोड़ने के लिए सरकार द्वारा कर्मचारियों पर दमन चक्र चलाया जा रहा है और जनता को  भारी असुविधा  हो रही है उसमें यह  अपेक्षित है कि तमाम विपक्षी  पार्टियां सड़कों पर उतर कर इसका प्रतिरोध करें। इस संबंध में आज मंगलवार को 31 अक्टूबर के विरोध दिवस को सफल बनाने के लिए  विपक्षी नेताओं से व्यक्तिगत सम्पर्क स्थापित करके भी अपील की गई। 

इसे भी पढ़े:-हरियाणा में ‘रोडवेज़ बचाने’ की लड़ाई तेज़, अन्य विभाग और जनसंगठन भी साथ आए

सरकार का रवैया

इस आंदोलन की सबसे ख़ास बात ये है कि कर्मचारी अपनी तनख्वाह बढ़ाने या बोनस के लिये नहीं बल्कि हरियाणा रोडवेज़ को बचाने के लिये इस आंदोलन को चला रहे हैं। इस आंदोलन का विशेष चरित्र समझने के लिये यही एक बात काफी है कि सभी रोडवेज़ कर्मचारी अपनी एक महीने की पगार और दो साल का बोनस हरियाणा रोडवेज़ को बचाने के लिये फण्ड में देने को तैयार हैं लेकिन सरकार कर्मचारियों के सहयोग को ठुकरा रही है |

सरकार ने इन कर्मचारियों पर न केवल लाठीचार्ज जैसे हिंसक तरीके अपनाये हैं बल्कि एस्मा के तहत सैकड़ों कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है और सैकड़ों कर्मचारियों को बर्ख़ास्त भी कर दिया है।

इसे भी पढ़े:- भाजपा का दोहरा रवैया : डीटीसी के समर्थन का दावा, हरियाणा में रोडवेज़ कर्मियों का दमन

हरियाणा रोडवेज़  के एक कर्मचारी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि हरियाणा रोडवेज़ देश की बेहतरीन रोडवेज़ है जो अपनी बढ़िया सेवा के लिये 19 बार पुरस्कृत हो चुकी है। इस सरकारी बस सेवा को ख़त्म करने के इरादे से 700 से अधिक निजी बस परमिट जारी कर दिये गये हैंय़। सैकड़ों प्रशिक्षित, अनुभवी और सैकड़ों कच्ची नौकरी वालों को बर्ख़ास्त करके आनन-फ़ानन में ऐसे नौसिखिए आउटसोर्सिंग द्वारा रख लिये गए जिन्होंने आते ही बस भिड़ाने और दुर्घटना के खाते खोल दिये हैं।

नौसिखिए बने लोगों की जान के दुश्मन.jpeg

सरकार इस बीच कर्मचारी यूनियनों से बात करके समस्या को हल करने के बजाय लाठी के बल पर आन्दोलन को खत्म करने का प्रयास कर रही है परन्तु इसके विपरीत वहाँ के लोगो का गुस्सा दिन प्रति दिन और बढ़ता जा रहा है। सोमवार को हरियाणा के ग्राम पंचायतों के साथ ही खाप पंचायत भी रोडवेज हड़ताल के समर्थन में आ गईं। हरियाणा में कर्मचारियों के पक्ष में रोजाना हजारों की संख्या में आम जनता भी सड़क पर उतर रही है और सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त कर रही है।

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी का कहना है कि, “सरकार अपनी ज़िद पर अड़ी हुई है। वो अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं, उल्टा बातचीत के दौरान कर्मचारियों को डराने की कोशिश की गयी। परन्तु कर्मचारी भी अपनी मांगों पर कायम हैं कि जब तक सरकार निजी बसों के प्रस्ताव को वापस नहीं लेती तब तक ये हड़ताल जारी रहेगी।”

haryana roadways strike
haryana bus
haryana govt.
BJP government
manohar laal khattar
left parties

Related Stories

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च

जहांगीरपुरी हिंसा: वाम दलों ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट

जहांगीरपुरी हिंसा: वाम दलों ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट, पुलिस की भूमिका पर सवाल

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ मामले पर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

यूपी चुनाव: नतीजों के पहले EVM को लेकर बनारस में बवाल, लोगों को 'लोकतंत्र के अपहरण' का डर

यूपी चुनाव: योगी आदित्यनाथ बार-बार  क्यों कर रहे हैं 'डबल इंजन की सरकार' के वाक्यांश का इस्तेमाल?

केंद्रीय बजट: SDG लक्ष्यों में पिछड़ने के बावजूद वंचित समुदायों के लिए आवंटन में कोई वृद्धि नहीं


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License