दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी।
गुप्ता ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने उन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री की हत्या के प्रयास का आरोप लगाकर उनकी छवि ‘‘धूमिल’’ की है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने 10,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर उन्हें राहत दी।
विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने दावा किया कि दोनों आप नेताओं ने इस बारे में कई ट्वीट किये तथा उनके बयान को लेकर मीडिया में आयी खबरों से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। इसके लिये उन्होंने न तो कोई अफसोस जताया और न ही माफी मांगी।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक पंजाबी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि जिस तरह से इंदिरा गांधी की हत्या की गई थी ठीक उसी तरह भाजपा भी उनके (केजरीवाल के) अपने निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) के जरिये उनकी हत्या करवाना चाहती है।
इस आरोप के जवाब में विजेंद्र गुप्ता ने ट्वीट किया, ''चार मई को थप्पड़कांड से पहले अरविंद केजरीवाल ने सुरक्षा अधिकारी से अपने वाहन के आसपास मौजूद सुरक्षा घेरे को हटाने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री का निर्देश रोजनामचे में दर्ज हैं। इससे 'आप' कोई चुनावी फायदा नहीं हासिल कर सकी क्योंकि मैंने इसका खुलासा कर दिया, इसलिए हताश केजरीवाल यह कह रहे हैं कि उनका पीएसओ भाजपा को रिपोर्ट करता है।
इस पर उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने भी पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की हत्या की साजिश रचने वालों में विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं।
इन आरोपों पर विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल और सिसोदिया को कानूनी नोटिस भेजकर उनसे माफी मांगने के लिए कहा और उसके बाद मानहानि को लेकर पटियाला हाउस अदालत में मुकदमा दर्ज कराया। गुप्ता ने इसी के साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई।
(भाषा के इनपुट के साथ)