NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
विवि परिसरों में जातिगत भेदभाव खत्म करने की मांग को लेकर अदालत पहुंची वेमुला व तड़वी की मां
‘मौजूदा याचिका देशभर में उच्च शिक्षण संस्थानों में व्याप्त जातिगत भेदभाव से संबंधित हैं। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के खिलाफ जातिगत भेदभाव की कई घटनाएं हुई हैं जो मौजूदा मानदंडों और नियमनों का पालन नहीं किये जाने को दर्शाता है।’’  
भाषा
29 Aug 2019
SC

रोहित वेमुला और पायल तड़वी की मां ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर देशभर में विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में जातिगत पूर्वाग्रहों को खत्म करने की मांग की है।

वेमुला और तड़वी ने  जातिगत भेदभाव की वजह से आत्महत्या कर ली थी।

हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थी वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को आत्महत्या कर ली थी, वहीं टीएन टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज की आदिवासी छात्रा तड़वी ने इस साल 22 मई को अपने कॉलेज की तीन चिकित्सकों द्वारा कथित तौर पर जाति आधारित भेदभाव किये जाने की वजह से आत्महत्या कर ली थी।

याचिका में मौलिक अधिकारों खासतौर पर समता का अधिकार, जातिगत भेदभाव के निषेध का अधिकार और जीवन का अधिकार लागू कराने की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘मौजूदा याचिका देशभर में उच्च शिक्षण संस्थानों में व्याप्त जातिगत भेदभाव से संबंधित हैं। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के खिलाफ जातिगत भेदभाव की कई घटनाएं हुई हैं जो मौजूदा मानदंडों और नियमनों का पालन नहीं किये जाने को दर्शाता है।’’

याचिका में कहा गया है कि ये घटनाएं संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 17 और 21 के तहत प्रदत्त समता का अधिकार, समान अवसर, भेदभाव के खिलाफ अधिकार, अस्पृश्यता का अंत और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करती हैं।

याचिकाकर्ताओं ने केंद्र और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को यूजीसी समानता नियमनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

उन्होंने केंद्र और यूजीसी को यह भी निर्देश देने की मांग की है कि वे सुनिश्चित करें कि डीम्ड विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों समेत सभी विश्वविद्यालय यूजीसी के समानता नियमनों का अक्षरश: पालन करें।

caste discrimination
Scheduled Caste
scheduled tribes
cast-ism
high court
article 14

Related Stories

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

क्या लिव-इन संबंधों पर न्यायिक स्पष्टता की कमी है?

मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!

मध्य प्रदेश : मुस्लिम साथी के घर और दुकानों को प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद अंतर्धार्मिक जोड़े को हाईकोर्ट ने उपलब्ध कराई सुरक्षा

मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?

पत्नी नहीं है पति के अधीन, मैरिटल रेप समानता के अधिकार के ख़िलाफ़

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

भेदभाव का सवाल व्यक्ति की पढ़ाई-लिखाई, धन और पद से नहीं बल्कि जाति से जुड़ा है : कंवल भारती 


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    त्रिपुरा: बिप्लब देब के इस्तीफे से बीजेपी को फ़ायदा या नुक़सान?
    16 May 2022
    बिप्लब देब के प्रदर्शन से केंद्रीय नेतृत्व नाख़ुश था लेकिन नए सीएम के तौर पर डॉ. माणिक साहा के नाम के ऐलान से बीजेपी के पुराने नेता नाराज़ बताए जाते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा, मुस्लिम पक्ष ने कहा- फव्वारे का पत्थर
    16 May 2022
    सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन की ओर से दाखिल प्रार्थना-पत्र पर सीनियर सिविल जज ने वजुखाने की जगह को तत्काल सील करने का आदेश दिया है।
  • जेरेमी कोर्बिन
    केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन
    16 May 2022
    वैश्विक व्यवस्था संकट में नहीं है, जिसका कि कोई हल निकाला जा सकता है। दरअसल,यह सिस्टम ही संकट है और इसको दूर करना, उसको बदलना और उसे परिवर्तित करना होगा।
  • सोनाली कोल्हटकर
    जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं
    16 May 2022
    मौसम परिवर्तन एक जानलेवा ग़लत गणना का परिणाम है: वैश्विक कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफ़े के लिए ज़िन्दगियों को जोख़िम में डाला जा सकता है, यहां तक कि उन्हें गंवाया भी जा सकता है।
  • अजय सिंह
    मंगलेश को याद करते हुए
    16 May 2022
    मैं उसे किस रूप में याद करूं? ...मैं उसके उन इंसानी/वैचारिक पहलुओं के बारे में बात करना चाहूंगा, जो मुझे आज भी आकर्षित करते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License