हाल ही में जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने एक बयान ने जम्मू कश्मीर की राजनीति में एक विरोधाभास पैदा कर दिया है. महबूबा ने एक बयान में कहा कि जब तक उन्हें कश्मीर का झंडा वापस नहीं मिल जाता तब तक वो दूसरा झंडा नहीं उठाएंगे. उनके इस बयान के बाद बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने उन पर हमला शुरू कर दिया है। 'इतिहास के पन्ने' के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय कश्मीर के झंडे के इतिहास और इसकी राजनीतिक महत्व पर बात कर रहे हैं.