हमारे प्रधानमंत्री का दावा है कि लॉकडाउन के दौरान उनकी सरकार ने 80 करोड़ परिवारों तक अनाज पहुँचाया है। इसका मतलब हुआ कि यह 80 करोड़ परिवार ख़ुद से भोजन ख़रीद पाने की स्थिति में नहीं हैं, यानी देश में शहरी ग़रीबों और खेत मज़दूरों की एक बड़ी आबादी ऐसी है, जिन्हें कम पैसे पर खाना ख़रीदने की ज़रूरत पड़ती है। कृषि क़ानूनों से यह सब लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे। इसका असर सिर्फ़ किसानों पर नहीं, सब पर पड़ेगा। खेत मज़दूरों और दलितों के नेता लछमन सिंह सेवावाला को सुनिये, जो इस बात को बेहद स्पष्टता और बारीक़ी से समझा रहे हैं।