NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यह "इज्ज़त" के लिए हत्या नहीं, प्रणय जातिवादी आतंकवाद का शिकार है
"सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए, और अमृता के साथ खड़ा होना चाहिए।"
कार्तिक कुमार
20 Sep 2018
Karthik-Pranay

तेलंगाना के नलगोंडा ज़िले में मुथरेड्डी कुंटा में एक दलित युवा, प्रणय की भयानक हत्या के चार दिन बाद, कई कार्यकर्ता और शुभचिंतक उसकी पत्नी, अमृता वर्षानी का समर्थन करने के लिए उसके निवास पर आए।

एससी माला समुदाय से संबंध रखने वाले चौबीस वर्षीय प्रणय पेरुमुल्ला को शुक्रवार को दिनदिहाड़े मार दिया गया। भयानक कृत्य सीसीटीवी में कैद हो गयाI इसमें देखा गया कि एक हमलावर सुभाष शर्मा, जो बिहार का मूलनिवासी है, ने मिर्यालगुडा के एक निजी अस्पताल के बाहर प्रणय को एक धारदार हथियार से मार डालाI  प्रणय और अमृता, प्रणय की मां प्रेमलाता के साथ, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास नियमित जाँच के लिए अस्पताल गये थे, क्योंकि अमृता गर्भवती है।

नलगोंडा एसपी ए वी रंगनाथ ने पुष्टि की है कि यह एक जातिय हत्या थी जो लड़की के पिता टी मारुति राव के कहने पर की गयी थीI टी मारुति राज्य के एक बड़े रियल्टर और व्यापारी हैं जिनके मज़बूत राजनीतिक संबंध हैं। राव ने इस शादी का ज़ोरदार विरोध किया था क्योंकि प्रणय तथाकथित नीची जाति से था। राव कोमाटी समुदाय (वैश्य) से संबंध रखते हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति के वेमुला वीरेषम और कांग्रेस के करीम आदि सहित कई राज नेताओं ने कथित तौर पर इस अपराध का षड्यंत्र रचा था। पुलिस ने करीम को गिरफ्तार कर लिया है और पार्टी ने उसे निष्कासित भी कर दिया है।

हालांकि रंगनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह विभिन्न मीडिया चैनलों पर जाति आधारित हिंसा थी, लेकिन तेलुगु मीडिया ने इसे "इज्ज़त के नाम पर की गयी हत्या" कहा था, जिसका विरोध कई दलित बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं ने किया क्योंकि "सम्मान" शब्द निश्चित तौर पर हत्या को कुछ हद तक वैधता प्रदान करता है। प्रणय के घर का दौरा करने वाले एक दलित आईएएस अफ़सर अकुनुरी मुरली ने इस अपराध को “इज्ज़त के लिए की गयी हत्या” कहे जाने पर गुस्सा ज़ाहिर करते हुए कहा कि, “यह केवल मीडिया वर्ग, जाति और व्यापार के आधार पर भेद-भाव हैI यह जाति आधारित अहंकार है न कि इज्ज़त के लिए हत्याI”

मीडिया के इस नज़रिए का विरोध करने के लिए कई अन्य दलित कार्यकर्त्ताओं ने भी सोशल मीडिया पर अपने विचार पेश किये। एक वरिष्ठ वकील जयराजू येग्गोनी ने न्यूज़ मिनट को बताया कि "इस हत्या को जातिवादी और सांप्रदायिक तत्वों द्वारा 'सम्मान की हत्या' कहा जाना ही इस बात का सबूत है कि जाति व्यवस्था कितनी गहरी और क्रूर है। यह हमें याद दिलाता है कि इस देश के सामाजिक ताने-बाने में कुछ भी नहीं बदला है और जब तक कि जाति व्यवस्था रहेगी, तब तक दलितों को सुरक्षा की आवश्यकता है। दिनदिहाड़े अंजाम दी गयी इस निर्मम हत्या की समाज के सभी वर्गों को निंदा करनी चाहिएI”

राष्ट्रीय मीडिया द्वारा आसानी से अनदेखा कर दी गयी प्रणय की हत्या ने तेलंगाना के समाज को हिलाकर रख दिया। जातिय हिंसा की निंदा करने के लिए कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन और कैंडिल लाइट सभाएँ आयोजित की गयीं। बहुजन चिन्तक कांचा इलैया शेपर्ड  ने कहा कि, "रोहित वेमुला के बाद, प्रणय के मामले ने जाति आधारित अत्याचारों के बारे में चर्चा शुरू की है। एक जातिय आतंकवादी ने प्रणय की हत्या कर दी है। जातिय आतंकवाद खत्म होना चाहिए।"

हालांकि लोगों ने अमृता के साथ बेहद हमदर्दी जताई और उसके साथ खड़े नज़र आये, फिर भी कुछ जातिवादी तत्वों ने अपने फन खोले और कुछ ने तो लोग हत्या को न्यायसंगत बताने की भी कोशिश कीI इसके आलावा कुछ और भी थे जिन्होंने प्रणय के दलित होने पर ही सवाल उठाया क्योंकि उसके परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया थाI 'प्रणय के लिए न्याय'- अमृता द्वारा बनाए गए एक फेसबुक पेज में उसने अपने पति के लिए न्याय की मांग की हैI इस पेज पर भी ऐसी कई घृणास्पद टिप्पणियां हैं जो प्रणय की दलित पहचान को ख़ारिज करने की कोशिश करती हैं– यह वही स्थिति है जिसे स्वर्गीय रोहिथ वेमुला और उनका परिवार अब तक झेल रहा है।

एक दलित कार्यकर्ता और बहुजन प्रतिरोध फोरम की संयोजक सुजाता सुरेपल्ली ने कहा कि, "भारत में आप जाति से बच नहीं सकते, भले ही आप हिंदू धर्म से छोड़कर किसी और धर्म को अपना लें। जातिगत भेदभाव आपका पीछा नहीं छोड़ता भले ही आप किसी भी धर्म में चले जाएँI"

जातिगत भेदभाव की वजह से ही अमृता के पति की मौत हुई और इसके खिलाफ लड़ने का उनका इरादा काफी मज़बूत हैI इसे वजह से उन्हें 'भारत की मलाला' कहा जा रहा है। बहुजन लेखक, कांचा इलैया ने कहा कि मलाला ने जिस तरह पाकिस्तान में खतरों का सामना किया और उनसे लड़ाई की, अमृता भी 'जातिवादी आतंकवादियों' के खिलाफ लड़ रही हैं। एक अम्बेडकरियों और मार्क्सवादियों के संगठन टी-एमएएसएस (तेलगाना मास और सामाजिक संगठन) में शामिल इलैया ने कहा कि वे इसे राजनीतिक मुद्दा बनायेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अमृता को मिर्यालगुडा से निर्विरोध निर्वाचित किया जाना चाहिए।

इसी मांग की अनुगूंज तेलंगाना सीपीआई (एम) सचिव, तममिनीनी वीरभद्रम के शब्दों में भी सुनाई दी, उन्होंने कहा कि, "सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए और अमृता को सर्वसम्मति से चुना जाना चाहिए।"

रविवार को, मिर्यालगुडा में मुथरेड्डी कुंटा की सड़कों पर 'जय भीम' और 'जस्टिस फॉर प्रणय' के नारे के साथ विरोध प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए वे एकजुटता प्रदर्शित करने और प्रणय को अंतिम विदाई देने के लिए आए थे।

प्रणय और अमृता के बारे में

प्रणय पेरुमुल्ला और अमृता वर्षानी कक्षा 9 से एक-दूसरे को जानते थे। अमृता प्रणय से एक साल   जूनियर थी। अमृता के पिता मारुति राव को जब उनके रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल से प्रणय को निकालने की माँग की।

 प्रणय की मां प्रेमलाता, जो अपने बेटे और बेटी के साथ उस दुखद घटना वाले दिन मौजूद थीं, ने कहा कि, "प्रणय की बोर्ड परीक्षा से कुछ दिन पहले, प्रणय को स्कूल न आने के लिए कहा गया। इसने हमें पूरी तरह से तबाह कर दिया। बाद में, प्रणय ने अपनी परीक्षा दी और 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद, उसे 12वीं करने के लिए हैदराबाद में एक कॉर्पोरेट कॉलेज में भर्ती करवाया गयाI"

राव की आपत्तियों के बावजूद, अमृता और प्रणय ने अपना रिश्ता तोड़ा नहीं। अमृता ने आरोप लगाया कि उनके पिता ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने रिश्ता खत्म नहीं किया तो वे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। प्रणय के पिता, बलस्वामी भी इस आरोप से सहमत है। उन्होंने कहा, "करीम, जो स्थानीय कांग्रेसी नेता है, ने हमें कई मौकों पर ऐसी धमकी दी थी।"

हालांकि, सभी विरोधों और खतरों को खारिज करते हुए, प्रेमी युगल ने हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार आर्य समाज मंदिर में हैदराबाद में इस साल 30 जनवरी को विवाह कर लिया। जैसा कि लगा ही था, राव ने प्रणय के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करावा दिया। पुलिस ने जोड़े को मिर्यालागुडा टाउन-1 पुलिस स्टेशन में जांच के लिए बुलाया था, जहां अमृता ने कहा कि वह वयस्क है, और उसने अपनी इच्छा से शादी की है।

इस जोड़े ने पुलिस रेंज इंस्पेक्टर जनरल ऑफ स्टीफन रविंद्र से आग्रह करते हुए पुलिस से सुरक्षा मांगी थी। आईजी ने नलगोंडा जिला अधीक्षक को उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। "आरोप के तुरंत बाद, मैंने मारुति राव को बुलाया और कोइ गलत कदम न उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे," रंगनाथ ने कहा। पुलिस ने बताया कि राव को उप पुलिस अधीक्षक श्रीनिवास ने कई बार परामर्श दिया था।

इस बीच, नलगोंडा पुलिस ने मारुति राव (52), सुभाष कुमार उर्फ शर्मा (32), असगर अली (40), मोहम्मद अब्दुल भाड़ी (38), अब्दुल करीम (49), थिरुनागरु श्रवण (45) सहित सात आरोपी लोगों को गिरफ्तार किया है, और समुद्रला शिव (31)- माउथी राव के चालक को धारा 302 के तहत 34 आईपीसी, 120 (बी), 109 आईपीसी, और धारा 3 (2) (वी) अनुसूचित जाति और एसटी निवारण अधिनियम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है।

Pranay-Amrutha
Honour Killings
Caste Violence
Casteism

Related Stories

जाति के सवाल पर भगत सिंह के विचार

मध्य प्रदेश : धमकियों के बावजूद बारात में घोड़ी पर आए दलित दूल्हे

पंजाब चुनाव: पार्टियां दलित वोट तो चाहती हैं, लेकिन उनके मुद्दों पर चर्चा करने से बचती हैं

आज़ाद भारत में मनु के द्रोणाचार्य

उत्तराखंड: 'अपने हक़ की' लड़ाई अंजाम तक पहुंचाने को तैयार हैं दलित भोजन माता सुनीता देवी

उत्तराखंड : दलित भोजन माता की नियुक्ति और विवाद का ज़िम्मेदार कौन है?

जाति देखकर नंबर देने के आरोप में प्रोफेसर विक्रम हरिजन से इलाहाबाद विवि ने 2 साल बाद मांगे साक्ष्य

सूर्यवंशी और जय भीम : दो फ़िल्में और उनके दर्शकों की कहानी

हरियाणा: आज़ादी के 75 साल बाद भी दलितों को नलों से पानी भरने की अनुमति नहीं

महर्षि वाल्मीकि जयंती के बहाने स्वच्छकार समाज को धर्मांध बनाए रखने की साज़िश!


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    शहरों की बसावट पर सोचेंगे तो बुल्डोज़र सरकार की लोककल्याण विरोधी मंशा पर चलाने का मन करेगा!
    25 Apr 2022
    दिल्ली में 1797 अवैध कॉलोनियां हैं। इसमें सैनिक फार्म, छतरपुर, वसंत कुंज, सैदुलाजब जैसे 69 ऐसे इलाके भी हैं, जो अवैध हैं, जहां अच्छी खासी रसूखदार और अमीर लोगों की आबादी रहती है। क्या सरकार इन पर…
  • रश्मि सहगल
    RTI क़ानून, हिंदू-राष्ट्र और मनरेगा पर क्या कहती हैं अरुणा रॉय? 
    25 Apr 2022
    “मौजूदा सरकार संसद के ज़रिये ज़बरदस्त संशोधन करते हुए RTI क़ानून पर सीधा हमला करने में सफल रही है। इससे यह क़ानून कमज़ोर हुआ है।”
  • मुकुंद झा
    जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!
    25 Apr 2022
    “आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"
  • रवि शंकर दुबे
    कांग्रेस और प्रशांत किशोर... क्या सोचते हैं राजनीति के जानकार?
    25 Apr 2022
    कांग्रेस को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए प्रशांत किशोर को पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है। इसको लेकर एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं।
  • विजय विनीत
    ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?
    25 Apr 2022
    "चंदौली के किसान डबल इंजन की सरकार के "वोकल फॉर लोकल" के नारे में फंसकर बर्बाद हो गए। अब तो यही लगता है कि हमारे पीएम सिर्फ झूठ बोलते हैं। हम बर्बाद हो चुके हैं और वो दुनिया भर में हमारी खुशहाली का…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License