NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यह कौन सी देश भक्ति है जनाब ….
रणधीर सिंह सुमन
09 Jan 2016

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में कामोव 226टी के निर्माण के लिए अनिल अम्बानी की कंपनी रिलायंस डिफेन्स को चुना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सम्बन्ध में रूसी सरकार से सरकारी स्तर पर बातचीत भी चल रही थी। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग ने 15 दिसंबर को ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता को दर्शाने वाली एक रिपोर्ट ने रिलायंस डिफेंस को कामोव 226 टी के साझा निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी थी।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस रिपोर्ट में, “ रूस की सरकार ने करीब 200 कामोव 226 टी के साझा निर्माण के लिए रिलायंस डिफेंस एंड एयरोस्पेस का चुनाव किया, किन्तु मोदी व उनके रणनीतिकारों की रूस सरकार के सामने उनकी कोई बात नहीं चली। उस प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए रूस की कंपनी रोसटेक ने भारत में कामोव 226टी के निर्माण के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को अपना साझीदार चुना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रूस जाने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के प्रतिनिधि-मंडल में रिलायंस डिफेंस के अनिल अंबानी भी शामिल थे और अम्बानी यह उम्मीद कर रहे थे कि उन्ही की कंपनी को हेलीकाप्टर बनाने का कार्य मिलेगा।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक जब रशियन कंपनी को इस बात की जानकारी हुई कि रिलायंस कंपनी को कार्य करने का कोई अनुभव नहीं है, उस पर ऋण काफी ज्यादा है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर और रिलायंस कम्युनिकेशन जैसी कंपनियों पर कर्ज काफी ज्यादा है। यह राज भी खुला कि रिलायंस अपने पावर, रोड और सीमेंट जैसे कुछ उद्यमों को बेचने की कोशिश कर रहा है। कंपनी के पास 200 हेलिकॉप्टर बनाने के लिए वित्तीय पूँजी नहीं है।

मीडिया में आई खबरोंके मुताबिक भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधीन थिंक टैंक आई डी एस ए के उपमहानिदेशक रूमेल दहिया कहते हैं,“रिलायंस डिफेंस के पास किसी भी तरह का अनुभव नहीं है। नए सिरे से अगर साझा करते हैं तो उसको टेक्नोलॉजी समझने में दिक्कत होगी। एच ए एल को रूस निर्मित हथियारों को बनाने का काफी अनुभव है। मिग सीरिज के हवाई जहाजों  के अलावा चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों  पर काम किया है। मौजूदा समय में ध्रुव हेलिकॉप्टर पर काम कर रहे हैं। जबकि रिलायंस के पास इस तरह के काम का कोई अनुभव नहीं है”।

कहा जा रहा है कि इसके अलावा अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की खराब वित्तीय हालात भी साझीदार नहीं बन पाने में बड़ा कारण है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब 25 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। भारत की कंपनियों से जुड़ी जानकारी इकठ्ठा करने वाली कैपिटल लाइन के द्वारा जारी एक आंकड़े के मुताबिक अनिल अंबानी के अधीन कंपनियों पर कुल कर्ज एक लाख 14 हजार करोड़ रुपए के करीब है।

उधर हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के उपर किसी तरह का कर्ज नहीं है और जरूरत पड़ने पर सरकार कंपनी को मदद दे सकती है।

हमारे प्रधानमंत्री जी अनिल अम्बानी से लेकर टाटा तक मदद करने के लिए बेताब हैं और उनकी सारी विदेश यात्राओं का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि यहाँ की बड़ी कर्जदार मल्टी नेशनल कंपनियों को विदेशों के प्रोजेक्ट भारत में दिलाये जा सकें, देश के सार्वजानिक उद्योगों को चाहे नष्ट करना पड़े। प्राइवेट कम्पनियाँ उस काम को करने की माहिर भी न हो, लेकिन काम उन्हीं से कराया जायेगा ताकि जो फायदा हो वह उन कंपनियों को हो, देश को नहीं। मोदी साहब की यह नीति कौन सी नीति है इसका खुलासा सरकार को करना चाहिए। अगर इस तरह की नीतियां जारी रही तो निश्चित रूप से देश का भला नहीं होगा। वहीँ उनका थिंक टैंक देशभक्ति और राष्ट्रभक्ति की कौन से परिभाषा इन कामों के लिए तय कर रहा है?

सौजन्य: हस्तक्षेप

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख में वक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारों को नहीं दर्शाते ।

अम्बानी
अदानी
नवउदारवाद
भाजपा
नरेन्द्र मोदी
गुजरात मॉडल

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों 10 सितम्बर को भारत बंद

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

कोयला आयात घोटाला : अदानी समूह ने राहत पाने के लिए बॉम्बे हाइ कोर्ट का रुख किया

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

यूपी: योगी सरकार में कई बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License