देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन 1927 में दो निजी ट्रांसमीटरों से की गई। 1930 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और 1957 में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया।
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देश में आज एफएम और निजी चैनलों की भरमार है, लेकिन एक वक्त था, जब समाचार और मनोरंजन का एकमात्र साधन रेडियो और दूरदर्शन ही हुआ करते थे। आकाशवाणी की स्थापना 1927 में 23 जुलाई के दिन की गई थी और उस समय इस सेवा का नाम भारतीय प्रसारण सेवा (इंडियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन) रखा गया था।
देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन 1927 में दो निजी ट्रांसमीटरों से की गई। 1930 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और 1957 में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया।
सरकारी प्रसारण संस्थाओं को स्वायत्तता देने के इरादे से 23 नवंबर 1997 को प्रसार भारती का गठन किया गया, जो देश की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है और इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन और आकाशवाणी को शामिल किया गया है।