NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
नाटो के भविष्य को संकट में डाल सकता है एयूकेयूएस 
इस डील के परिणामस्वरूप दो ऐतिहासिक साझीदारों, अमेरिका एवं फ्रांस के संबंधों में गंभीर दरार आ गई है। इससे नाटो को भी आनुषांगिक रूप से घाटा हो सकता है।
जेम्स डब्ल्यू कार्डेन
25 Sep 2021
AUKUS May put NATO’s Future into Question
बेल्जियम के ब्रुसेल्स में नाटो का नया मुख्यालय।

अमेरिकी राष्ट्रपति जोए बाइडेन ने अफगानिस्तान युद्ध का साहसिक समापन करने के केवल कुछ ही हफ्ते बाद-कांग्रेस एवं मीडिया की तीखी आलोचना के बीच-अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया को मिला कर एक नए त्रिपक्षीय गठबंधन एयूकेयूएस की घोषणा की। 

एयूकेयूएस का गठन इसकी पुष्टि भर है कि बाइडेन प्रशासन का इरादा चीन को अपना निशाना बनाते हुए एशिया में एक नया शीत युद्ध छेड़ने का है। 

यह वह घटनाक्रम नहीं है, जिसका हमें स्वागत करना चाहिए। जैसा कि क्वींसी इंस्टिटयूट फॉर रिस्पांसिबल स्टेटक्रॉफ्ट के अनातोल लिवेन का हालिया आकलन है कि, "चीन के साथ एक नया शीत युद्ध अमेरिकी सैन्य-औद्योगिक शक्ति परिसर में लगातार लॉक रहेगा और अमेरिकी निगमों को लाभ पहुंचाने के मकसद से डिज़ाइन किए गए बेकार और अनावश्यक सैन्य कार्यक्रमों पर खरबों डॉलर खर्च करेगा, बजाए असल अमेरिकी नागरिकों की वास्तविक सुरक्षा में व्यय करने के।”

और इसलिए, बाइडेन ने जैसे ही एक जंग खत्म किया, उन्होंने खुद को एक अन्य शीत युद्ध में शामिल कर लियाः यह एक कदम आगे बढ़ाना, दो कदम पीछे खींचने जैसा है। 

एयूकेयूएस का प्रारंभ ही फ्रांस के साथ उच्चस्तरीय विवाद में फंस गया है। उसका आस्ट्रेलिया को 12 डीजल-इलेक्ट्रिक सबमैरिन मुहैया कराने को लेकर पहले करार हुआ था। इसी दौरान, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने एक लिखित वक्तव्य जारी कर कहा कि परमाणु पनडुब्बी अब फ्रांस की बजाए अमेरिका एवं ब्रिटेन मुहैया कराएंगे। 

यूरोपीयन नेता भी एयूकेयूएस के खिलाफ पूरी मजबूती से आ गए हैं। यूरोपीयन कॉंउसिल के प्रेसिडेंट चार्ल्स मिशेल एवं यूरोपीयन कमीशन के प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन दोनों ने ही अमेरिका के इस कदम की निंदा की है। और फ्रांस तो आग बबूला है। इस घटनाक्रम से बिफरे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका एवं आस्ट्रेलिया में तैनात अपने राजदूत बुला लिए हैं। फ्रांस के ही पूर्व राजदूत यूएस जेरार्ड अराउड ने अपने आकलन पर एक ट्विट किया है,“बड़ी और मंझोली शक्तियों के बीच विश्व प्रतिद्वंद्विता की इस नई वास्तविकता को फ्रांस को 2.0 गॉलिस्ट रुख की तरफ ले जाने की पहल करनी चाहिए। संबद्ध हों लेकिन गठबंधन नहीं करें। कुछ टकराव हमारे पैदा किए नहीं होते।” 

और इसलिए, एयूकेयूएस सौदे का नतीजा, जैसा कि हम अब देख रहे हैं, दो ऐतिहासिक सहयोगियों, अमेरिका और फ्रांस के बीच संबंधों में एक गंभीर दरार पैदा कर दी है। और इसमें नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) को भी आनुषंगिक क्षति हो सकती है। 

एयूकेयूएस विवाद ने ट्रांसअटलांटिक गठबंधन के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। याद कीजिए कि मैक्रों काफी समय से इस 75 वर्षीय गठबंधन के मुखर एवं सचेतन आलोचक रहे हैं। विश्व युद्धकाल में फ्रांस के नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति रहे चार्ल्स दि गॉल के स्व घोषित शिष्य कहे जाने वाले मैक्रों ने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति की विदेश नीति को “आयातित नवरूढ़िवाद” कहते हुए उसकी तीखी आलोचना करते रहे हैं। मैक्रों की विदेश नीति को वाशिंगटन एवं लंदन को परे रखते हुए सामरिक स्वायत्तता की एक खोज कही जा सकती है। 

बाइडेन की एयूकेयूएस पर शिकस्त मैक्रों को वह लाभप्रद स्थिति दे सकती है,  जिसकी उन्हें शेष यूरोप को अपनी दिशा में ले जाने के लिए आवश्यकता है, उस विदेश नीति की तरफ ले जाने के लिए जो महादेशीय सुरक्षा संरचना के पक्ष में दशकों पुरानी अटलांटिकवादी सर्वसहमति को खारिज करती है, जो समस्त यूरोप के हितों का ध्यान रखती है, जैसा कि दि गॉल ने एक बार कहा था, “अटलांटिक से यूराल तक।”

एयूकेयूएस पर मिल रही शिकस्त कम से कम फ्रांस को अपने पुराने सहयोगी रूस के करीब आने होने के लिए पुश कर सकता है। मैक्रों क्रेमलिन के साथ अपनी उस नीति के प्रति प्रतिबद्ध हो सकते हैं, जिसकी हाल ही में यूरोपीयन यूनियन में चर्चा कर अपने सहयोगियों की आलोचनाओं के निशाना बने थे। 

यह एंग्लो-अमेरिकी नवरूढ़िवादियों और लिबरल हॉक को उबलता छोड़ देगा, लेकिन ऐसा घटनाक्रम एक स्थिर एवं शांतिपूर्ण यूरोप के लिए बिल्कुल माकूल हो सकता है, जिसकी उसे जरूरत है।

(जेम्स डब्ल्यू कार्डेन ग्लोबट्रॉटर में राइटिंग फेलो हैं और वे अमेरिकी विदेश विभाग में सलाहकार रह चुके हैं।) 

अंग्रेजी में मूल रूप से प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

AUKUS May put NATO’s Future into Question

AUKUS
NATO
USA

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License