NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अमेरिकी जनजातीय समाज तांबे की खदान के लिए ट्रम्प की मंजूरी को लेकर चिंतित
अमेरिकी प्रांत एरिज़ोना में जनजातीय नेताओं ने हाल ही में पाया कि महत्वपूर्ण पर्यावरणीय समीक्षा की समय सीमा को दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
पीपल्स डिस्पैच
09 Dec 2020
अमेरिकी जनजातीय समाज

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की निवर्तमान अमेरिकी सरकार खनन वाले विवादास्पद भूमि सौदे को जल्द मंजूरी देने जा रही है। एरिज़ोना प्रांत के आदिवासी नेताओं ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प प्रशासन ओक फ़्लैट लैंड में लगभग 10 वर्ग किलोमीटर या 2,400 एकड़ भूमि को पृथक करने के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति देने की योजना बना रहा है जो टोंटो नेशनल फॉरेस्ट के अधीन आता है।

इस भूखंड को ऑस्ट्रेलियन माइनिंग कॉर्पोरेशन रियो टिंटो और बीएचपी समूह के संयुक्त उद्यम रिज़ॉल्यूशन कॉपर द्वारा संचालित एक तांबे की खान के लिए अदला-बदली की जा सकती है। रियो टिंटो इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में खनन विस्तार के लिए 46,000 साल पुराने आदिवासी स्थल को नष्ट करने के एक बड़े विवाद में शामिल था।

सरकार और रियो टिंटो द्वारा खदान के लिए तेजी से आगे बढ़ाने की मंजूरी के आरोपों से इनकार करने के बावजूद सरकारी दस्तावेज कुछ और ही बता रहे हैं। सितंबर महीने में सैन कार्लोस अपाचे जनजाति के नेताओं को बताया गया था कि इस साइट के लिए अंतिम पर्यावरणीय प्रभाव सर्वेक्षण की तारीख को दिसंबर 2020 तक आगे बढ़ा दिया गया था।

जनजातीय कार्यकर्ताओं और पर्यावरण समूहों ने लगातार इस भूखंड को लेकर इस उद्यम के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। यदि अंतिम ईआईएस रिपोर्ट इस साल के अंत तक पूरी हो जाती है तो यह ट्रम्प प्रशासन को खदान को मंजूरी देने के लिए हरी झंडी दे देगा।

प्रस्तावित खदान के खिलाफ आंदोलन का समन्वय करने वाले समूह अपाचे स्ट्रॉन्गहोल्ड द्वारा कॉल ऑफ एक्शन में कहा गया है, "अगर ट्रम्प के कार्यालय छोड़ने से पहले पर्यावरण की समीक्षा पूरी हो जाती है तो ये जनजाति खदान को रोकने में असमर्थ हो सकते हैं।"

जनवरी के मध्य में अपना कार्यकाल पूरा करने वाला ट्रम्प प्रशासन ओक फ्लैट में तांबे की खानों को खोलने के लिए जोर दे रहा है। बड़े पैमाने पर स्थानीय भूमि और पवित्र स्थलों के 7,000 एकड़ भूमि के अधीन आने वाले इस तांबे के भंडार का 1995 में अयस्कों की खोज के बाद से खनन निगमों द्वारा मांग की जाती रही है।

America
American tribals
American tribal society
Donand Trump

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति के बीच वार्ता का दांव और अफ़ग़ानिस्तान के बहाने शांति का दौर

क्या बंदूक़धारी हमारे ग्रह को साँस लेने देंगे


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License