12 मार्च 2021 को सुप्रीमकोर्ट ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए दायर की गयी एक जनहित याचिका पर विचार करना स्वीकार कियाI इससे किसको फ़ायदा होगा और देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए इसके क्या परिणाम होंगे? इतिहास के पन्ने के इस अंक में लेखक और वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय इस क़ानून के इतिहास और प्रासंगिकता पर चर्चा कर रहे हैंI