यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों को कश्मीर जाने देने और भारतीय सांसदों को अनुमति न देने को लेकर कांग्रेस और वाम सहित विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की निन्दा की। यही नहीं इन ईयू सांसदों की राजनीतिक विचारधारा और प्रतिबद्धता के साथ इस दौरे के प्रायोजक को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों को कश्मीर जाने देने और भारतीय सांसदों को अनुमति न देने को लेकर कांग्रेस और वाम सहित विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की निन्दा की। यही नहीं इन ईयू सांसदों की राजनीतिक विचारधारा और प्रतिबद्धता के साथ इस दौरे के प्रायोजक को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इसे ‘‘राष्ट्रीय शर्मिंदगी’’ करार देते हुए जवाबदेही की मांग की। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसे ‘पीआर स्टंट’ करार दिया और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने इसे संसद तथा इसकी संप्रभुता का ‘‘अपमान’’ करार दिया। वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता बिनय विश्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें भी जम्मू कश्मीर जाने देने की अनुमति दी जाए क्योंकि विदेशी प्रतिनिधियों के स्वागत में ‘‘लाल कालीन’’ बिछाया गया है।