NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
दिल्ली : अदालत ने निर्माण श्रमिकों के लिए पेंशन, राहत राशि के भुगतान को समयसीमा निर्धारित की
अदालत ने कहा कि उन मामलों में जिसमें दावे प्रक्रियाधीन हैं, उन्हें दो महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
भाषा
01 May 2021
दिल्ली : अदालत ने निर्माण श्रमिकों के लिए पेंशन, राहत राशि के भुगतान को समयसीमा निर्धारित की

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निर्माण श्रमिक बोर्ड के तहत पंजीकृत उन मजदूरों को पेंशन और अनुग्रह राहत राशि के भुगतान के लिए समय सीमा निर्धारित की जिनके दावे लंबित हैं।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि ऐसे मामलों में जिनमें दावा आवेदनों में कमियों के बारे में श्रमिकों को इंगित किया गया है, कमी को ठीक किये जाने के बाद जब जवाब मिले तो उसके तीन माह के भीतर बोर्ड को दावे पर प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।

अदालत ने कहा कि उन मामलों में जिसमें दावे प्रक्रियाधीन हैं, उन्हें दो महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।

453 और श्रमिकों द्वारा किए गए नए दावों से संबंधित मामलों को अदालत संज्ञान में लाया गया था। इसके बारे में न्यायमूर्ति सिंह ने बोर्ड को आवेदनों को तीन महीने के भीतर जांच पड़ताल करने और संसाधित करने का निर्देश दिया। वहीं जिसमें श्रमिकों को मौद्रिक लाभ प्राप्त होना है ऐसे मामलों को अदालत ने एक महीने की अवधि के भीतर शीघ्रता से वितरित करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि यदि ताजा 453 आवेदनों में कोई कमी पाई जाती है, तो संबंधित श्रमिकों को सूचित किया जाए और उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त होने के बाद, दावों को दो महीने के भीतर संसाधित किया जाए।

अदालत ने ये निर्देश निर्माण श्रमिकों की ओर से दायर कई अर्जियों पर सुनवायी करते हुए दिया। इन अर्जियों में इन श्रमिकों ने उस पेंशन के लिए अनुरोध किया था जो उन्हें भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण अधिनियम के तहत मिलनी है। साथ ही श्रमिकों ने दिल्ली सरकार द्वारा बोर्ड के साथ पंजीकृत श्रमिकों के लिए महामारी के दौरान घोषित 5,000 रुपये की राहत राशि के लिए भी अनुरोध किया था।

Delhi High court
Construction labor board
Workers and Labors

Related Stories

उनके बारे में सोचिये जो इस झुलसा देने वाली गर्मी में चारदीवारी के बाहर काम करने के लिए अभिशप्त हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: देश की सबसे बड़ी कोयला मंडी में छोटी होती जा रही मज़दूरों की ज़िंदगी

बसों में जानवरों की तरह ठुस कर जोखिम भरा लंबा सफ़र करने को मजबूर बिहार के मज़दूर?

नेपाल में झारखंड के 26 मजदूर कोरोना जैसी बीमारी से ग्रस्त, वापस लाने के लिए बस की व्यवस्था की गई

इतवार की कविता : मज़ूर

वैश्विक महामारी के दौर में मजदूर विरोधी नीतियों को तेजी से आगे बढ़ाती सरकार

पंजाब में प्रवासी मज़दूरों को बंधुआ बनाने के दावों में कितनी सच्चाई?

सीडब्ल्यूसी के बिना नोटिस के निकाले गए सैकड़ों मज़दूरों का प्रदर्शन

श्रम श्रमिकों का, पूंजी पूंजीपतियों की!

2020 : भारतीय श्रमिकों के लिए एक आपदापूर्ण वर्ष


बाकी खबरें

  • भाषा
    मैनचेस्टर सिटी को हराकर रियल मैड्रिड चैम्पियंस लीग के फाइनल में
    05 May 2022
    मैड्रिड ने 2018 के फाइनल में भी लिवरपूल को हराया था जिससे स्पेनिश क्लब ने रिकॉर्ड 13वां खिताब अपनी झोली में डाला था।
  • सबरंग इंडिया
    भीमा कोरेगांव: HC ने वरवर राव, वर्नोन गोंजाल्विस, अरुण फरेरा को जमानत देने से इनकार किया
    05 May 2022
    कोर्ट ने आरोपी की डिफॉल्ट बेल को खारिज करने के आदेश में जमानत और तथ्यात्मक सुधार की मांग करने वाली एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया
  • अजय कुमार
    उनके बारे में सोचिये जो इस झुलसा देने वाली गर्मी में चारदीवारी के बाहर काम करने के लिए अभिशप्त हैं
    05 May 2022
    यह आंकड़ें बताते हैं कि अथाह गर्मी से बचने के लिए एयर कंडीशनर और कूलर की बाढ़ भले है लेकिन बहुत बड़ी आबादी की मजबूरी ऐसी है कि बिना झुलसा देने वाली गर्मी को सहन किये उनकी ज़िंदगी का कामकाज नहीं चल सकता।…
  • रौनक छाबड़ा, निखिल करिअप्पा
    आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल
    05 May 2022
    देश भर में एलआईसी के क्लास 3 और 4 से संबंधित 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने अपना विरोध दर्ज करने के लिए दो घंटे तक काम रोके रखा।
  • प्रभात पटनायक
    समाजवाद और पूंजीवाद के बीच का अंतर
    05 May 2022
    पुनर्प्रकाशन: समाजवाद और पूंजीवाद के बीच का अंतर इस तथ्य में निहित है कि समाजवाद किसी भी अमानवीय आर्थिक प्रवृत्तियों से प्रेरित नहीं है, ताकि कामकाजी लोग चेतनाशील ढंग से सामूहिक राजनीतिक हस्तक्षेप के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License