NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दिल्ली LIVE: CAB और NRC के खिलाफ सड़क पर उतरे जामिया के छात्र, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
नागरिकता संशोधन बिल जो अब कानून बन गया है और एनआरसी के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के मार्च पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है और आंसू गैस के गोले छोड़े। इससे बड़ी संख्या में छात्र घायल हुए हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Dec 2019
Jamia Protest

नई दिल्ली: संसद द्वारा पारित किए नागरिकता (संशोधन) विधेयक और एनआरसी के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया में पढ़ने वाले छात्रों के एक समूह ने मार्च निकाला। हालांकि यह मार्च जामिया मेट्रो से लेकर संसद भवन तक होने वाला था लेकिन पुलिस ने इसे जामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक पर बैरीकेड लगाकर रोक दिया।

इसे लेकर छात्रों ने विरोध किया जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। अभी तक प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच पथराव जारी है। पुलिस की तरफ से कैंपस के भीतर आसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं।

इससे पहले प्रदर्शनकारियों में शामिल छात्र नाजिया ने कैब को लेकर कहा, 'एक धर्मनिरपेरक्ष देश में इस तरह का कानून बनने से पहले खारिज हो जाना चाहिए। भारत के लोगों ने ऐसे कानूनों को हमेशा से अस्वीकार किया है। इसे भी अस्वीकार कर दिया जाएगा। इसके लिए बस लोगों को सड़क पर उतरने की जरूरत है।'
IMG-20191213-WA0010 (1).jpg
वहीं एक अन्य छात्र असद ने कहा, ' यह कानून धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाला है। इससे देश में विभाजन के हालात पैदा होगें। बीजेपी सरकार इस तरह का कानून लाकर मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है। हम कैब और एनआरसी का विरोध करते हैं। यह सिर्फ मुसलमानों को डराने वाला है।'

आपको बता दें कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस याचिका में कहा गया है कि यह विधेयक संविधान के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
IMG-20191213-WA0005.jpg
वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है।  एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।

इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें उनके देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

CAB
Protest against CAB
Protest against NRC
Jamia Milia Islamia
Jamia Protest
Lathicharge in Jamia
Religion Politics

Related Stories

त्रिपुरा हिंसा: फ़ैक्ट फाइंडिंग टीम के वकीलों पर भी UAPA, छात्रों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं का त्रिपुरा भवन पर प्रदर्शन

विरोध-प्रदर्शन और चुनावी रणनीति बिगड़ने के डर से भाजपा ने सीएए को लटकाया?

सांप्रदायिक दंगों के ज़रिये किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने की कोशिश

बतकही: अब तुमने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठा दिए!

दिल्ली: जामिया हिंसा का एक साल, छात्रों का कैंडल मार्च

यूपी: हिरासत, गिरफ़्तारी, नज़रबंदी के बाद भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे

किसान आंदोलनः ब्राह्मण बनिया राष्ट्रवाद बनाम असली भारत

हाथरस बनाम बलरामपुर, यूपी बनाम राजस्थान की बहस कौन खड़ी कर रहा है!

सीएए विरोधी आंदोलन के साथ लेखक-कलाकार एकजुट, 23 मार्च, 14 अप्रैल को विशेष कार्यक्रमों का आह्वान

उसने गोली चलाई और कहा, 'सर जी! हालात कंट्रोल में हैं'…


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License