NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इराकः राष्ट्रपति ने अदनान अल-ज़ुर्फी को नया प्रधानमंत्री घोषित किया
अमेरिकी नागरिक जुर्फी को उनके अमेरिकी समर्थक रुख को देखते हुए संसदीय स्वीकृति जीतने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे।
पीपल्स डिस्पैच
18 Mar 2020
इराक

इराक के राष्ट्रपति बरहम सलिह ने अदनान अल-ज़ुर्फी को मंगलवार 17 मार्च को नया प्रधानमंत्री घोषित किया। ज़ुर्फी का नाम मोहम्मद अलावी के इस्तीफे के 15 दिन बाद घोषित किया गया था। अलावी ने 2 मार्च को इस्तीफा दे दिया था। अलावी 30 दिनों के भीतर संसदीय मंजूरी जीत पाने में विफल रहे थे।

54 वर्षीय ज़ुर्फी इराक के प्रांत नजफ़ के पूर्व गवर्नर हैं और 42 सीटों के साथ इराक की संसद में नस्र (जीत) गठबंधन के प्रमुख हैं। इस गठबंधन का नेतृत्व पहले पूर्व प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने किया था।

ज़ुर्फी के पास नया मंत्रिमंडल बनाने और संसद से अनिवार्य मंजूरी प्राप्त करने के लिए 30 दिनों का मौका है। यदि वह सफल होते हैं तो वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल महदी का स्थान लेंगे जिन्होंने सरकार की विफलता और सत्तारूढ़ दलों में व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शनों के बाद पिछले साल नवंबर महीने में इस्तीफा दे दिया था।

महदी अभी भी देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में अपनी अनिच्छा जाहिर की थी। राष्ट्रपति सालिह को प्रधानमंत्री के अधिकांश कर्तव्यों का निर्वाह करने के लिए मजबूर किया गया है।

ज़ुर्फी के पहले प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद तौफिक अलावी का भी विरोध किया था। उन्होंने राजनीतिक हलकों के बाहर या टेक्नोक्रेट वाली कैबिनेट बनाने के उनके वादों के बावजूद उन्हें 'मैन ऑफ इस्टैबलिश्मेंट' कहा था।

ज़ुर्फी भी इसी राजनीतिक व्यवस्था का एक हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव सामने आने के बाद अदनान अल-ज़ुर्फी ने पहले बयान में कहा कि वह अपना पद ग्रहण करने के एक साल के भीतर संसदीय चुनावों के लिए प्रक्रिया शुरू करेंगे। बगदाद पोस्ट ने रिपोर्ट किया कि ज़ुर्फी ने इराक में निजी हाथों में हथियारों के पहुंचने पर अंकुश लगाने का भी वादा किया जो देशों में मिलिशिया की गतिविधियों को नियंत्रित करने का संकेत है।

ज़ुर्फी एक अमेरिकी नागरिक है और उन्हें अमेरिका का क़रीबी माना जाता है जो देश की राजनीति में बाहरी हस्तक्षेप के विरोध में बने गुटों के प्रभुत्व वाली संसद में उनकी जीत के खिलाफ जा सकता है। राष्ट्रपति सालिह द्वारा उनके नामांकन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हशद अल-शाबी या पॉपुलर मोबिलाइज़ेशन फोर्सेज (पीएमएफ) का एक राजनीतिक संगठन फतह ब्लॉक ने इसे "असंवैधानिक कदम" कहा है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Iraq
Barham Salih
Adnan al-zurfi
America
Popular Mobilization Forces

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति के बीच वार्ता का दांव और अफ़ग़ानिस्तान के बहाने शांति का दौर

क्या बंदूक़धारी हमारे ग्रह को साँस लेने देंगे


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License