NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इराक़ी मिलिशिया ने अमेरिकी सेनाओं के देश छोड़ने पर युद्ध विराम का प्रस्ताव दिया
मिलिशिया ने इराक़ी संसद के प्रस्ताव की ओर इशारा किया है जिसमें इराक से विदेशी सैनिकों को हटाने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी सैनिकों के लिए इस देश में जगह नहीं है।
पीपल्स डिस्पैच
13 Oct 2020
kataib hezbollah
Image courtesy – Middle East Online

रविवार 11 अक्टूबर को एक इराक़ी संघ ने घोषणा की कि वे इराक में मौजूद अमेरिकी सैनिकों पर अस्थायी रूप से अपने रॉकेट / मिसाइल हमलों को इस शर्त पर स्थगित कर रहे हैं कि इराकी सरकार इन सैनिकों को देश से पूरी तरह से निकालने के लिए समय सारिणी के अनुसार योजना की दिशा में काम करेगी। इनमें से कई इराकी आतंकवादी समूह साल 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले और उसके बाद हुए क़ब्ज़े के बाद से अमेरिकी सेना से लड़ रहे हैं जो आज तक जारी है। इन समूहों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर अमेरिकी सेना "रहने पर ज़ोर" देती है, तो वे स्वतः और भी हिंसक हमलों का लक्ष्य बन जाएंगे।

इराक में मिलिशिया के सबसे शक्तिशाली समूहों में से एक कतेब हिज़बुल्लाह संघ की ओर से प्रकाशित बयान में खुद को 'इराकी रेसिस्टेंस कोऑर्डिनेशन कमीशन' बताते हुए कहा कि "इन गुटों ने सशर्त संघर्ष विराम किया है" और कहा कि "इसमें रेसिस्टेंस (यूएस-विरोधी) सभी गुट शामिल हैं" जिनमें अमेरिकी सेना को निशाना बनाते रहे हैं।" कतेब हिजबुल्लाह के प्रवक्ता मोहम्मद मोही ने यह भी कहा कि संघर्ष विराम के प्रस्ताव को विशेष रूप से इराकी सरकार को निर्देशित किया गया है, क्योंकि यह इराकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के निर्णय को लागू करने से ज़्यादा संबद्ध है।

इस साल जनवरी में इराकी क्षेत्र के अंदर अवैध और घातक अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी और इराकी शिया मिलिशिया के शीर्ष नेताओं में से एक अबू महदी अल-मुहांदिस की मौत के बाद इराकी संसद ने प्रस्ताव पारित किया जिसमें देश से सभी विदेशी सैनिकों के निष्कासन की बात कही गई है।

अमेरिकी सरकार ने हाल ही में संकेत दिया है कि वह यह तय कर रही है कि इराक में अपने दूतावास को बंद कर दिया जाए या नहीं क्योंकि उसके दूतावास पर लगातार मिसाइल हमला बढ़ रहा है। इसने यह भी चेतावनी जारी की है कि यह मामलों को अपने हाथों में लेगा और यदि इराकी सरकार देश में अमेरिकी सैनिकों और तैनाती स्थलों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहती है तो इराकी मिलिशिया को निशाना बनाकर हवाई हमले शुरू करेगा।

kataib hezbollah
Iraqi militia
US forces
America
Iraq

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति के बीच वार्ता का दांव और अफ़ग़ानिस्तान के बहाने शांति का दौर

क्या बंदूक़धारी हमारे ग्रह को साँस लेने देंगे


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License