NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिशाहीन और हताश करने वाला बजट: असीम दासगुप्ता
पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि 2021-22 का प्रस्तावित बजट देश की दो प्रमुख समस्याएं-बेरोजगारी और मुद्रास्फीति-से निबटने के अपने मकसद के बारे में कुछ नहीं कहता है।
संदीप चक्रवर्ती
03 Feb 2021
असीम दासगुप्ता

कोलकाता : हमारे देश के लोग मौजूदा समय में तीन बड़ी समस्याओं-बेरोजगारी, कोविड-19 महामारी और बढ़ती महंगाई-का सामना कर रहे हैं। लेकिन केंद्रीय बजट में इनके निदान के लिए कोई उपाय नहीं सुझाया गया है। यह कहना है, अर्थशास्त्री और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे सरकार में वित्त मंत्री रहे असीम दासगुप्ता का।

प्रो. दासगुप्ता संसद में बजट पेश होने के बाद न्यूजक्लिक से बातचीत में इसे “दिशाहीन” और “हतोत्साहित” करने वाला बताया क्योंकि देश की भयंकर समस्या बेरोजगारी को दूर करने और मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के अपने अगले लक्ष्य के बारे में इसमें कोई उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट के लिए एक वैकल्पिक वाम बजट भी था, जो इन मसलों का उचित हल प्रस्तुत कर सकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रो. दासगुप्ता वस्तुएं एवं सेवा कर (जीएसटी) मॉडल को मूर्त रूप देने के शुरुआती दिनों में वित्त मंत्रियों के एक एम्पॉवरमेंट ग्रुप की अध्यक्षता की थी। उन्होंने ताजा बजट प्रस्ताव के कुछ अहम बिंदुओं, खास कर सरकारी व्यय का विश्लेषण किया।

बेरोजगारी

प्रो. दासगुप्ता ने कहा कि जहां तक बेरोजगारी की समस्या से निबटने के लिए सरकारी व्यय के आवंटन का संबंध है, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए परिव्यय को चालू बजट में 1,11,500 करोड़ से घटा कर 73,000 करोड़ कर दिया गया है।

इसके अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि युवाओं के पुनर्शिक्षण कार्यक्रम को उनके रोजगार पाने में समर्थ बनाने के रूप में लिया जाना चाहिए। हालांकि गौर किये जाने लायक अपने स्वयं के विरोधाभासी वक्तव्य में, उन्होंने केंद्रीय योजनाओं से संबंधित नियोजित परिव्यय में 2020-21 के बजट में दी गई राशि 5,372 करोड़ रुपयों से घटा कर 3,842 करोड़ रुपये कर दी है, जबकि वह राशि पहले ही बहुत कम थी।

सार्वजनिक स्वास्थ्य

प्रो. दासगुप्ता ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ के मामले में, केंद्र सरकार ने माना है कि बड़े पैमाने पर कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की योजना में 80,000 करोड़ की जरूरत है, जबकि इसके लिए मात्र 35,000 करोड़ की राशि ही आवंटित की गई है। जाहिर है कि इससे देश में व्यापक टीकाकरण के अभियान में रुकावट आएगी। अपर्याप्त बजट के कारण टीकाकरण अभियान में विलम्ब हो सकता है या इसके चलते उसमें कटौती की जा सकती है।

मुद्रास्फीति

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के मद में भी, इस बजट प्रस्ताव में धन राशि में पहले की तुलना में कटौती कर दी गई है। चालू बजट में उसे आवंटित 3,44,077 करोड़ रुपये के बजाय आगामी बजट (2021-22) में मात्र 2,02,616 करोड़ रुपये का ही प्रस्ताव किया गया है। एफसीआई पूरे देश में खाद्यान्न खरीदने वाली सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है। यह देश में खाद्यान्नों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने में भी मुख्य भूमिका निभाती है।

इसके अलावा, डीजल और पेट्रोल पर लगातार कर जारी रहने से मालों की ढुलाई का परिवहन खर्च भी आसमान छू रहा है, जिसका असर उपभोक्ता सूचकांक पर दिखता है। हालांकि, बजट में इस मिश्रित मुद्रास्फीति से निबटने की सरकार की किसी इच्छाशक्ति के दर्शन नहीं होते।

कृषि

इसी तरह, सरकार का कृषि मद में किये गये आवंटन में भी उसका विरोधाभासी दृष्टिकोण उजागर होता है। एक तरफ तो सरकार इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने का दावा कर रही है, जबकि असलियत में कृषि क्षेत्र में बजट प्रावधान पहले की तुलना में कम हुए हैं। चालू बजट (2020-21) की 1,54,775 करोड़ की राशि की तुलना में अगले बजट में 1,48,301 करोड़ का ही प्रस्ताव किया गया है। इस बीच, सरकार ने खाद्यान्नों की सरकारी खरीद की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि का दावा किया है।

हालांकि, सवाल उठता है कि सरकार क्यों नये कृषि कानूनों के जरिये बड़े कॉरपोरेट्स को खेती-किसानी के क्षेत्र में लाने जा रही है? एक महीने से भी ज्यादा समय से पूरे देश में जारी किसानों के धरना-प्रदर्शनों के बावजूद सरकार कृषि कानूनों पर अपना पक्ष बार-बार बदलती रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तो इन प्रदर्शनों के चलते पिछले दो महीने से अधिकेंद्र बना हुआ है।

वित्त

केंद्र सरकार जीवन बीमा निगम (एलआईसी) समेत देश के राष्ट्रीय बीमा क्षेत्रों में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की राह चलने का प्रस्ताव कर रही है। इसके अंतर्गत, एफडीआई की मौजूदा सीमा 49 फीसदी से बढ़ा कर 74 फीसदी किये जाने का प्रस्ताव है। हालांकि ऐसे प्रयास देशहित में नहीं हैं, जैसा कि साक्ष्य है कि इन विदेशी बीमा कम्पनियों ने कई अन्य देशों में दिक्कतें ही पैदा की हैं।

इसके अलावा, यह बजट प्रस्ताव भी सरकार केआत्मनिर्भर भारत बनाने के दावे के विरोध में जा पड़ता है और जाहिर है कि, इस प्रस्ताव को वापस लेने के लिए पूरे देश में प्रदर्शन होगा।

वाम विकल्प

गौर करने वाली बात है कि, मौजूदा परिस्थितियों के दौरान भी, आर्थिक गिरावट को रोका जा सकता है, अगर देश की 20 फीसद आबादी को हरेक महीने में 7500 रुपये का आवंटन कर दिया जाए। यह सुविधा अगले दो महीने तक दी जाए, जैसा कि वाम विकल्प ने प्रस्तावित किया है।

यह भी कि व्यापक टीकाकरण योजना में और 45,000 करोड़ की धन राशि का आवंटन किया जाना चाहिए। इस मद में 2021-22 के बजट में 9,88,000 करोड़ की राशि की जरूरत होगी, जो कुल बजट राशि का तीन फीसद है।

यह वाम विकल्प देश में मांग को बढ़ावा देगा और मांग एवं आपूर्ति में संतुलन को प्रशस्त करेगा। इससे रोजगार भी बढ़ेगा। मांग-आपूर्ति में संतुलन का यह रास्ता इसके आगे महंगाई पर भी लगाम लगाने में मददगार होगा।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

It is a Directionless, Frustrating Budget: Asim Dasgupta

Budget 2021
Finance minister Nirmala Sitharaman
Unemployment Inflation
Asim Dasgupta
privatization
PPP model

Related Stories

इस साल यूपी को ज़्यादा बिजली की ज़रूरत

रेलवे में 3 लाख हैं रिक्तियां और भर्तियों पर लगा है ब्रेक

भारतीय रेल के निजीकरण का तमाशा

निजी ट्रेनें चलने से पहले पार्किंग और किराए में छूट जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं!

शिक्षा बजट: डिजिटल डिवाइड से शिक्षा तक पहुँच, उसकी गुणवत्ता दूभर

जेंडर बजट में कटौती, मोदी सरकार के ‘अमृतकाल’ में महिलाओं की नहीं कोई जगह

बैंक निजीकरण का खेल

भारतीय संविधान की मूल भावना को खंडित करता निजीकरण का एजेंडा

बैंक यूनियनों का ‘निजीकरण’ के ख़िलाफ़ दो दिन की हड़ताल का ऐलान

दिल्ली: बैंक कर्मचारियों के 'बैंक बचाओ, देश बचाओ' अभियान को ट्रेड यूनियनों, किसान संगठन का मिला समर्थन  


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License