NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
जेएनयू के छात्रों के मार्च को पुलिस ने रोका
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने संसद भवन की तरफ जा रहे शांतिपूर्ण मार्च को रोक दिया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, समिति गठित कर छात्रों को मूर्ख बना रहा है।’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Nov 2019
JNU

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर संसद भवन की तरफ मार्च करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें विश्वविद्यालय परिसर से आधा किलोमीटर के भीतर ही रोक दिया।

विश्वविद्यालय के छात्र, छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अपनी मांगों की तरफ संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सड़क पर उतरे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार शुल्क वृद्धि वापस नहीं ले लेती है तब तक वे प्रदर्शन करते रहेंगे।

सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने बाबा गंगनाथ मार्ग पर छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से आगे बढ़ने पर 600 मीटर की दूरी पर छात्रों को रोक दिया गया और कुछ ने जब आगे बढ़ने की कोशिश की तो उन्हें बलपूर्वक आगे बढ़ने नहीं दिया गया।
IMG-20191118-WA0014.jpg
शुरुआत में विश्वविद्यालय परिसर के बाहर से अवरोधक हटाए गए थे और छात्रों को मार्च करने की इजाजत दी गई। विश्वविद्यालय के छात्र छात्रावास नियमावली के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस नियमावली में छात्रावास के शुल्क में वृद्धि, ड्रेस कोड और आने-जाने का समय तय करने के नियम वाले प्रावधान हैं।

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने संसद भवन की तरफ जा रहे शांतिपूर्ण मार्च को रोक दिया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, समिति गठित कर छात्रों को मूर्ख बना रहा है। जब तक बातचीत हो रही है तब तक के लिए समिति शुल्क वृद्धि को खत्म क्यों नही कर देती है? हम लोग शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।’

इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तीन सदस्यीय एक समिति गठित की थी जो विश्वविद्यालय में सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों की सिफारिश करेगी।

विश्वविद्यालय के छात्र अक्षत ने कहा, ‘समिति गठित करने के बारे में मंत्रालय ने छात्रसंघ को कोई सूचना नहीं दी। प्रशासनिक अधिकारी और समिति को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए निर्वाचित छात्रसंघ से बात करनी चाहिए।’
IMG-20191118-WA0017.jpg
वहीं, एक अन्य छात्रा प्रियंका ने कहा, ‘शुल्क वृद्धि को आंशिक तौर पर वापस लेकर हमें लॉलीपॉप थमाया जा रहा है। मैं अपने परिवार में पहली ऐसी लड़की हूं जो विश्वविद्यालय पहुंची हूं। मेरी तरह कई अन्य हैं। शिक्षा कुछ धनी लोगों का ही अधिकार नहीं है।’

छात्रों ने बैनर और तख्तियां भी ले रखी हैं जिनमें ‘फीस वृद्धि वापस लो’, ‘ सभी के लिए छात्रावास सुनिश्चित करो’ और ‘सरकारी शिक्षा को बचाओ’ जैसे नारे लिखे हैं।

वहीं, नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अन्य छात्र ने कहा, ‘ हमने अपने कुलपति को लंबे समय से नहीं देखा है। यह समय है कि वह आएं और हमसे बात करें। शिक्षकों और अन्य माध्यम से हमसे अपील करने से अच्छा है कि उन्हें हमसे बात करनी चाहिए।’ विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय परिसर की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

JNU
JNUSU
Fee Hike
JNU March
MHRD
Student Protests
Section 144 applied

Related Stories

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

नौजवान आत्मघात नहीं, रोज़गार और लोकतंत्र के लिए संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ें

रेलवे भर्ती मामला: बर्बर पुलिसया हमलों के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने कोचिंग संचालकों पर कसा शिकंजा

रेलवे भर्ती मामला: बिहार से लेकर यूपी तक छात्र युवाओं का गुस्सा फूटा, पुलिस ने दिखाई बर्बरता

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़

झारखंड विधान सभा में लगी ‘छात्र संसद’; प्रदेश के छात्र-युवा अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी
    31 May 2022
    गुजरात के दलित स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौक़े पर बीआर अंबेडकर को समर्पित एक टन के पीतल का सिक्का लेकर संसद जायेंगे। वे सांसदों को याद दिलाना चाहते हैं कि वे छुआछूत मिटाने में नाकाम रहे हैं।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद पर मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव से खास बातचीत
    31 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी विवाद पर न्यूज क्लिक संवादाता तारिक अनवर ने मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव से बातचीत की। इस विवाद से जुड़े कई सवालों पर बात किया। जैसे कि जिला अदालत में आप इस…
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था
    31 May 2022
    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को जून में उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिकी देशों (अमेरिकाज़) के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करनी है; जिसके बहाने बाइडन यह उम्मीद कर रहे हैं कि अन्य अमेरिकी देशों पर वाशिंगटन…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी जी, देश का नाम रोशन करने वाले इन भारतीयों की अनदेखी क्यों, पंजाबी गायक की हत्या उठाती बड़े सवाल
    30 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने टाइम मैग्जीन में आए तीन भारतीयों (खुर्रम परवेज़, करुणा नंदी और गौतम अडानी) के साथ-साथ बुकर इंटरनेशनल अवार्ड जीतने वाली हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री की मोदी…
  • भाषा
    धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया
    30 May 2022
    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License