NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पुस्तकें
कला
समाज
साहित्य-संस्कृति
भारत
रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार 2021, 2022 के लिए एक साथ दिया जाएगा : आयोजक
उन्होंने बताया कि पत्रकार-लेखक राजकमल झा को 2020 में उनके उपन्यास ‘‘द सिटी एंड द सी’’ के लिए वार्षिक पुरस्कार के वास्ते चुना गया था, लेकिन अब अक्टूबर, 2022 में नयी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दोनों वर्षों के लिए एक साथ पुरस्कार दिए जाएंगे।
भाषा
08 Dec 2021
रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार 2021, 2022 के लिए एक साथ दिया जाएगा : आयोजक

रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार वर्ष 2021 और 2022 के लिए एक साथ दिया जाएगा। आयोजक और प्रकाशक पीटर बुंडालो ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि पत्रकार-लेखक राजकमल झा को 2020 में उनके उपन्यास ‘‘द सिटी एंड द सी’’ के लिए वार्षिक पुरस्कार के वास्ते चुना गया था, लेकिन अब अक्टूबर, 2022 में नयी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दोनों वर्षों के लिए एक साथ पुरस्कार दिए जाएंगे।

रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार के संस्थापक बुंडालो के हवाले से एक बयान में कहा गया है, ‘‘इस व्यवधान ने न केवल प्रकाशन और पुस्तक उद्योग को प्रभावित किया है। बल्कि, टैगोर पुरस्कार संगठन, उसके कर्मचारियों और उसके निर्णायक मंडल को भी प्रभावित किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने नामांकित व्यक्तियों और टैगोर पुरस्कार समुदाय के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी महसूस करते हैं और रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार 2021 को 2022 में एक साथ प्रदान कर अपने कलात्मक और साहित्यिक उच्च मानकों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने संबंधी अपने प्राथमिक उद्देश्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।’’

कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक आर्थिक संकट की वजह से 2020 में पुरस्कार राशि को 10,000 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 5,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया। बुंडालो ने 2018 में इसकी स्थापना विश्व शांति, साहित्य, कला, शिक्षा और मानवाधिकारों के लिए एक मंच के रूप में की थी।       

पुरस्कार एक साथ दिए जाने की घोषणा करने के अलावा, अमेरिका के प्रकाशक ने दोनों वर्षों के लिए प्रविष्टियां भी आमंत्रित कीं। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में और कोविड-19 स्वास्थ्य और सुरक्षा नियमों के तहत अक्टूबर 2022 में नयी दिल्ली में वार्षिक समारोह की मेजबानी की संभावना तलाशी जाएगी।

Book
ravindranathtagore
culture

Related Stories

किताब: यह कविता को बचाने का वक़्त है

देवी शंकर अवस्थी सम्मान समारोह: ‘लेखक, पाठक और प्रकाशक आज तीनों उपभोक्ता हो गए हैं’

लोकतांत्रिक व्यवस्था में व्याप्त खामियों को उजाकर करती एम.जी देवसहायम की किताब ‘‘चुनावी लोकतंत्र‘‘

‘शाहीन बाग़; लोकतंत्र की नई करवट’: एक नई इबारत लिखती किताब

पृथ्वी पर इंसानों की सिर्फ एक ही आवश्यक भूमिका है- वह है एक नम्र दृष्टिकोण की

सतत सुधार के लिए एक खाका पेश करती अंशुमान तिवारी और अनिंद्य सेनगुप्ता की किताब "उल्टी गिंनती"

तरक़्क़ीपसंद तहरीक की रहगुज़र :  भारत में प्रगतिशील सांस्कृतिक आंदोलन का दस्तावेज़

समीक्षा: तीन किताबों पर संक्षेप में

मास्टरस्ट्रोक: 56 खाली पन्नों की 1200 शब्दों में समीक्षा 

जन मुक्तियुद्ध की वियतनामी कथा- ‘हंसने की चाह में’


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License