NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
टूलकिट मामला: दिल्ली की अदालत ने कार्यकर्ता को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि बढ़ाई
शुक्रवार को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत से इस मामले को 15 मार्च तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया। इस मामले में सह आरोपी दिशा रवि और शांतनु मुकुल की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर इसी दिन सुनवाई होनी है।
भाषा
12 Mar 2021
टूलकिट मामला: दिल्ली की अदालत ने कार्यकर्ता को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि बढ़ाई

नयी दिल्ली :  किसानों के प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में सह-आरोपी ,एवं जलवायु कार्यकर्ता शुभम कर चौधरी की गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को तीन और दिन के लिए बढ़ा दी। चौधरी के अलावा दिशा रवि तथा कुछ अन्य व्यक्ति भी इस मामले में आरोपी हैं।

इस मामले में चौधरी ने अग्रिम जमानत की याचिका दी थी जिस पर पुलिस ने कार्यवाही के स्थगन की मांग की हालांकि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चौधरी को यह राहत दी।

बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने चौधरी को हाल में ट्रांजिट जमानत दी थी।

शुक्रवार को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत से इस मामले को 15 मार्च तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया। इस मामले में सह आरोपी दिशा रवि और शांतनु मुकुल की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर इसी दिन सुनवाई होनी है।

हालांकि आरोपी ने न्यायाधीश को सूचित किया कि उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए संरक्षण की अवधि आज समाप्त होने जा रही है, इस पर अदालत ने कहा, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक आरोपी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।’’

आरोपी की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल का मामला अन्य सह आरोपियों से बिलकुल अलग है क्योंकि टूलकिट बनाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

गोवा पीठ ने चौधरी को गिरफ्तारी से 12 मार्च तक संरक्षण प्रदान किया था ताकि वह दिल्ली की अदालत में जा सकें।

अदालत इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता 21 वर्षीय दिशा रवि को पहले ही जमानत दे चुकी है और वह टूलकिट दस्तावेजों के कथित संपादकों में से एक है।

Toolkit Case
Farmers Protests

Related Stories

किसान आंदोलन: 26 नवंबर को लखनऊ में होगी 'किसान महापंचायत'

यूपी: केंद्र ने चुनाव से पहले गन्ने की एफआरपी बढ़ाई; किसान बोले विफलताओं को छुपाने का ढकोसला

मिशन यूपी : आगामी चुनाव में बीजेपी के ख़िलाफ़ प्रचार करेंगे किसान

खोरी गांव के बाशिंदों के समर्थन में आएं ट्रेड यूनियन और युवाओं के समूह

‘टूलकिट’ मामले में दिल्ली पुलिस की जांच को कांग्रेस ने बताया गैरक़ानूनी, जांच से खुद को हटाया

राम सनेही घाट मस्जिद, ब्लैक फंगस के मामले और अन्य

हिसार : किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज की चारों तरफ़ आलोचना, प्रदर्शन की चेतावनी के बाद हिरासत में लिए गए किसान रिहा

भारत में लंबे समय से मौजूद कृषि संकट की जड़ क्या है?

कृषि क़ानूनों और उनसे पड़ने वाले प्रभावों के बारे में ढांड अनाज मंडी हमें क्या बताती है 

26 मार्च का भारत बंद होगा ऐतिहासिक: किसान संगठन


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License