इराक में बगदाद के पास ताजी बेस में एक गठबंधन सेना पर दागे गए रॉकेटों में बुधवार 11 मार्च को एक ब्रिटिश और दो अमेरिकी सैनिकों सहित कम से कम तीन विदेशी सैनिक मारे गए। रिपोर्टों के अनुसार इस हमले में कम से कम 12 अन्य सैनिक घायल हुए हैं। इस हमले में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।
अभी तक इन हमलों की जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले हमलों के लिए कथित तौर पर ईरान द्वारा समर्थित इराकी विद्रोहियों को दोषी ठहराया है। इराक में अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल माइल्स कैगिन्स द्वारा जारी बयान के अनुसार कम से कम 15 छोटे रॉकेटों ने इस बेस पर हमला किया है।
बुधवार की घटना में इराक में मारे गए कुल विदेशी सैनिकों की संख्या इस हफ्ते 5 तक पहुंच गई है। रविवार 7 मार्च को अमेरिका के दो सैनिक विद्रोही इस्लामिक स्टेट के खिलाफ ऑपरेशन में मारे गए थे।
इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अब्दुल आदिल मेहदी के कार्यालय ने इस हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है।
इराक में अमेरिकी और विदेशी सैनिकों पर हमले इस साल जनवरी में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद बढ़ गए हैं। जनरल सुलेमानी के साथ इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (पीएमएफ) के कमांडर अबू मेहदी अल-मुहंदिस भी मारे गए थे।
इस हत्या और इराकी विद्रोहियों के ठिकानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद उन्होंने इराकी सैनिकों को विदेशी सैनिकों से दूर रहने के लिए कहा है ताकि क्रॉस फायर में उनका नुकसान न हो।
इराक में 5200 से अधिक अमेरिकी सैनिक और सैकड़ों नाटो सेना हैं। आईएसआईएस के खिलाफ लड़ने के लिए इराकी बलों की सहायता के लिए इनमें से अधिकांश सैनिकों को 2014 के बाद तैनात किया गया था।
सुलेमनी और मुहंदिस की हत्या के बाद इराकी संप्रभुता के उल्लंघन के लिए विदेशी सैनिकों को दोषी ठहराते हुए संसद ने जनवरी में एक प्रस्ताव पारित कर इराक में सरकार से सभी विदेशी सैनिकों को देश से बाहर निकालने के लिए एक प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा था।
साभार : पीपल्स डिस्पैच