NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ पश्चिम बंगाल विधानसभा का दो दिवसीय सत्र
वामदलों और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा का सत्र बुलाने का अनुरोध किया था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Jan 2021
Mamata Banerjee

केरल, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने भी किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है।

विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 27 जनवरी को शुरू होगा, जिसमें राज्य सरकार केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर आंदोलनकारी किसानों के मुद्दों पर चर्चा करेगी।

राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार रात पत्रकारों के बताया कि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंधोपाध्याय को पत्र भेजकर विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया है।

उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।

चटर्जी ने कहा कि केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट होने के लिये प्रस्ताव का मसौदा कांग्रेस और वामदलों को भी भेजा जाएगा।

वामदलों और कांग्रेस ने एक जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा का सत्र बुलाने का अनुरोध किया था।

इससे पहले केरल ,दिल्ली और पंजाब विधानसभाएं भी किसानों के आंदोलन पर चर्चा कर चुकी हैं। इन विधानसभाओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास कर केंद्र से इन कानूनों तो तुरंत वापस लेने की मांग की है। यहां तक केरल के एकमात्र बीजेपी विधायक ने भी केंद्र विरोधी प्रस्ताव का समर्थन किया था।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

mamta banerjee
West Bengal Legislative Assembly
Farm Bills

Related Stories

बंगाल हिंसा मामला : न्याय की मांग करते हुए वाम मोर्चा ने निकाली रैली

किसान मोदी को लोकतंत्र का सबक़ सिखाएगा और कॉरपोरेट की लूट रोकेगा: उगराहां

किसानों की जीत: “यह आज़ादी का दूसरा आंदोलन रहा है”

बिहार में भी दिखा रेल रोको आंदोलन का असर, वाम दलों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया

किसान आंदोलन: करनाल हिंसा के विरोध में देश भर में आंदोलन, 5 सितंबर की महापंचायत की तैयारी ज़ोरों पर

बढ़ता जा रहा है बीजेपी नेताओं का विरोध, विधायक की कार का घेराव

ये देश है वीर किसानों का, मज़दूरों का, जवानों का...

किसान-आंदोलन राष्ट्रीय जनान्दोलन बनने की ओर!

किसान आंदोलनों का इतिहास: तीसा, त्रिवेणी और एका आन्दोलन

किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे: सिंघू बॉर्डर पर किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू 


बाकी खबरें

  • राजु कुमार
    मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी
    09 May 2022
    सिवनी की घटना से मध्यप्रदेश का पूरा आदिवासी क्षेत्र आक्रोशित है। आज कई आदिवासी संगठनों ने संयुक्त रूप से सिवनी बंद का आह्वान किया था, जो पूरी तरह सफल रहा। सिवनी से लगे गांवों के आदिवासी भी इस बंद में…
  • भाषा
    श्रीलंका में कर्फ्यू, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दिया
    09 May 2022
    श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगाये जाने के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला
    09 May 2022
    वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कहा है कि सर्वे की टीम के कमिश्नर को बदलने की मांग वाली याचिका पर फ़ैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा।
  • प्रभात पटनायक
    युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण
    09 May 2022
    दुनियाभर के गेहूं के कुल निर्यात में 30 फीसद हिस्सा रूस और यूक्रेन मिलकर मुहैया कराते हैं। विशेष रूप से अफ्रीका के अनेक देश उनकी खाद्यान्न आपूर्ति पर ही ज्यादातर निर्भर हैं।
  • असद रिज़वी
    यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन
    09 May 2022
    यूपी पुलिस पर नागरिक समाज का आरोप है कि वह अपराधियों से अधिक, पीड़ित और उसके परिवार पर खामोश रहने के लिए दबाव बना रही है। “धमकाना , वसूली, झूठे मुकदमों में फंसा देने की धमकी जैसे अब आम बात हो गई है।”
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License