NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज त्रासदी मामले में निलंबित दो वरिष्ठ डॉक्टर हुए बहाल
इसी मामले में निलंबित किए गए डॉ.कफील खान को बहाल नहीं किया गया है। वह मथुरा जेल में बंद हैं और उन पर एक अन्य मामले में रासुका के तहत कार्रवाई की गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Mar 2020
डॉ.सतीश कुमार (बाएं), डॉ.राजीव मिश्रा (दाएं)
डॉ.सतीश कुमार (बाएं), डॉ.राजीव मिश्रा (दाएं)

गोरखपुर : गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 2017 में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के मामले में निलंबित किए गए कॉलेज प्राचार्य समेत दो वरिष्ठ डॉक्टरों को बहाल कर दिया गया है। हालांकि दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी रहेगी। 

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.गणेश कुमार ने शुक्रवार को 'भाषा' को बताया कि सरकार के आदेश के मुताबिक निलंबन के वक्त मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रहे डॉ.राजीव मिश्रा और एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख रहे डॉ.सतीश कुमार को मेडिकल कॉलेज में फिर से तैनाती दे दी गई है। 

उन्होंने बताया कि डॉ.राजीव मिश्रा ने मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में फैकल्टी के पद पर जबकि डॉ.सतीश कुमार ने एनेस्थीसिया विभाग में फैकल्टी के पद का कार्यभार संभाल लिया है। 

kafeel.png

हालांकि इसी मामले में निलंबित किए गए डॉ. कफील खान को बहाल नहीं किया गया है। वह मथुरा जेल में बंद हैं और उन पर एक अन्य मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है। 

डॉ. राजीव मिश्रा और सतीश कुमार को 10-11 अगस्त 2017 को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण 30 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में कुल नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। 

अभियुक्तों में मिश्रा की पत्नी डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला भी शामिल हैं। वह अगस्त 2019 में सेवानिवृत्त हो चुकी हैं और उच्चतम न्यायालय ने 27 जुलाई 2018 को उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। 

गोरखपुर न्यूज़लाइन के मुताबिक डॉ. पूर्णिमा शुक्ल को भी बहाल कर दिया गया है। डॉ. राजीव मिश्र और डॉ. सतीश कुमार ने बीआरडी मेडिकल कालेज में पांच मार्च को अपने-अपने विभाग में ज्वाइन कर लिया है।

बहाली के आदेश में कहा गया है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में बच्चों की हुई आकस्मिक मृत्यु की घटना में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के उपरान्त 12 अगस्त 2017 के निलम्बन आदेश को समाप्त कर सेवा में बहाल किए जाने की स्वीकृति राज्यपाल द्वारा की गई है। आदेश में यह भी कहा गया है कि दोनों चिकित्सकों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही जारी रहेगी।

इनके अलावा अन्य आरोपियों फार्मासिस्ट गजानंद जायसवाल के निलम्बन के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। लिपिक  सुधीर कुमार पांडेय, संजय कुमार त्रिपाठी, उदय प्रताप शर्मा के खिलाफ अभी तक विभागीय जाँच ही शुरू नहीं हो पायी है।
इस मामले में सबसे ज़्यादा कष्ट डॉ. कफील ने ही झेला है। उनको जाँच अधिकारी ने आक्सीजन कांड से जुड़े दो आरोपों में बरी कर दिया लेकिन सरकार ने जाँच रिपोर्ट की अस्वीकार कर दिया और फिर से जाँच करने का आदेश दे दिया। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में सीएए के मुद्दे पर कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में अदालत से ज़मानत मिलने के बावजूद उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में बंद कर दिया गया। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Gorakhpur
BRD medical collage
Dr rajeev mishra
Dr satish kumar
बीआरडी मेडिकल कालेज
Dr kafeel

Related Stories

गोरखपुर : सेवायोजन कार्यालय में रजिस्टर्ड 2 लाख बेरोज़गार, मात्र 4.42% को मिला रोज़गार

यूपी चुनाव: योगी और अखिलेश की सीटों के अलावा और कौन सी हैं हॉट सीट

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पर गंभीर आरोप, शिक्षक और छात्र कर रहे प्रदर्शन

मेरठ से गोरखपुर: यूपी में लाल-हरे-पीले से भगवा भयभीत?

गोरखनाथ मंदिर प्रकरण: क्या लोगों को धोखे में रखकर ली गई ज़मीन अधिग्रहण की सहमति?

डॉ. कफ़ील को तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश

यूपी: भारतीय जनता पार्टी के भीतर सब ठीक नहीं है?

डॉ. कफ़ील की रिहाई के लिए बिहार में प्रदर्शन, ट्विटर पर भी चला ज़ोरदार अभियान

यूपी : पुलिस द्वारा कथित पिटाई के बाद युवक ने की आत्महत्या

डॉ. कफ़ील का पीएम मोदी को ख़त : संकट की घड़ी में देश की सेवा करना चाहता हूं


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License