NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कवि वरवर राव मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती
परिवार के अलावा देशभर के कवि, लेखकों, बुद्धिजीवियों ने उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता जताई है। समझा जा रहा है कि इसी दबाव का नतीजा है कि वरवर राव को सोमवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
14 Jul 2020
varavara rao
image courtesy : The Hindu

मुंबई: एल्गार परिषद-माओवादी संबंधों के मामले में गिरफ्तार कवि एवं कार्यकर्ता वरवर राव को चक्कर आने की शिकायत के बाद यहां सरकारी जे जे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

राव (80) पिछले करीब दो साल से जेल में बंद हैं। उन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है।

कार्यकर्ता और उनके परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि वह कुछ समय से अस्वस्थ हैं और उन्होंने जेल प्राधिकारियों से उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सेवा मुहैया कराए जाने की मांग की थी।

कार्यकर्ता के वकील आर सत्यनारायण अय्यर ने कहा, ‘‘राव को चक्कर आने के बाद सोमवार रात जे जे अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल उनकी कुछ जांचें कर रहा है।’’

राव ने अस्थायी जमानत का अनुरोध करते हुए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और इसके लिए उन्होंने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य एवं वर्तमान कोविड-19 महामारी का हवाला दिया था।

कार्यकर्ता ने अदालत से यह भी अनुरोध किया था कि वह जेल प्राधिकारियों को उनका मेडिकल रिकार्ड पेश करने और उन्हें किसी अस्पताल में भर्ती कराए जाने का निर्देश दे।

राव ने अपने वकील आर सत्यनारायण अय्यर के माध्यम से उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की थीं। एक में विशेष एनआईए अदालत द्वारा 26 जून को उनकी जमानत याचिका खारिज किये जाने को चुनौती दी गयी थी, जबकि दूसरी याचिका में नवी मुम्बई की तलोजा जेल के अधिकारियों को उनका मेडिकल रिकार्ड पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।

राव और नौ अन्य कार्यकर्ताओं को एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की प्रारंभ में पुणे पुलिस ने जांच की थी लेकिन इस साल जनवरी में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया।

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 में पुणे के एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित उत्तेजक भाषण देने से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार इसी के बाद अगले दिन कोरेगांव भीमा वार स्मारक के पास हिंसा हुई थी।

पुलिस ने यह भी दावा किया था कि इस सम्मेलन का जिन लोगों ने आयोजन किया था, उनका कथित रूप से माओवादियों से संबंध था।

इससे पहले भी उन्हें मई के अंत में स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के चलते मुंबई के इसी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय भी उनकी पत्नी हेमलता ने कहा था कि चूंकि वरवर राव पहले ही “फर्जी आरोपों और बिना किसी सुनवाई के” 18 माह की कैद काट चुके हैं, इसलिए उन्हें तत्काल जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।

इस बार भी परिवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वरवर राव के स्वास्थ्य के प्रति गहरी चिंता जताई है। रविवार सुबह बुलाई गई एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में, वरवर राव के परिवार के सदस्यों ने उनके स्वास्थ्य में आ रही ख़तरनाक गिरावट के बारे में बताया और कहा कि उन्हें किसी भी तरह का इलाज नहीं मिल रहा है।

इसे पढ़ें : “उन्हें जेल में मत मारो” : वरवर राव के परिवार ने लगाई गुहार

इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद इसे लेकर मीडिया में ख़बरें आईं और देशभर के कवि, लेखकों, बुद्धिजीवियों ने उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता जताई। समझा जा रहा है कि इसी दबाव का नतीजा है कि वरवर राव को सोमवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया।

varavara rao
Varavara Rao admited in Hospital
Bhima Koregaon Case
UAPA

Related Stories

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

भीमा कोरेगांव: HC ने वरवर राव, वर्नोन गोंजाल्विस, अरुण फरेरा को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली दंगा : अदालत ने ख़ालिद की ज़मानत पर सुनवाई टाली, इमाम की याचिका पर पुलिस का रुख़ पूछा

RTI क़ानून, हिंदू-राष्ट्र और मनरेगा पर क्या कहती हैं अरुणा रॉय? 

कश्मीर यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर को 2011 में लिखे लेख के लिए ग़िरफ़्तार किया गया

4 साल से जेल में बंद पत्रकार आसिफ़ सुल्तान पर ज़मानत के बाद लगाया गया पीएसए

गाँधी पर देशद्रोह का मामला चलने के सौ साल, क़ानून का ग़लत इस्तेमाल जारी

कश्मीरः जेल में बंद पत्रकारों की रिहाई के लिए मीडिया अधिकार समूहों ने एलजी को लिखी चिट्ठी 

त्रिपुरा हिंसा के पीड़ितों ने आगज़नी में हुए नुकसान के लिए मिले मुआवज़े को बताया अपर्याप्त

सामाजिक कार्यकर्ताओं की देशभक्ति को लगातार दंडित किया जा रहा है: सुधा भारद्वाज


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License