जब देश के समक्ष महामारी, बेरोजगारी, आर्थिक बेहाली और समाज में नफरत और विभाजन जैसे बड़े सवाल और बड़ी चुनौतियां हैं, हमारे प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि अब से देश हर साल 14 अगस्त को 'पार्टीशन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाये! इस आह्नान का क्या मतलब और औचित्य है? क्या ऐसा दिवस मनाकर हम आज के अपने समाज को समावेशी बनाने और परिष्कृत करने में कामयाब होगे? #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण: