नई दिल्ली: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि देश, आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है और सरकार ‘तमाशे’ में मशगूल है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की शिथिलता सम्बंधी रिपोर्टो का हवाला देते हुए येचुरी ने सरकार के प्रयासों की आलोचना की और कहा कि हालात को बेहतर बनाने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक गति की सुस्ती चरम पर है जिसके कारण जन सामान्य की गुजर बसर बुरी तरह प्रभावित हुई है। सरकार के पास ना तो स्थिति को सुधारने की कोई योजना है ना ही सरकार अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार कर रही है।
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, 'समाज टूट रहा है, अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है, सरकार तमाशे और प्रचार में व्यस्त है। यही इस सरकार की उपलब्धि है।'
आपको बता दें कि येचुरी ने इससे पहले भी देश में ‘गहराते आर्थिक संकट’ को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की थी और उस पर उद्योगपतियों को रियायतें देने एवं किसानों की दुर्दशा की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
येचुरी ने कहा था कि केवल वाम दल ही देश में ‘दक्षिणपंथी भटकाव’ और ‘स्पष्ट फासीवादी प्रवृत्ति’ को चुनौती दे सकते हैं। येचुरी ने कहा, ‘मोदी सरकार ने पिछले महीनों में देश के अमीरों को 2.25 लाख करोड़ रुपये की राहत दी है लेकिन किसानों की मदद से मुंह फेर लिया है जो कृषि क्षेत्र के संकट के चलते आत्महत्या करने के लिए विवश हैं।’
येचुरी ने दावा किया था, ‘स्थिति बहुत खराब है और लोगों का जीवन विनाश के कगार पर है। बेरोजगारी पिछले 50 सालों के चरम पर है, उद्योग एवं कारोबार चौपट हैं तथा नौकरियां जा रही हैं। कृषि क्षेत्र पर सबसे अधिक मार पड़ी है और किसान आत्महत्या के लिए विवश हैं।’
उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन एवं दूरसंचार क्षेत्रों में शत प्रतिशत विदेशी निवेश से देश की सुरक्षा के लिए ‘खतरा’ उत्पन्न होगा। येचुरी ने सरकार से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए उद्योगपतियों को रियायतें देने और शेयर बाजार में सट्टेबाजी के बजाय स्थानीय मांग में वृद्धि के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश करने का आह्वान किया है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)