NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गौरी लंकेश का क़त्ल , प्रतिरोध का गाला घोटने की कोशिश है
ये बहुत खतरनाक बात है कि एक तरफ देश की सत्ता में काबिज़ लोग लगातार अवैज्ञानिक और अतार्किक मुहिमों को  हवा दे रहे हैं , वहीं दूसरी तरफ जनवादी लोगों के क़त्ल आम हो रहे हैं
ऋतांश आज़ाद
06 Sep 2017
गौरी लंकेश का क़त्ल , प्रतिरोध का गाला घोटने की कोशिश है
गौरी लंकेश

5 सितम्बर  की रात को बंगलुरु की जानी  मानी  पत्रकार  गौरी लंकेश  की  उनके  घर के सामने  गोली  मारकर  हत्या  कर दी  गयी।  उनके  सीने में अनजान हत्यारों द्वारा 4  गोलियां  दागी गयीं  और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी। उनके पड़ोसियों का कहना था कि  रात  8  बजे के क़रीब उन्हें  कुछ  पटाखों की  आवाज़ें सुनाई  दीं,  जिन्हें  सुनकर वो बाहर आये। बाहर आने के बाद उनके  पड़ोसियों को समझ आया की वो आवाज़ें  असल में गोलियों  की थीं , और उन्होंने देखा की लंकेश की लाश  खून से  लथपथ पड़ी थी। 
गौरी के  घर के सामने एक अपार्टमेंट के चौकीदार ने बताया " मैं बस खाना खाने बैठ ही रहा था कि मुझे पटाखों के फ़टने जैसी आवाज़ें आने लगीं।जब मैं बाहर आया तो मैंने देखा कि लोग अपनी बाल्कनियों से बाहर  देख रहे थे। उनके घर का दरवाज़ा खुला हुआ था और उनकी गाड़ी बाहर खड़ी थी। वहां और कोई नहीं था "पुलिस का कहना है कि " ये घटना रात 8 बजे को हुई और उनके सीनें में चार गोलियां मारी गयीं " पुलिस को उम्मीद है कि  गौरी के घर में लगे cctv कैमरे  से हत्यारों की कुछ तस्वीरें मिल सकती हैं।

लम्बे समय से गौरी के दोस्त और सह पत्रकार  शिवसुन्दर  का कहना था " वो लगातार बहुत सी धमकियों का सामना कर रही थीं। अगर आप उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर नज़र डालें तो उन्हें दक्षिणपंथियों द्वारा लगातार धमकियाँ मिल रही थीं , दक्षिणपंथी ताकतों का उन्होंने जीवन भर विरोध किया था। पर  वो  अपनी सुरक्षा के बारे में हमेशा बेपरवाह रहती थीं। उनके घर में कुछ समय पहले ही चोरी हुई थी , जिसके बाद मैंने और उनके बाकी दोस्तों ने उन्हें घर पर cctv कैमरा लगाने को कहा। हमें  उम्मीद है की इससे कुछ परिणाम  निकलेंगे क्योंकि घटना के समय कैमरा  ऑन थे।"

उनकी मौत की ख़बर आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर काफ़ी प्रतिक्रियाएं आने लगीं हैं। जाने माने  गीतकार जावेद अख्तर ने लिखा ''दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और अब गौरी लंकेश. अगर एक ही तरह के लोगों को मारा जा रहा है तो इन्हें मारने वाले किस तरह के लोग हैं?'' वहीं पत्रकार राना अयूब ने लिखा "देश की हर गली में एक गोड्से घूम रहा है. गौरी को लगभग हर संभावित दक्षिणपंथी संगठन से धमकी मिली थी। क्या भारत को अब भी शर्म नहीं  आती ?" इनके  आलावा ऊना आंदोलन के नेता जिग्नेश मीवानी  और अन्य  पत्रकारों ने भी इस घटना पर अपना गम और गुस्सा ज़ाहिर किया है।  
रात से ही इस घटना  के खिलाफ विरोध सड़कों पर उतरने लगा  है । 6 सितम्बर को सारे  देश  में इसके खिलाफ़ पत्रकारों , सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।  ये विरोध के सुर आने वाले दिनों में और तीखे होने की उम्मीद है। 

दाभोलकर , पानसारे   और कलबुर्गी की  तरह  गौरी भी  दक्षिणपंथी  राजनीती की मुखर विरोधी  थीं  और उनकी हत्या को इसी प्रसंग  में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि  इन सब लेखकों और विचारकों के क़त्ल की वारदातें भी एक जैसी हैं। यहाँ तक कि  ये  भी पता चला है कि  पानसारे  और कलबुर्गी की हत्या एक ही पिस्तौल से की गयी थी।  ये कायराना हरकत साफ़  तौर पर फासीवादी राजनीती से प्रेरित  है। इन ताक़तों  को राजनैतिक संरक्षण भी  मिल रहा क्योंकि अब   तक "सनातन संस्था " जिस पर दाभोलकर , पानसरे और कलबुर्गी के क़तल का आरोप है , पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है । ना सिर्फ संघ परिवार  पर कांग्रेस से  भी ये सवाल पूछा जाना चाहिए कि इन घटनाओं के  दोषियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की  गयी  ? कांग्रेस की कर्णाटक सरकार अब तक कलबुर्गी के मामले में दोषियों को क्यों नहीं पकड़ सकी है ? ये बहुत खतरनाक बात है कि एक तरफ देश की सत्ता में काबिज़ लोग लगातार अवैज्ञानिक और अतार्किक मुहिमों को  हवा दे रहे हैं  वहीं दूसरी तरफ जनवादी लोगों के क़त्ल आम हो रहे हैं। ये भय का माहौल निश्चित तौर पर जनवादी आवाज़ों को ख़ामोश करने के लिए बनाया जा रहा है , जिससे फासीवादी ताक़तें सत्ता पर पूरी तरह काबिज़ हो जाये  । सारी जनवादी आवाज़ों को एक सुर में बोलने की ज़रुरत है और इसके खिलाफ एक वैकल्पिक राजनीति की मांग  हर रोज़ बढती जा  रही है। इसी  पर  गौरी लंकेश का आखरी ट्वीट याद करने  की ज़रुरत है जिसमें  वो कहती है ''मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हममें से कुछ लोग आपस में ही लड़ाई लड़ रहे हैं. हम अपने सबसे बड़े दुश्मन को जानते हैं. क्या हम सब प्लीज़ इस पर ध्यान लगा सकते हैं.''

Original published date:
06 Sep 2017
गौरी लंकेश
भाजपा
तार्किक सोच पर हमला
फ़ासीवाद

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

यूपी: योगी सरकार में कई बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

क्या भाजपा शासित असम में भारतीय नागरिकों से छीनी जा रही है उनकी नागरिकता?

बिहार: सामूहिक बलत्कार के मामले में पुलिस के रैवये पर गंभीर सवाल उठे!


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License