NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
2021 :  एक मांगपत्र, अगर मान लिया जाए तो साल नया हो जाए
ख़ैर! अब जब दो हजार इक्कीस लग ही गया है, तो कम से कम थोड़ा-बहुत तो नया बन के दिखाए। ख़ैर, अभी भी टैम है। सरकार बस नए साल का यह मांगपत्र मान ले, 2021 के नया साल होने की गारंटी है।
राजेंद्र शर्मा
05 Jan 2021
किसान
प्रतीकात्मक तस्वीर। किसान एकता मोर्चा की फेसबुक वॉल से साभार

आखिरकार, दो हजार बीस खत्म हो गया और दो हजार इक्कीस लग ही गया। किसान अब भी सर्दी-बारिश में राजधानी के बार्डर पर ही बैठे हैं, पर दो हजार इक्कीस लग गया।

कोरोना अब भी सता रहा है, पर दो हजार इक्कीस लग गया।

इकॉनामी अब भी गड्ढ़े  में पड़ी है, पर दो हजार इक्कीस लग गया।

लव के खिलाफ जेहाद जारी है, पर दो हजार इक्कीस लग गया।

मोदी जी अब भी इलेक्शन मोड में हैं, फिर भी दो हजार इक्कीस लग गया।

खैर! अब जब दो  हजार इक्कीस लग ही गया है, तो कम से कम थोड़ा-बहुत तो नया बन के दिखाए।

खैर, अभी भी टैम है। सरकार बस नए साल का यह मांगपत्र मान ले, 2021 के नया साल होने की गारंटी है।

1. स्टेंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुखी को जेल मिली। इंदौर में हिंदू राष्ट्र रक्षक टिकट लेकर शो में गए, अपनी भावनाओं पर चोट करवाने। पर यह तो कोई नये साल वाली बात नहीं हुई। मोदी युग में पहले भी स्टेंडअप कॉमेडियन ऐसे ही जेल गए हैं। हां! राष्ट्र रक्षक टिकट लेकर गए, यह जरूर कुछ नया है। धर्म का मजाक बनाने का गुनाह तो अक्सर कॉमेडियन करते ही हैं, पर मुनव्वर ने अमित शाह का मजाक उड़ाया था और गुजरात-2002 का जिक्र भी किया था। शिवराज के राज में कानून को तो अपना काम करना ही था। पर पेशेवर मजाक उड़ाने वालों की पकड़-धकड़ से सरकार का और ज्यादा मजाक बनता है। कानूनी हो न हो, धर्म का मजाक बनाने पर तो खैर पहले ही पाबंदी है। तब क्यों न मोदी जी, शाह जी, भागवत जी, निर्मला जी, बोबडे जी, आदि, सारे जी लोगों का मजाक उड़ाने पर भी बैन लगा दिया जाए। जेड श्रेणी की सुरक्षा में, मजाक उड़ाए जाने से सुरक्षा भी जोड़ दी जाए। न कोई कॉमेडियन जी लोग का मजाक उड़ाएगा और न खुद जेल जाकर बेचारी सरकार की और हंसी उड़वाएगा।

2. किसानों को अन्नदाता-अन्नदाता कहकर, सरकार ने खामखां सिर पर चढ़ा लिया है। मोदी जी तक की बात नहीं मान रहे हैं। उल्टे कानून वापस कराने पर अड़े हुए हैं। तोमर जी ने साफ कह दिया है--मोदी जी पर न कोई प्रभाव काम करता है न कोई दबाव। ईश्वर पर भी कोई दबाव या प्रभाव काम करता है क्या? ऐसा कोई भाव तो ईश्वर तक पहुंचता ही नहीं है। लगाव तो हर्गिज नहीं। पर इन किसानों को कौन समझाए? खुद को सचमुच अन्नदाता माने बैठे हैं। मोदी जी की बराबरी कर रहे हैं,  मोदी जी की! एक बार मोदी जी के कानून सही से लागू हो जाएं, फिर न इनका अन्न रहेगा और न अन्नदाता। नील की खेती करने वालों को भी कोई अन्नदाता कहता था क्या? पर उसमें थोड़ा टैम लगेगा। तब तक किसानों को अन्नदाता कहने पर पूरी तरह से बैन लगना चाहिए। जो अन्नदाता कहकर किसानों को भडक़ाए, जेल में मुनव्वर फारुखी के लिए कंपनी जुटाए।

3. 2020 के आखिर में लोगों ने अंबानी जी, अडानी जी के धंधों पर चोट करना शुरू कर दिया। जियो का जीना मुश्किल कर दिया। इसे रोका जाएगा, तभी नया साल नया बनेगा। क्यों न राष्ट्र  को ही उनकी संपत्ति घोषित कर दिया जाए, उनका नुकसान खुद ब खुद राष्ट्र  का नुकसान बन जाएगा। जो जिओ को छोडक़र अपना नंबर दूसरी सेलुलर कंपनियों पर ले जाएगा, खुद ब खुद एंटी-नेशनल हो जाएगा और पाकिस्तान, चीन आदि, कहीं भी भेज दिया जाएगा। वह न भी हो सके तो भी कम से कम एनआरसी बनाकर अनागरिक तो घोषित किया ही जा सकता है।

4. एक आखिरी विनती और। 75वें एपीसोड के बाद, ‘मन की बात’ का प्रसारण बंद कर दिया जाए। उससे तो जरूर ही नया साल सचमुच नया हो जाएगा। लोग 2021 को ऐसे साल के रूप में याद रखेंगे, जिस साल पीएम का अपनी ‘मन की बात’ सुनाना बंद हुआ था। पब्लिक की मन की बात सुनने का साल और आगे सही।

(इस व्यंग्य के लेखक लोकलहर के संपादक हैं।)

farmers protest
Farm Bills
Agriculture Laws
BJP
Narendra modi
Narendra Singh Tomar
Satire
Political satire

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना

मई दिवस: मज़दूर—किसान एकता का संदेश

ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?

आख़िर किसानों की जायज़ मांगों के आगे झुकी शिवराज सरकार

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

ग्राउंड रिपोर्टः डीज़ल-पेट्रोल की महंगी डोज से मुश्किल में पूर्वांचल के किसानों की ज़िंदगी

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?


बाकी खबरें

  • राज वाल्मीकि
    कैसे ख़त्म हो दलित-आदिवासी छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षण संस्थानों में होने वाला भेदभाव
    25 Mar 2022
    दलित-आदिवासी छात्र-छात्राओं के साथ होने वाले भेदभाव को ख़त्म करने के विषय पर नई दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन  किया गया।
  • इरिका शेल्बी
    पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा
    25 Mar 2022
    रूस की ओर उंगलियों उठाने से कुछ नहीं बदलेगा–दुनिया में स्थायी शांति के लिए यह रवैया बदलने की ज़रूरत है। 
  • ज़ो एलेक्जेंड्रा
    गिउलिअनो ब्रुनेटी: “नाटो के ख़िलाफ़ हमारा संघर्ष साम्राज्यवादी ताकतों के ख़िलाफ़ संघर्ष है”
    25 Mar 2022
    आक्रामक सैन्य गठबंधन हमेशा से ही यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का केंद्र रहा है, जिसके चलते कई लोगों ने गठबंधन पर सवालिया निशान लगाकर पूछना शुरू कर दिया है कि इसका हिस्सा बने रहने का क्या मतलब है। पोटेरे…
  • भाषा
    दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण संबंधी विधेयक लोकसभा में पेश
    25 Mar 2022
    सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण करने संबंधी दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 को शुक्रवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के विरोध के बीच लोकसभा में पेश किया। विपक्षी दलों ने इसका विरोध…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    गणेश शंकर विद्यार्थी : वह क़लम अब खो गया है… छिन गया, गिरवी पड़ा है
    25 Mar 2022
    गोदी मीडिया के दौर में गणेश शंकर विद्यार्थी को याद करना एक अलग अनुभव, एक अलग चुनौती और एक अलग दायित्व है। आज़ादी के मतवाले क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत के दो दिन बाद 25 मार्च,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License