NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखण्ड : आंदोलनकारियों की हत्या, दमन के ख़िलाफ़ संयुक्त जन अभियान : एके राय - चारु मजुमदार संकल्प सप्ताह की शुरुआत 
‘आन्दोलनकारियों की ह्त्या-दमन पर रोक लगाओ तथा कृषि एवं सार्वजनिक क्षेत्रों पर कॉरपोरेट के क़ब्ज़े पर लगाम लगाओ’ के केन्द्रीय मुद्दे के तहत कोरोना जन संहार की जिम्मेदार मोदी सरकार के खिलाफ साझा संघर्ष तेज़ करने का आह्वान किया गया है।
अनिल अंशुमन
23 Jul 2021
झारखण्ड : आंदोलनकारियों की हत्या, दमन के ख़िलाफ़ संयुक्त जन अभियान : एके राय - चारु मजुमदार संकल्प सप्ताह की शुरुआत 

फ़ादर स्टैन स्वामी की एनआईए हिरासत में हुई मौत ने सत्ता संचालित राज्य दमन के ख़िलाफ़ विरोध की आवाज़ों को जहां निरंतर मुखर बनाया है, वहीं आंदोलनकारी शक्तियों के बीच भी एक नयी एकजुटता की प्रेरणा दी है। जिसकी एक कड़ी के रूप में ही मार्क्सवादी समन्वय समिति और भाकपा माले झारखण्ड इकाई द्वारा पूरे झारखण्ड प्रदेश में 21 से 28 जुलाई तक के संकल्प सप्ताह अभियान को देखा जा सकता है। ‘आन्दोलनकारियों की ह्त्या-दमन पर रोक लगाओ  तथा कृषि एवं सार्वजनिक क्षेत्रों पर कॉरपोरेटों क़ब्ज़े पर लगाम लगाओ’ के केन्द्रीय मुद्दे के तहत कोरोना जन संहार की जिम्मेदार मोदी सरकार के खिलाफ साझा संघर्ष तेज़ करने का आह्वान किया गया है। 

संकल्प सप्ताह अभियान की शुरुआत मजदूर आंदोलनों के क्रान्तिकारी प्रणेता व कोयला मजदूर आन्दोलनों को संगठित राजनितिक तेवर देने वाले मार्क्सवादी समन्वय समिति पार्टी के संस्थापक और झारखण्ड राज्य गठन आन्दोलन को वाम दिशा देने वाले एके रॉय के स्मृति दिवस 21 जुलाई से की गयी। इसका समापन भाकपा माले संस्थापक चारु मजुमदार के शहादत दिवस 28 जुलाई को होना है। इस अभियान के तहत झारखण्ड प्रदेश कोयलांचल व सार्वजनिक क्षेत्र के मजदूर इलाकों में दोनों वामपंथी दलों द्वारा व्यापक मजदूरों के अलावा अन्य श्रमिक वर्ग व स्थानीय ग्रामीण किसानों के साथ-साथ नागरिक समाज के लोगों को मोदी राज के खिलाफ गोलबंद कर संयुक्त जन सभाएं की जायेंगी। संकल्प सप्ताह के अंतिम दिन राजधानी रांची में एक बड़ी जन गोलबंदी के जरिये अभियान का प्रथम चरण संपन्न किया जाएगा। 

21 जुलाई को एके राय स्मृति दिवस पर कोयला नगरी धनबाद के निरसा में आयोजित श्रद्धांजलि जन सभा के जरिये संकल्प सप्ताह अभियान प्रारम्भ हुआ, जिसमें सभी वामपंथी दलों व जन संगठन प्रतिनिधियों के अलावा काफी संख्या में स्थानीय कोयला मजदूर, स्थानीय ग्रामीण किसान और नागरिक समाज के लोग शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने अभियान के महत्व को रखांकित करते हुए कहा वर्तमान के फासीवादी निज़ाम की चुनौतियों से मुकाबले के लिए एके राय और चारू मजुमदार की क्रांतिकारी विरासत हमारे लिए असीम ऊर्जा का स्रोत है। भले ही दोनों अलग-अलग संगठनों के रहे, लेकिन कम्युनिस्ट आन्दोलन की इतिहास के लिहाज से वे एक ही विचारधारा के थे। दोनों ने लगभग एक ही दौर में देश की जनता की असली आज़ादी और अधिकारों की स्थापना की जारी जंग को परवान चढ़ाया। उस दौर में पूरे देश में किसान, मजदूर और छात्र युवा आंदोलनों की एक नयी लहर छायी हुई थी। देश की जनता ने तत्कालीन सरकार द्वारा थोपे गए आपातकाल को लड़कर हटाया और फिर से लोकतंत्र बहाली में कामयाबी पायी थी। तो उसमें एके रॉय और चारु मजुमदार समेत सभी वामपंथी आन्दोलनों ने उसे मजबूत आधार देने का काम किया था। एके राय जो हमेशा मजदूर आन्दोलन कि अर्थवाद के सिमित दायरे बाहर निकालने के लिए प्रयासरत रहे तो दूसरी ओर चारू मजुमदार भूमिहीन गरीब किसान मजदूरों का संघर्ष खड़ा कर एक नए राज समाज स्थापना की मुहीम चलाई।

आज जबकि वर्तमान की सत्ता पूरी अमानवीयता के साथ विरोध करनेवालों और असहमति प्रकट  करनेवालों को फादर स्टैन स्वामी की तरह झूठे मुकदमों में फंसाकार जेलों में ही मार डालने पर आमादा है। इसलिए अभी का दौर एक बड़ी एकता और लड़ाई की मांग कर रहा है जिसके लिए ज़रूरी है कि सारे लाल झंडा एक हों। जो इस लिहाज से भी ज़रूरी है कि  केंद्र की मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता को बरगलाकर फिर से जनादेश हड़पने की मुहीम में जुटी हुई है। विभिन्न प्रान्तों की गैर भाजपा सरकारों को लगातार अस्थिर करने का कुचक्र रच रही है। इस फासीवादी निज़ाम से सिर्फ वामपंथ ही है जो लड़ाई में अंत तक टिक कर निर्णायक संघर्ष के जरिये जवाब दे सकता है। देश में विकल्प निर्माण के विपक्षी एकता मुहीम के सन्दर्भ में कहा कि कोई भी कारगर ज़मीनी विकल्प देश के वामपंथ को अलग-थलग रखकर संभव और प्रभावकारी नहीं होगा।  

मासस नेता व पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि एके रॉय ने जिस तरह से जेपी आन्दोलन के समय विधान सभा से इस्तीफा देकर जनांदोलनों का नेतृत्व करते हुए वामपंथ की पताका बुलंद की थी, हमें भी उस आन्दोलनकारी तेवर को आत्मसात करना होगा। फासीवादी भाजपा ने त्रिपुरा और बंगाल में लोगों को गुमराह कर जिस प्रकार से अपनी चुनावी रोटी सेंकी है, वामपंथी एकता ही उसका कारगर जवाब देगी।          

मासस के ही केन्द्रीय अध्यक्ष आनद महतो ने कहा कि वर्तमान समय में वामपंथ के शीर्ष नेताओं को आमजन के बिच जाना समय की पुकार है। अभी जबकि हालात पुरानी इमरजेंसी से भी बदतर हो गए हैं , मजदूर वर्ग के अन्दोलन को भी सिर्फ खदान – उद्योग तक ही सिमित नहीं रहना होगा बल्कि उसे देश निर्माण के लिए भी आगे आना होगा। 

भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि कॉमरेड एके राय ने अपने समय के माफिया राज से लोहा लेकर क्रांतिकारी  मजदूर आंदोलन की नींव डाली थी। जिसके बूते ही निजी मालिकों से छीनकर कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण करवाया लेकिन वर्तमान की मोदी सरकार उसे फिर से निजी हाथों के हवाले करने पर तुली हुई है। ऐसे में कोयला समेत सभी सार्वजनिक क्षेत्रों को बचाने की लड़ाई वामपंथी एकता से ही कारगर बन सकेगी।  

संकल्प सप्ताह अभियान के तहत पूरे कोयलांचल के विभिन्न कोलियरियों में भी कोयला मजदूरों ने एके रॉय की स्मृति में सभाओं का आयोजन कर मोदी राज के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया। 

प्रदेश की राजधानी रांची समेत रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, पलामू, हजारीबाग व बोकारो इत्यादि जिलों में भी कॉमरेड एके राय की तस्वीर पर माल्यार्पण कर संकल्प सप्ताह के राजनीतिक मुद्दों पर व्यापक जन गोलबंदी का संकल्प लिया गया। 

22 जुलाई को संकल्प सप्ताह अभियान के तहत हजारीबाग-रामगढ़ क्षेत्र के कोयलांचल केंद्र गिद्दी कोलियरी स्थित श्रमिक सभागार में कोयला मजदूरों व स्थानीय ग्रामीणों की बड़ी जन सभा की गयी। जिसे कई कोयला मजदूर नेताओं के अलावे माले व मासस नेताओं ने संयुक्त रूप से संबोधित किया।

Jharkhand
Charu Majumdar
Stan Swamy
CPIML
AK Roy

Related Stories

मोदी जी, देश का नाम रोशन करने वाले इन भारतीयों की अनदेखी क्यों, पंजाबी गायक की हत्या उठाती बड़े सवाल

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता


बाकी खबरें

  • MGNREGA
    सरोजिनी बिष्ट
    ग्राउंड रिपोर्ट: जल के अभाव में खुद प्यासे दिखे- ‘आदर्श तालाब’
    27 Apr 2022
    मनरेगा में बनाये गए तलाबों की स्थिति का जायजा लेने के लिए जब हम लखनऊ से सटे कुछ गाँवों में पहुँचे तो ‘आदर्श’ के नाम पर तालाबों की स्थिति कुछ और ही बयाँ कर रही थी।
  • kashmir
    सुहैल भट्ट
    कश्मीर में ज़मीनी स्तर पर राजनीतिक कार्यकर्ता सुरक्षा और मानदेय के लिए संघर्ष कर रहे हैं
    27 Apr 2022
    सरपंचों का आरोप है कि उग्रवादी हमलों ने पंचायती सिस्टम को अपंग कर दिया है क्योंकि वे ग्राम सभाएं करने में लाचार हो गए हैं, जो कि जमीनी स्तर पर लोगों की लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए…
  • THUMBNAIL
    विजय विनीत
    बीएचयू: अंबेडकर जयंती मनाने वाले छात्रों पर लगातार हमले, लेकिन पुलिस और कुलपति ख़ामोश!
    27 Apr 2022
    "जाति-पात तोड़ने का नारा दे रहे जनवादी प्रगतिशील छात्रों पर मनुवादियों का हमला इस बात की पुष्टि कर रहा है कि समाज को विशेष ध्यान देने और मज़बूती के साथ लामबंद होने की ज़रूरत है।"
  • सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    पीपल्स डिस्पैच
    सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    रक्षा पर सबसे ज़्यादा ख़र्च करने वाले 10 देशों में से 4 नाटो के सदस्य हैं। 2021 में उन्होंने कुल वैश्विक खर्च का लगभग आधा हिस्सा खर्च किया।
  • picture
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अर्जेंटीना ने लिया 45 अरब डॉलर का कर्ज
    27 Apr 2022
    अर्जेंटीना की सरकार ने अपने देश की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के साथ 45 अरब डॉलर की डील पर समझौता किया। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License