NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीन तलाक़ क़ानून को बताया अल्पसंख्यक, महिला व संविधान विरोधी
इन सामाजिक कार्यकर्ताओं की टिप्पणियां उस दिन आई हैं जब सरकार और कई संगठनों ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के लागू होने के उपलक्ष्य पर ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ मनाया।
सबरंग इंडिया
05 Aug 2021
प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीन तलाक कानून को बताया अल्पसंख्यक, महिला व संविधान विरोधी

नई दिल्ली: अरुणा रॉय और तीस्ता सीतलवाड़ जैसी प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रविवार को तीन तलाक कानून की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह मूलरूप में अल्पसंख्यक विरोधी, महिला विरोधी और संविधान विरोधी है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय को 'अपमानित’ करने का प्रयास करता है।

इन सामाजिक कार्यकर्ताओं की टिप्पणियां उस दिन आई हैं जब सरकार और कई संगठनों ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के लागू होने के उपलक्ष्य पर ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ मनाया।

मुस्लिम और गैर मुस्लिम महिलाओं, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों समेत 660 नागरिकों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि यह कानून ‘मूलरूप से अल्पसंख्यक विरोधी, संविधान विरोधी है और यह सिर्फ मुस्लिम समुदाय को अपमानित करने का प्रयास है।’’

उन्होंने इस कानून को ‘विद्वेषपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि यह तब भी और अब भी एक पहेली के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने छात्र-कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा और पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां सहित विभिन्न कार्यकर्ताओं के लिए न्याय की मांग की, जो वर्तमान में सलाखों के पीछे हैं।

660 नागरिकों में लेखक और कार्यकर्ता फराह नकवी और मुस्लिम महिला मंच की सदस्य सैयदा हमीद के अलावा मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापक अरुणा रॉय और कार्यकर्ता सीतलवाड़ भी शामिल हैं।

बता दें कि तीन तलाक के विरुद्ध कानून लागू किए जाने की दूसरी वर्षगांठ पर 1 अगस्त को पूरे देश में ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ मनाया गया। इस अवसर पर मोदी सरकार में केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के सफदरजंग रोड़ पर स्थित घर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं को आमंत्रित किया गया था।

साभार : सबरंग 

triple talaq law 2019
triple talaq
social workers

Related Stories

मोदी जी, क्या आपने मुस्लिम महिलाओं से इसी सुरक्षा का वादा किया था?

यूपी: हिरासत, गिरफ़्तारी, नज़रबंदी के बाद भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे

इस्लाम में लैंगिक समता और समान नागरिक संहिता

प्रिय दिल्ली पुलिस, मुसलमान इतने भी बुद्धू नहीं कि बुद्धिजीवी इन्हें गुमराह कर दें

पड़ताल : तीन-तलाक़ क़ानून के एक साल बाद...

कोरोना काल: ‘आपदा में अवसर’ यानी मौक़ापरस्ती का सबक़!

उत्तराखंड: आपदा में प्रतिरोध के स्वर कुचलने के अवसर

लॉकडाउन का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार और असहमति को दबाने के लिए किया गया: मानवाधिकार संस्था

नदी घाटियों में नियोजन : विकास या विनाश?

सावित्रीबाई फुले : शिक्षा और समाज की लड़ाई लड़ने वाली जाँबाज़ महिला


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    किसान-योद्धा ग़ुलाम मोहम्मद जौला के निधन पर शोक
    16 May 2022
    गुलाम मोहम्मद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ भारतीय किसान यूनियन की बुनियाद डालने वाले जुझारू किसान नेता थे। अपने जीवन के अंतिम दिनों तक वे किसान आंदोलन में सक्रिय रहे।
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    भाजपा से मुकाबला कर पाएगी कांग्रेस ?
    16 May 2022
    आज न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं कांग्रेस के चिंतन शिविर की। वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या आने वाले चुनावों में कांग्रेस भाजपा को चुनौती दे पाएगी?
  • रवि शंकर दुबे
    विश्लेषण: कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ से क्या निकला?
    16 May 2022
    राजस्थान के उदयपुर में आयोजित हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में कई बड़े फ़ैसले लिए गए।
  • मुकुंद झा
    मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?
    16 May 2022
    नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) इस घटना के लिए दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार बता रही है, जबकि दिल्ली सरकार में सत्तधारी आम आदमी पार्टी (आप) इसके लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार बता रही है।…
  • एम.ओबैद
    बिहार : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 1.10 करोड़ बच्चों के पास किताबें नहीं
    16 May 2022
    पहली से आठवीं तक के क़रीब 1 करोड़ 67 लाख बच्चों में से 1 करोड़ 10 लाख बच्चों के पास आज भी किताबें उपलब्ध नहीं हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License