NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखंड : किसान हैं बदहाल सरकार को है सिर्फ निवेश का ख्याल
सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में मस्त ,किसान कृषि संकट से त्रस्त
अनिल अंशुमन
05 Dec 2018
farmers
image courtesy : Indian Express

रांची में आयोजित ग्लोबल एग्रीकल्चर ऐंड फूड समिट के समापन समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री ने बोलते हुए अपनी स्थिति तब हास्यास्पद कर ली जब कांग्रेस और कम्यूनिस्टों से पूछने लगे कि किसानों के लिए उन्होने क्या किया है . इतना ही नहीं इनपर 67 साल किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए यह भी भूल गए की बीच में अटल जी का भी शासन रहा था . मंच से जिस समय वे मोदी जी के किसान हित के तथाकथित ' अच्छे कार्यों ' की प्रशस्ति गा रहे थे , उस  समय राजधानी दिल्ली में देश भर से आए हज़ारों – हज़ार किसान मोदी जी की किसान और कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर मार्च करते हुए उनसे अपनी बरबादी का हिसाब मांग रहे थे . “ अयोध्या नहीं , कृषि संकट का समाधान चाहिए “ के नारे लगाते हुए किसान संसद लगाकर जीने का अधिकार मांग रहे थे . 
 
सुखाड़ से त्रस्त इस राज्य के किसानों को तत्काल राहत और आर्थिक सहायता देने की बजाय राज्य के ख़ज़ाने से करोड़ों खर्च कर किसानों की हितैषी सरकार ने 29 व 30 नवंबर को इस ग्लोबल एग्रीकल्चर ऐंड फूड समिट का आयोजन किया . 16 राज्यों के 10000 किसान प्रतिनिधियों के अलावे चीन व इज़राइल सहित 6 देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी दिखाकर 2020 तक किसानों की आय चौगुनी करने का सब्ज़बाग दिखाया . तथाकथित ‘ किसान विशेषज्ञ ‘ विश्व बैंक के प्रतिनिधि , योजना आयोग के सीईओ , बाबा रामदेव व कोकाकोला जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया . इस दो दिनी शाही आयोजन में झारखंड के किसानों को हर साल झेलनेवाले सूखा व अकाल और सींचाई जैसे संकटों से निजात पाने के उपायों पर चर्चा करने की बजाय कहा गया कि अब यहाँ के किसान इज़राइल जाकर खेती के गुर सीखेंगे .

सरकार द्वारा कोई कोल्ड स्टोरेज नहीं बनाने के कारण हर साल सैकड़ों किलो टमाटर व चुकंदर सड़कों पर फेंकने को लाचार किसानों से कहा गया है कि अब यहाँ बाबा रामदेव और कोला जैसी निजी कंपनियाँ फूड प्रोसेसिंग का उद्योग व व्यवसाय लगाएँगी . इसी राज्य के बड़कागाँव और गोड्डा इत्यादी जगहों पर लाठी - बंदूक के बल पर किसानों की बहुफ़सली ज़मीनें छीनकर मुख्यमंत्री जी ने राज्य के किसानों से बहुफ़सली खेती की ओर ध्यान देने का आह्वान करने का मज़ाक किया . आदिवासियों – किसानों की पारंपरिक खेती की ज़मीन छीनने के लिए पाँचवी अनुसूची के तमाम नियमों को धता बताकर थोपे गए ‘ भूमि अधिग्रहण कानून ‘ के हो रहे विरोध की तो चर्चा भी नहीं की गयी . बल्कि निवेश के नाम पर सभी देशी – विदीशी कंपनियों को ‘ सिंगल विंडों ‘ सिस्टम से कौड़ी के मोल ज़मीन के साथ साथ बिना शर्त व बेहद कम इन्टरेस्ट पर कर्ज़ और सबसीडी देने की गारंटी की घोषणा की गयी . 
 
2017 के जून माह से अब तक कर्ज़ और कृषि संकट से जूझते हुए आधा दर्जन से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है तो 15 से अधिक गरीब किसान भूख से मर गए . इस विकट स्थिति पर कोई चिंता दिखलाने के बजाय देश के नीति आयोग के सीईओ महोदय ने राज्य की सरकार के विकास के कसीदे पढ़ते हुए कहा कि इस सरकार में झारखंड ने कृषि विकास में लंबी छलांग लगाई है . आयोजन की शुरुआत प्रधान मंत्री जी के भेजे संदेश से हुआ लेकिन इसमें किसानों के संकटों का कोई ज़िक्र तक नहीं था . 
   

farmer suicides
agrarian crises
Jharkhand government
global enclave summit

Related Stories

झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

झारखंड : हेमंत सोरेन शासन में भी पुलिस अत्याचार बदस्तूर जारी, डोमचांच में ढिबरा व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या 

कम मतदान बीजेपी को नुक़सान : छत्तीसगढ़, झारखण्ड या राजस्थान- कैसे होंगे यूपी के नतीजे?

झारखंड: राज्य के युवा मांग रहे स्थानीय नीति और रोज़गार, सियासी दलों को वोट बैंक की दरकार

झारखंड : ‘भाषाई अतिक्रमण’ के खिलाफ सड़कों पर उतरा जनसैलाब, मगही-भोजपुरी-अंगिका को स्थानीय भाषा का दर्जा देने का किया विरोध

झारखंड: भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम युवक से की मारपीट, थूक चटवाकर जय श्रीराम के नारे लगवाए

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

झारखंड: केंद्रीय उद्योग मंत्री ने एचईसी को बचाने की जवाबदेही से किया इंकार, मज़दूरों ने किया आरपार लड़ाई का ऐलान

झारखंड विधान सभा में लगी ‘छात्र संसद’; प्रदेश के छात्र-युवा अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी
    31 May 2022
    गुजरात के दलित स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौक़े पर बीआर अंबेडकर को समर्पित एक टन के पीतल का सिक्का लेकर संसद जायेंगे। वे सांसदों को याद दिलाना चाहते हैं कि वे छुआछूत मिटाने में नाकाम रहे हैं।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद पर मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव से खास बातचीत
    31 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी विवाद पर न्यूज क्लिक संवादाता तारिक अनवर ने मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव से बातचीत की। इस विवाद से जुड़े कई सवालों पर बात किया। जैसे कि जिला अदालत में आप इस…
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था
    31 May 2022
    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को जून में उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिकी देशों (अमेरिकाज़) के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करनी है; जिसके बहाने बाइडन यह उम्मीद कर रहे हैं कि अन्य अमेरिकी देशों पर वाशिंगटन…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी जी, देश का नाम रोशन करने वाले इन भारतीयों की अनदेखी क्यों, पंजाबी गायक की हत्या उठाती बड़े सवाल
    30 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने टाइम मैग्जीन में आए तीन भारतीयों (खुर्रम परवेज़, करुणा नंदी और गौतम अडानी) के साथ-साथ बुकर इंटरनेशनल अवार्ड जीतने वाली हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री की मोदी…
  • भाषा
    धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया
    30 May 2022
    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License