NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
ट्रांसजेंडर लोगों के समावेश पर बनाए गए मॉड्यूल को वापस लेने पर मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीएसई को फटकार लगाई
पिछले दिनों सीबीएसई ने अपनी वेबसाइट से ट्रांसजेंडर बच्चों की शिक्षा से संबंधित एक शिक्षक प्रशिक्षण नियमावली को हटा दिया था, मद्रास हाईकोर्ट ने इसपर चिंता जताई है।
गौरी आनंद
13 Dec 2021
Madras High Court

गौरी आनंद लिखती हैं कि मद्रास हाई कोर्ट ने एनसीईआरटी के उस फैसले पर चिंता जताई है, जिसमें ट्रांसजेंडर बच्चों के स्कूलों में समावेश पर आधारित शिक्षक प्रशिक्षण नियमावली को हटाने का आदेश दिया गया है।

 ————

मद्रास हाई कोर्ट ने एनसीईआरटी द्वारा अपनी वेबसाइट से ट्रांसजेंडर बच्चों पर आधारित शिक्षक प्रशिक्षणत नियमावली (मैनुअल) को हटाने पर फटकार लगाई है। "इन्क्लूजन ऑफ ट्रांसजेंडर चिल्ड्रेन इन स्कूल एजुकेशन: कंसर्न एंड रोड मैप" शीर्षक का यह मैनुअल समाज के कुछ हिस्सों द्वारा विरोध किए जाने के बाद हटाया गया है।

इस मैनुअल का उद्देश्य शिक्षकों, पालकों और दूसरे लोगों को ज्यादा धैर्यवान और ट्रांसजेंडर व अपना लिंग निर्धारण ना करने वाले बच्चों के प्रति कक्षाओं में ज्यादा समावेशी और संवेदनशील माहौल का निर्माण करना था।

इसके प्रकाशित होने के कुछ ही घंटों में यह नियमावली और इसके निर्माता सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए। ना केवल इन लोगों की योग्यता पर सवाल उठाए गए, बल्कि नियमावली की बुनियाद पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि यह बच्चों को "डराने की एक साजिश" है।

एलजीबीटीक्यू+  वर्ग में शामिल लोगों द्वारा समाज में जो वंचना झेली जाती है, उसके समाधान के लिए किए गए सुधारों का विश्लेषण करते हुए जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने एनसीईआरटी द्वारा इस मैनुअल को वापस लिए जाने पर सवाल उठाए। यह मैनुअल हाई कोर्ट के आदेश की पृष्ठभूमि में बनाया गया था। आदेश के बाद बोर्ड ने शिक्षकों को संवेदनशील बनाने के लिए कार्य योजना बनाई थी, ताकि ट्रांसजेंडर छात्रों के एक अनुकूल माहौल तैयार करने में शिक्षक अपनी भूमिका निभा सकें। इस साल जून में आए मुख्य आदेश में कहा गया कि तमिलनाडु में जेल सुधार, मेडिकल कॉलेजों के पाठयक्रम में बदलाव और जजों को ट्रांसजेंडरों की जरूरतों और उनके सामने आने वाली मुख्य चुनौतियों के मुताबिक संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है। आगे की सुनवाई में संबंधित प्रशासन द्वारा लागू किए गए कदमों को बताने वाली रिपोर्टों को जमा किया गया।

जून में आए मुख्य आदेश में कहा गया कि तमिलनाडु में जेल सुधार, मेडिकल कॉलेजों के पाठयक्रम में बदलाव और जजों को ट्रांसजेंडरों की जरूरतों और उनके सामने आने वाली मुख्य चुनौतियों के मुताबिक संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है।

हाई कोर्ट ने मैनुअल को एलजीबीटीक्यू+ बच्चों को मदद देने में एक अहम कदम बताया था। कोर्ट ने सामग्री के वेबसाइट से हटाने और इसे बनाने वालों के दूसरे विभागों में स्थानांतरण पर हैरानी जताई।  कोर्ट ने कहा, "यह कोर्ट यह नहीं समझ पा रहा है कि वेबसाइट पर सामग्री डाले जाने के कुछ ही घंटों में इस तरीके की  तुरत-फुरत की प्रतिक्रिया की क्या जरूरत थी। अगर किसी को दिक्कत थी, तो उसका निदान सही ढंग से जरूरी परामर्श और बैठकों के बाद किया जाना था। किसी को भी राज्य द्वारा संचालित परिषद को एक सामग्री को हटवाने के लिए मजबूर करने का अधिकार नहीं है। जबकि यह सामग्री समिति के लंबे अध्ययन के बाद बनाई गई थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की कार्रवाई की गई।"

कोर्ट ने कहा कि भारत जैसे एक लोकतांत्रिक देश में विमर्श और सुझाव किसी भी नीति का अहम तत्व हैं और इतनी अहमियत रखने वाले इस घटनाक्रम को विपक्षियों और चंद लोगों की दबावपूर्ण तरकीबों के चलते वापस नहीं लिया जाना चाहिए।" कोर्ट ने बोर्ड को अगली सुनवाई के पहले मामले पर रिपोर्ट जमा करने को कहा है, जिसमें इस मुद्दे पर प्रगति को दर्शाना होगा।

इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Madras HC Slams NCERT Decision to Revoke Module on Inclusion of Transgender Persons

Madras High Court
NCERT
transgender Student
LGBTQI+ children

Related Stories

अमेरिका में नागरिक शिक्षा क़ानूनों से जुड़े सुधार को हम भारतीय कैसे देखें?

नीति से अधिक नीयत पर निर्भर है भारतीय शिक्षा का भविष्य

क्या सिलेबस में लोकतंत्र की विषयवस्तु गैरज़रूरी है?

मदरसा डिस्कोर्स : मुस्लिम चाहते हैं इन्हें अपग्रेड किया जाए और ये नकारात्मक राजनीतिक चुनौतियों का सामना करें


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License