NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मनरेगा में 99 प्रतिशत मज़दूरी का भुगतान नहीं हुआ
इसके लागू होने के बाद से ही भुगतान में देरी और कम मज़दूरी इसकी बड़ी समस्या बनी रही।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Apr 2018
मनरेगा

मनरेगा के अंतर्गत शामिल मज़दूरों के अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों के संघ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एनआरईएजीए) संघर्ष मोर्चा ने बताया कि इस योजना के तहत अप्रैल 2018 में 99 प्रतिशत मज़दूरी नहीं मिल पाई है।

 

इसके कार्यान्वयन के बाद से ही एमजीएनआरईजीए (मनरेगा) योजना के तहत देरी से भुगतान और कम मज़दूरी बड़ी समस्या रही थी। मौजूदा वेतन दर, मज़दूरी भुगतान में देरी, वे राज्य जो कि समय पर काम पूरा करने में असमर्थ हैं आदि को लेकर चिंता सामान्य समीक्षा मिशन (सीआरएम) नामक एक ऑडिट में उजागर की गई थी जो वर्ष 2017 में किया गया था।

 

इस ऑडिट में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2016-17, 2015-16, 2014-15 और 2013-14 में मात्र 44 प्रतिशत, 37 प्रतिशत, 27 प्रतिशत और 50 प्रतिशत मज़दूरी का भुगतान समय पर किया जा रहा था।

 

संघर्ष मोर्चा के अनुसार "स्थिर मज़दूरी की दर एकमात्र चौंकाने वाला नहीं है जिसे मनरेगा के मज़दूरों को इस महीने मिला। इनमें से ज़्यादातर मज़दूरों को पिछले कुछ महीनों से उनके द्वारा किए गए काम के लिए भुगतान नहीं हो पाया है।"

 

नरेगा संघर्ष मोर्चा के पत्र में लिखा है,"मनरेगा मज़दूरी भुगतान के लिए फंड ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) का 99 प्रतिशत अप्रैल 2018 में सार्वजनिक वित्त प्रबंधन (पीएफएमएस) को भेज दिया गया जो नहीं दिया गया। पिछले दो महीनों के एफटीओ की प्रक्रिया अभी भी की जानी है - मार्च के एफटीओ का 86 प्रतिशत और फरवरी के एफटीओ का 64 प्रतिशत।"

 

हालांकि केंद्र ने साल 2016 में मनरेगा वेतन भुगतान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (एनईएफएमएस) शुरू किया था। इस प्रणाली ने फंड पर मंत्रालय के नियंत्रण को सख़्त कर दिया।

 

"अब यह नियमित रूप से एफटीओ की प्रक्रिया को रोकता है। इसके अलावा एनईएफएमएस में राज्य अब भी मंत्रालय द्वारा जारी धनराशि को बिना देरी किए मज़दूरों को भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं।"

वर्ष 2017 के दौरान इस मंत्रालय ने मनरेगा फंड की कमी के कारण 3,000 करोड़ रुपए से अधिक के एफटीओ की प्रक्रिया को रोक दिया। अगस्त 2017 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने17 हजार करोड़ रुपए के एक पूरक मनरेगा बजट की मांग की थी। हालांकि वित्त मंत्रालय ने मात्र 700 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी और वह भी जनवरी 2018 में।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को काम करने के 15 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद मनरेगा में मज़दूरी की भुगतान में देरी हो रही है। इसके अलावा एफटीओ के निर्माण के बाद मज़दूरी में देरी के लिए मज़दूरों को कोई क्षतिपूर्ति नहीं मिली। बाद में वित्त मंत्रालय ने मुआवजे का आंशिक भुगतान स्वीकार कर लिया।

नरेगा संघर्ष मोर्चा ने आरोप लगाया, "देरी की पूरी अवधि के लिए मुआवजे का भुगतान सरकार पर भारी वित्तीय बोझ होगा। यह रोज़गार गारंटी कार्यक्रम के लिए जबरन फंड की कमी को उजागर करता है।"

"जिस तरह मोदी सरकार ग़रीब ज़िलों या मज़दूरी में कमी जैसे प्रत्यक्ष उपाय के ज़रिए मनरेगा को सीमित करने में असफल रही है, इसने फंड में कमी कर के इस अधिनियम को कमज़ोर करने का काम किया है।"

MGNREGA
Common Review Mission
मज़दूरी
FTOS

Related Stories

छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया

छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार

ग्राउंड रिपोर्ट: जल के अभाव में खुद प्यासे दिखे- ‘आदर्श तालाब’

मनरेगा: न मज़दूरी बढ़ी, न काम के दिन, कहीं ऑनलाइन हाज़िरी का फ़ैसला ना बन जाए मुसीबत की जड़

राजस्थान ने किया शहरी रोज़गार गारंटी योजना का ऐलान- क्या केंद्र सुन रहा है?

ग्रामीण संकट को देखते हुए भारतीय कॉरपोरेट का मनरेगा में भारी धन आवंटन का आह्वान 

यूपी चुनाव : गांवों के प्रवासी मज़दूरों की आत्महत्या की कहानी

बजट 2022: गांव और किसान के प्रति सरकार की खटकने वाली अनदेखी

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

यूपीः योगी सरकार में मनरेगा मज़दूर रहे बेहाल


बाकी खबरें

  • बिहारः पिछले साल क़हर मचा चुके रोटावायरस के वैक्सीनेशन की रफ़्तार काफ़ी धीमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहारः पिछले साल क़हर मचा चुके रोटावायरस के वैक्सीनेशन की रफ़्तार काफ़ी धीमी
    04 May 2022
    ज्ञात हो कि बीते साल पूरे बिहार में विभिन्न जगहों से डायरिया से बच्चों की मौत और बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने की खबरें सामने आई थीं।
  • e-commerce
    बी सिवरमन
    जारी रहेगी पारंपरिक खुदरा की कीमत पर ई-कॉमर्स की विस्फोटक वृद्धि
    04 May 2022
    भारत में ई कॉमर्स में 2020 की महामारी के पहले वर्ष में 8% की वृद्धि हुई और 2021 में 30% की वृद्धि हुई, जिस वर्ष कोविड-19 की जानलेवा दूसरी लहर देखी गई थी।
  • photo
    सीमा आज़ाद
    हमारा लोकतंत्र; दिल्ली से बस्तर: बुलडोज़र से लेकर हवाई हमले तक!
    04 May 2022
    बस्तर के गांव वालों का आरोप है कि उनके ऊपर हवाई हमला किया गया है। इसपर चिंता जताते हुए मानवाधिकार कर्मियों ने सरकार से स्वतंत्र जांच कराने और ‘श्वेतपत्र’ जारी करने की मांग की है।
  • Nehru
    नॉनटोबेको हेला
    गुटनिरपेक्षता आर्थिक रूप से कम विकसित देशों की एक फ़ौरी ज़रूरत
    04 May 2022
    गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापकों ने अपने हस्ताक्षरित एक संयुक्त बयान में कहा था, “गुटों के साथ गुटनिरपेक्षता की यह नीति...'तटस्थता' या 'निष्पक्षता' की नुमाइंदगी नहीं करती है और जैसा कि कभी-कभी…
  • jodhpur
    भाषा
    जोधपुर में कर्फ्यू जारी, उपद्रव के आरोप में 97 गिरफ़्तार
    04 May 2022
    जोधपुर में मंगलवार को हुए उपद्रव के सिलसिले में 97 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि शहर में बुधवार को लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू जारी रहा। जोधपुर मुख्यमंत्री गहलोत का गृह नगर भी है, जहां हालात पर नजर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License