NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नवंबर में अनिश्चितकालीन आम हड़ताल की घोषणा
भारतीय केंद्रीय व्यापार संगठनों ने देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Aug 2017
नवंबर में अनिश्चितकालीन आम हड़ताल की घोषणा

भारतीय केंद्रीय व्यापार संगठनों ने देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला किया है। लाखों मजदूरों का तीन दिवसीय धरना पार्लियामेंट स्ट्रीट पर 9, 10 और 11 नवंबर को आयोजित करने की योजना है, जिसके बाद एनडीए सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ अनिश्चितकालीन आम हड़ताल किया जाएगा।

ये फैसला नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नेशनल कन्वेंशन ऑफ वर्कर्स के सम्मेलन में लिया गया। ये आयोजन संयुक्त रूप से केंद्रीय व्यापार संगठनों - सीआईटीयू, एआईटीयूसी, आएनटीयूसी, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी और एलपीएफ, और नेशलन फेडरेशन ऑफ स्टेट तथा केंद्र सरकार के कर्मचारियों और बैंकिंग, टेलकम, कोल, स्टील, ट्रांसपोर्ट और विनिर्माण द्वारा आयोजित किया गया।

सम्मेलन में अपनाई गई घोषणा में निराशा जाहिर की गई कि सरकार ट्रेड यूनियनों द्वारा जारी किए गए 12 सूत्रीय मांगों के पूरी तरह अनदेखी कर रही है। इन मांगों में कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, श्रमिकों की स्थिति, वेतन और योजना जैसी सुविधाएं शामिल हैं, और निजीकरण और बड़े पैमाने पर ठेकेदारी को समाप्त करना शामिल है। इनमें से कई मुद्दों पर हाल के वर्षों में करोड़ों श्रमिकों ने कई हड़तालों का आयोजन किया है। घोषणा के अनुसार "केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार देश के कामकाजी लोगों के अधिकारों और आजीविका पर हमला तेज कर रही है।"

सम्मेलन में देश में बेरोजगारी की समस्या का बिगड़ती स्थिति को रेखांकित किया गया क्योंकि ज्यादातर क्षेत्रों में रोजगार श्रृजन नकारात्मक हो गया है। मजदूर विरोधी श्रम कानून सुधार और मौजूदा वैधानिक सामाजिक सुरक्षा ढांचे को खत्म करने के लिए नवीनतम कदम पर आलोचना की गई।

व्यापार संगठनों ने रक्षा उत्पादन, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा, रेलवे, तेल, बिजली और सार्वजनिक सड़क परिवहन सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के निजीकरण के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा जल्दबाजी की आलोचना।

श्रमिक-किसान एकता के इस महत्वपूर्ण आयोजन में सभा ने भारत किसानों के साथ एकजुटता पेश की। ये किसान अपनी मांगों को लेकर देश भर में प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।

सभा ने सांप्रदायिक और विभाजनकारी षड्यंत्रों की बढ़ती प्रवृत्ति की आलोचना की जो सरकार तंत्र के सक्रिय संरक्षण में समाज में फैल रही है।

इन संगठनों ने नवंबर में दिल्ली में लामबंदी के लिए तैयारी में ब्लॉक, जिलों, औद्योगिक केंद्रों और राज्यों के स्तर पर बड़े पैमाने पर अभियान, गतिशीलता और सम्मेलनों का आयोजन करने का निर्णय लिया है ताकि नवंबर महीने में दिल्ली में आयोजित प्रदर्शन को सफल बनाया जा सके।

तपन सेन (सीआईटीयू), अमरजीत कौर (एआईटीयूसी), जी संजीव रेड्डी (आईएनटीयूसी) और हरभजन सिंह सिद्दू (एचएमएस) जैसे केंद्रीय व्यापार संगठनों के नेताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन की अध्यक्षता करने वालों में सीआईटीयू के डॉ हेमालता, एआईटीयूसी के रमेंद्र कुमार, आईएनटीयूसी के अशोक सिंह और एचएमएस के हरभजन सिंह सिद्दू शामिल थें।

भाजपा
जनता विरोधी भाजपा
मजदूर विरोधी भाजपा

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

यूपी: योगी सरकार में कई बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

क्या भाजपा शासित असम में भारतीय नागरिकों से छीनी जा रही है उनकी नागरिकता?

बिहार: सामूहिक बलत्कार के मामले में पुलिस के रैवये पर गंभीर सवाल उठे!


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License