NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ... भेद तुम्हारे खोल रहा हूँ
आज, 14 अप्रैल बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती है। इस मौके पर बहुत भाषण होंगे, लेख लिखे जाएंगे, लेकिन जिस तरह से युवा कवि राज वाल्मीकि अंबेडकर की तरफ़ से बोल रहे हैं और हमारे समाज का भेद खोल रहे हैं। वो अपने आप में काफ़ी महत्वपूर्ण है। पढ़िए उनकी यह नयी कविता—
न्यूज़क्लिक डेस्क
14 Apr 2022
ambedkar

मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

सुनो गौर से भारत वालो

मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

ज़रा इधर भी ध्यान लगालो

ज्ञान-चक्षु मैं खोल रहा हूँ

                  मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

लिंचिंग-मॉब कराने वालो

नफरत को फ़ैलाने वालो

झूठे सत्य बनाने वालो

नीयत तुम्हारी तोल रहा हूँ

                    मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

ब्राह्मणवाद अपनाने वालो

फ़ासीवाद को लाने वालो

ओ संविधान जलाने वालो

तुम पर ‘हल्ला बोल’ रहा हूँ

                    मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

मेरा भक्त बताने वालो

जाति भेद जताने वालो

हिन्दू राष्ट्र बनाने वालो

पोल तुम्हारी खोल रहा हूँ

                    मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

देवी उसे बताने वालो

दासी उसे बनाने वालो

नाहक उसे सताने वालो

तुम पर हमला बोल रहा हूँ

                    मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

मज़हब पर लड़वाने वालो

दंगों को करवाने वालो

जनता को भरमाने वालो

भेद तुम्हारे खोल रहा हूँ

                  मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

तानाशाहो होश में आ लो

रोक सको तो रोक लगालो

बच्चे-बूढ़े-युवा संभालो

सब के मुंह से बोल रहा हूँ

                    मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

नरक-सफाई करने वालो

झाड़ू छोड़ो कलम उठालो

शिक्षा-संगठन-शक्ति बढ़ालो

बात पते की बोल रहा हूँ

                   मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

दलित-ट्राइबल-बहुजन वालो

माइनोरिटी को साथ मिला लो

मिशन-एकता को अपना लो

तोल-मोल कर बोल रहा हूँ

                   मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

लोकतंत्र के ओ रखवालो

ख़तरे में है इसे बचा लो

चुप्पी छोड़ आवाज उठा लो

समता का रस घोल रहा हूँ

                   मैं अंबेडकर बोल रहा हूँ

-    राज वाल्मीकि    

(कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता)

Ambedkar
Poetry
Ambedkar Jayanti

Related Stories

इतवार की कविता : आग़ा हश्र कश्मीरी की दो ग़ज़लें

इतवार की कविता : 'पुनल तुम आदमी निकले...'

इतवार की कविता : कवि असद ज़ैदी की मीडिया पर टिप्पणी

हाँ, तुम मुझसे प्रेम करो जैसे मछलियाँ लहरों से करती हैं...

अम्बेडकरवादी विरोध गीत और 'काउंटर पब्लिक' का निर्माण

अराजनीतिक बुद्धिजीवियों से कुछ सवाल


बाकी खबरें

  • सत्येन्द्र सार्थक
    आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?
    25 Apr 2022
    सरकार द्वारा बर्खास्त कर दी गईं 991 आंगनवाड़ी कर्मियों में शामिल मीनू ने अपने आंदोलन के बारे में बताते हुए कहा- “हम ‘नाक में दम करो’ आंदोलन के तहत आप और भाजपा का घेराव कर रहे हैं और तब तक करेंगे जब…
  • वर्षा सिंह
    इको-एन्ज़ाइटी: व्यासी बांध की झील में डूबे लोहारी गांव के लोगों की निराशा और तनाव कौन दूर करेगा
    25 Apr 2022
    “बांध-बिजली के लिए बनाई गई झील में अपने घरों-खेतों को डूबते देख कर लोग बिल्कुल ही टूट गए। उन्हें गहरा मानसिक आघात लगा। सब परेशान हैं कि अब तक खेत से निकला अनाज खा रहे हैं लेकिन कल कहां से खाएंगे। कुछ…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,541 नए मामले, 30 मरीज़ों की मौत
    25 Apr 2022
    दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, ओमिक्रॉन के BA.2 वेरिएंट का मामला सामने आने से चिंता और ज़्यादा बढ़ गयी है |
  • सुबोध वर्मा
    गहराते आर्थिक संकट के बीच बढ़ती नफ़रत और हिंसा  
    25 Apr 2022
    बढ़ती धार्मिक कट्टरता और हिंसा लोगों को बढ़ती भयंकर बेरोज़गारी, आसमान छूती क़ीमतों और लड़खड़ाती आय पर सवाल उठाने से गुमराह कर रही है।
  • सुभाष गाताडे
    बुलडोजर पर जनाब बोरिस जॉनसन
    25 Apr 2022
    बुलडोजर दुनिया के इस सबसे बड़े जनतंत्र में सरकार की मनमानी, दादागिरी एवं संविधान द्वारा प्रदत्त तमाम अधिकारों को निष्प्रभावी करके जनता के व्यापक हिस्से पर कहर बरपाने का प्रतीक बन गया है, उस वक्त़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License