NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
सब्ज़ियों की क़ीमत में लगातार तेज़ी, मूडी और विश्व बैंक की तारीफ़ के नशे में मस्त मोदी सरकार
सब्ज़ियों की ज़्यादा क़ीमत लाखों लोगों का भोजन उनकी थाली से छीन रही है।
सुबोध वर्मा
23 Nov 2017
Food price rise

मूडी और विश्व बैंक की तारीफ़ के नशे में मस्त मोदी सरकार शायद भूल गई है कि आम भारतीयों को किन परेशानियों से गुज़रना पड़ रहा है। एक तरफ जहाँ बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी चली गई वहीं देश भर में रोज़मर्रा इस्तेमाल की जाने वाली सब्ज़ियों की लगातार बढ़ती क़ीमतों ने लोगों को और परेशान कर दिया है। 

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी इससे चिंतित नहीं। जब उनसे सितंबर के आख़िर में क़ीमतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मीडिया को बताया कि "मॉनसून के दौरान सब्ज़ी की क़ीमतें बढ़ना सामान्य बात" है। बारिश का मौसम चला गया है लेकिन क़ीमतों में अब तक कमी नहीं आई है। 

सरकारी श्रम ब्यूरो द्वारा एकत्रित ख़ुदरा मूल्य के आँकड़ों के मुताबिक़ प्याज, टमाटर, बैंगन, गोभी, फूलगोभी, विभिन्न हरी सब्ज़़ियों, बीन्स आदि जैसी कई आम सब्ज़ियों की कीमतें इस साल जनवरी से अब तक 50% - 100% तक बढ़ गई हैं। कुछ मामलों में मूल्य वृद्धि चौंकाने है। उदाहरण स्वरूप पिछले 9 महीनों में टमाटर की कीमत में 157%, फूलगोभी 108%, प्याज 94%, मटर 218% और पत्तेदार सब्जियों में 60% तक चौंकाने वाली वृद्धि हुई।

Table price rise.jpg

औसतन इस अवधि में फलों और सब्जियों के श्रम ब्यूरो सूचकांक में 37% से ज़्यादा की वृद्धि हुई है। गरीब लोगों यानी ज़्यादातर भारतीयों के लिए है यह पहले से ही बढ़ती कीमतों के दौर से सभी दौर में परिवार के बजट के लिए एक बड़ा झटका है। हाल के आँकड़ों के मुताबिक़ बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है और नौकरी असुरक्षा तथा अनियंत्रित खाद्य पदार्थों की क़ीमतें असहनीय हो रहे हैं।

सब्जियों की क़ीमतों में वृद्धि ने अंडे जैसे कुछ अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है क्योंकि उपभोक्ता का झुकाव समतुल्य खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल की तरफ हुआ है। उदाहरण स्वरूप अंडे की क़ीमत अब क़रीब 7 रुपए प्रति ईकाई हो गयी है I पिछले दो महीनों में 40% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

मोदी सरकार क़ीमतों के मामले में सबसे ज़्यादा विफल साबित हुई है। जून 2014 से, कई ज़रूरी वस्तुओं में नियमित वृद्धि देखी गई: माँस की क़ीमत में लगभग 20%, दूध 17%, प्याज़ 47%, मूली 37%, गाजर 45%, सब्ज़ियाँ 32%, टमाटर 88%, बैंगन 43%, फूलगोभी 37%, मटर 69%, सेम 24% तक वृद्धि हुई।

मोदी सरकार इससे निपटने में असफल रही और, दलहन के मामले में ऐसा लगता है कि तेज़ी से वृद्धि को रोकने में बहुत ज़्यादा सफल नहीं रही। 2016-17 में दलहन की भरपूर फसलों के बावजूद क़ीमतें निरपेक्ष रूप से उच्च रही है जो ज़्यादातर भारतीयों के लिए काफी मायने रखता है।

हाल ही में कई ट्रेड यूनियनों ने 13 दिसंबर 2017 को क़ीमत वृद्धि के ख़िलाफ देशव्यापी प्रदर्शन दिवस का आह्वान किया है। ये प्रदर्शन श्रमिकों के तीन दिवसीय महापड़ाव की ऐतिहासिक विरोध की पृष्ठभूमि में हो रहा है। ये महापड़ाव राजधानी दिल्ली में अन्य मुद्दों समेत बेहतर मज़दूरी और अनियंत्रित मूल्य वृद्धि नियंत्रण को लेकर किया गया था। 

 

food price rise
modi sarkar
vegetable price rise

Related Stories

अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?

मतदाता पहचान कार्ड, सूची को आधार से जोड़ने सहित चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को लोकसभा की मंजूरी

लखीमपुर खीरी कांड: गृह राज्य मंत्री टेनी दिल्ली तलब

मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी

अबकी बार, मोदी जी के लिए ताली-थाली बजा मेरे यार!

वैश्विक भुखमरी इंडेक्स में भारत की ‘तरक़्क़ी’: थैंक्यू मोदी जी!

युवाओं ने दिल्ली सरकार पर बोला हल्ला, पूछा- 'कहां है हमारा रोज़गार?'

अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा के तहत ओबीसी को मिला आरक्षण, छात्र संगठनों ने कहा संघर्ष की हुई जीत!

झारखण्ड : फादर स्टैन स्वामी की मौत से जनता में रोष, न्याय के लिए छिड़ी मुहिम

बात बोलेगी : सहकारिता मंत्रालय के पीछे RSS के विस्तार की रणनीति !


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी
    31 May 2022
    गुजरात के दलित स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौक़े पर बीआर अंबेडकर को समर्पित एक टन के पीतल का सिक्का लेकर संसद जायेंगे। वे सांसदों को याद दिलाना चाहते हैं कि वे छुआछूत मिटाने में नाकाम रहे हैं।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद पर मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव से खास बातचीत
    31 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी विवाद पर न्यूज क्लिक संवादाता तारिक अनवर ने मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव से बातचीत की। इस विवाद से जुड़े कई सवालों पर बात किया। जैसे कि जिला अदालत में आप इस…
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था
    31 May 2022
    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को जून में उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिकी देशों (अमेरिकाज़) के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करनी है; जिसके बहाने बाइडन यह उम्मीद कर रहे हैं कि अन्य अमेरिकी देशों पर वाशिंगटन…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी जी, देश का नाम रोशन करने वाले इन भारतीयों की अनदेखी क्यों, पंजाबी गायक की हत्या उठाती बड़े सवाल
    30 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने टाइम मैग्जीन में आए तीन भारतीयों (खुर्रम परवेज़, करुणा नंदी और गौतम अडानी) के साथ-साथ बुकर इंटरनेशनल अवार्ड जीतने वाली हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री की मोदी…
  • भाषा
    धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया
    30 May 2022
    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License