न्यूज़क्लिक ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ से गुजरात पुलिस द्वारा उनपर लगाए गए मुक़दमे पर चर्चा की। इस मुक़दमे में गुजरात हाई कोर्ट ने जमानत याचिका ख़ारिज कर दी थी जिस फैसले पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। तीस्ता ने कहा कि इस तरह के मुक़दमे लगा कर मोदी सरकार गुजरात दंगा पीड़ितों के हक में लड़ी जा रही उनकी लड़ाई पर रोक लगाना चाहती है। वह मानती हैं कि केंद्र और राज्य सरकार उस न्यायिक प्रक्रिया में दखल देना चाहती है जिसके कारण गुजरात दंगो के कई आरोपी आज सलाखों के पीछे हैं। तीस्ता ने यह भी बताया कि गुजरात हाई कोर्ट का फैसला इसलिए चौका देने वाला है क्योंकि उसमे केवल जांच अधिकारी द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट को आधार माना गया है जबकि उनके द्वारा दाखिल एफिडेविट को नजरअंदाज किया गया है। ये एफिडेविट गुजरात पुलिस के झूठे दावों की पोल खोलता है। तीस्ता ने यह भी कहा कि वे और उनका संगठन सुप्रीम कोर्ट द्वारा करवाई गई किसी भी निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैं।
