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राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप का नज़रिया अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए  अच्छा संकेत नहीं है
यहां तक कि अमेरिका के यूरोपीय सहयोगी ट्रंप की प्रेसीडेंसी के अतीत पर नज़र डालते हुए यह देखना चाह रहे हैं कि आख़िर बिडेन की झोली में उनके लिए क्या हो सकता है। 
एम. के. भद्रकुमार
10 Aug 2020
Translated by महेश कुमार
अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा
जुलाई में लॉस एंजिल्स, संयुक्त राज्य अमेरिका के क्रेंशॉ के पड़ोस में एक सामुदायिक खाद्य बैंक में वालिण्टीयर मुफ्त किराने का सामान लाद रहे हैं। (एएफपी फोटो)

डोनाल्ड ट्रम्प की दिवालिया प्रेसीडेंसी की शुरुआत पिछले दो दिनों में अमेरिकी गृह विभाग के दो उच्च-रैंकिंग अधिकारियों के अलविदा होने से चिन्हित हो गई है। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को एक आश्चर्यजनक घोषणा की कि ब्रायन हुक जो ईरान पर अमेरिकी गृह विभाग के विशेष प्रतिनिधि थे ने इस्तीफा दे दिया हैं।

इसके एक दिन पहले ही, एक अन्य उच्च रैंकिंग गृह विभाग के अधिकारी ने पोम्पियो के जहाज से तब छलांग लगा दी जब कार्यवाहक महानिरीक्षक स्टीफन अकार्ड ने भी बुधवार को इस्तीफा दे दिया था, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा विभाग के पिछले आंतरिक प्रहरी को निकाले अभी तीन महीने से भी कम समय हुआ था। 

दोनों घटनाक्रम आपस जुड़े हुए नहीं हैं, लेकिन इसमें कोई आश्चर्य भी नहीं है। डब्लूएपीओ (WaPo) और सीएनएन द्वारा रिपोर्ट किए जाने बाद, अकार्ड के जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में पोम्पेओ अनजाने में अपनी बात कह चुका था। पोम्पेओ ने कहा, "वे वापस घर जा रहे हैं। ऐसा हुआ। मेरे पास इससे अधिक कुछ कहने के लिए नहीं है।

लेकिन अकार्ड को अपने पूर्ववर्ती स्टीव लिनिक से यह सब विरासत में मिला था क्योंकि पोम्पेओ ने जब उसे निकाला था तो उस वक़्त दो विस्फोटक फ़ाइलों पर जांच चल रही थी जो सीधे तौर पर पोम्पेओ के रुतबे पर असर डाल सकती थी। पोम्पेओ की पत्नी से संबंधित एक जांच में कथित रूप से स्टेट डिपार्टमेंट के संसाधनों का दुरुपयोग शामिल था, और दूसरे मामले में कॉंग्रेस को विश्वास में लिए बिना पॉम्पेओ ने सऊदी अरब को अरबों डॉलर की हथियार बिक्री का प्रयास किया था।

अकार्ड ने पोम्पेओ और उनकी पत्नी के खिलाफ चल रही दो हाई-प्रोफाइल जांच से खुद को आधिकारिक तौर पर अलग कर लिया था। अकार्ड जो एक विदेश सेवा अधिकारी हैं पोम्पेओ और उनकी पत्नी की गंदगी को नहीं ढोना चाहते थे, खासकर तब जब नवंबर में चुनाव है और व्हाइट हाउस में 'सत्ता परिवर्तन' हो सकता है और डेमोक्रेट पहले से ही इस बात की जांच रहे हैं कि लिनिक को क्यों बाहर किया गया है, और उनके मुख्य लक्ष्यों में इस बात का भी पता लगाना है कि पोम्पेओ को हटाने के लिए कौनसी बात पोम्पेओ को परेशान कर रही थी। हाउस फॉरेन अफेयर्स के अध्यक्ष एलियट एंगेल, जो एक डेमोक्रेट हैं, ने पोम्पेओ के चार वरिष्ठ सहयोगियों को सम्मन भेजे हैं और उन पर आरोप लगाया है उन्होने जांच के दौरान एक साक्षात्कार का विरोध किया था।

अकार्ड से अलग, निवर्तमान विशेष प्रतिनिधि हुक एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति था। ईरान पर नीति की देखरेख करने से पहले 2017 से 2018 हुक पोम्पेओ के गृह विभाग के नीति नियोजन स्टाफ के निदेशक के रूप में काम किया था। और ईरान डेस्क पर रहते हुए, वह लगभग पिछले साल जॉन बोल्टन की जगह राष्ट्रीय सचिव सलाहकार के रूप में पदोन्नत होने ही वाले थे।

हुक का चले जाना भौंहें तो खड़ी करता है क्योंकि वह न केवल ईरान पर ट्रम्प प्रशासन का खास  व्यक्ति व्यक्ति था, बल्कि पोम्पेओ का 'नीति सलाहकार' भी था। हुक के चले जाने पर, पोम्पेओ ने एक स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट किया कि यह निर्णय पूरी तरह से हुक का है। पोम्पेओ ने दावा किया, हुक ईरान पर दो साल से अधिक समय से "विशेष प्रतिनिधि” था और उन्होंने ईरानी शासन का मुकाबला करते हुए ऐतिहासिक परिणाम हासिल किए थे।"

जो निश्चित रूप से एक व्यर्थ का घमंड था। ट्रम्प प्रशासन के माध्यम से ’अधिकतम दबाव’ वाले दृष्टिकोण के चलते किसी भी सार्थक परिणाम को पैदा करने में विफल रहा है। और हुक ने हथियार डाल दिए है। वास्तव में, सर्वोच्च नेता अली खमेनेई ने हाल ही में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के विस्तार की घोषणा की थी। खामेनेई ने ट्रम्प प्रशासन के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इंकार कर दिया है, और कहा, “वह [ट्रम्प] इस वार्ता से लाभान्वित होगा। यह बूढ़ा व्यक्ति जो अमेरिका का प्रभारी है, ने स्पष्ट रूप से उत्तर कोरिया के साथ बातचीत करके उसे प्रचार के लिए इस्तेमाल किया।"

तेहरान के इस तिरस्कारपूर्ण लहज़े से यह विश्वास झलकता है कि जनवरी तक व्हाइट हाउस में सत्ता बदलने की काफी अधिक संभावना है। हुक काफी स्मार्ट है यह जानते हुए कि वह एक प्रशासन में उस वक़्त को चिह्नित करता है जिसने उसके दिवालियापन के लिए जाना जाएगा।

हुक के स्थान पर किसी के भी नाम पर विचार नहीं किया जा रहा है अब उनका पोर्टफोलियो अतिरिक्त रूप से इलियट अब्राम्स, जो वेनेजुएला के विशेष प्रतिनिधि हैं संभालेंगे। जाहिर है, वेनेजुएला में ’सत्ता  परिवर्तन’ परियोजना को लगे झटके के बाद अब्राम के पास अब काफी खाली वक़्त है। 

वास्तव में, हुक की विदायगी उस लफ़्फ़ाज़ी को चिन्हित करती है कि ट्रम्प प्रशासन वस्तुतः ईरान की नीति पर आस लगाए बैठा है। संक्षेप में कहा जाए तो ट्रम्प प्रशासन की विदेश नीतियों के तीन प्रमुख खाके जिसमें उत्तर कोरिया, वेनेजुएला और ईरान शामिल है- उसमें ट्रम्प प्रशासन का दिवालियापन हावी रहा है। राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प के पहले कार्यकाल के बचे कुछ महीनों में इन फाइलों को फिर से खगांलने या खोलने की संभावना न के बराबर है।

इस दिवालियापन की अवधि अमरीका के नीचे खिसकने का अनुभव कराता है। आप सत्ता का लीवर पकड़ते हैं लेकिन सत्ता आपके हाथ से निकल जाती है और कोई भी आपको गंभीरता से नहीं लेता है। यहां तक कि अमेरिका के यूरोपीय सहयोगी ट्रम्प प्रेसीडेंसी की तरफ देख रहे हैं और नज़रे गड़ाए है कि आखिर बिडेन की झोली में उनके लिए क्या हो सकता है।

यूरोपीय राजधानियों के भीतर विदेश नीति विशेषज्ञ इसका विश्लेषण कर रहे हैं कि बिडेन के कार्यकाल में मुख्य चिंता क्या होगी- एक तरफ, कोविड के बाद के बहुपक्षीय हालात पर जोर देना और साथ ही उदार लोकतंत्रों के साथ सहयोग करना, जबकि दूसरी तरफ प्रगतिशील वामपंथ के प्रभाव और  पेरिस जलवायु परिवर्तन संधि के प्रति वचनबद्धता को दर्शाता है, लेकिन साथ ही वैश्विकता और मुक्त व्यापार के बारे में एक नए संशयवाद की ओर इशारा करता है।

गार्जियन अखबार ने शुक्रवार को अपनी एक टिप्पणी में कहा, "बिडेन ने संस्थागत पागलपन के अंत का वादा किया है, सहयोगियों के प्रति दुश्मनी और सत्तावादी लोगों को बढ़ावा देना से राहत मिलेगी। योग्यता, विश्वसनीयता और बातचीत किसी राष्ट्रपति पद को तय करने की ऊंची शर्त नहीं हो सकती है, लेकिन साधारण सामान्यता से पश्चिम के विचार की वापसी होगी, जो पिछले चार वर्षों की अराजकता से बेहतर होगी।”

बेशक, ट्रम्प का दिवालियापन के शासन की गहरी जांच अब और वर्ष के आखिर तक यूएस-चीन तनाव की कारगुजारी में निहित है। पेंटागन दक्षिण चीन सागर में 2 यूएस कैरियर स्ट्राइक समूहों के द्वारा सभी शानदार ताक़त दिखाने के बाद अब तनाव को कम करने का संकेत दे रहा है।

रक्षा सचिव मार्क ओशो ने काफी लंबे समय के बाद चीन की यात्रा करने का इरादा जताया (पहली बार कार्यालय में रहते हुए) है, उन्होंने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष वेइ फेंग को फोन भी किया था। उनकी बातचीत के संबंध में एक चीनी रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय सैन्य संबंधों और "अगले चरण के दौरान आदान-प्रदान" पर चर्चा की है।

बताया जाता है कि वेइ ने "दक्षिण चीन सागर और ताइवान पर चीन के रुख पर बल दिया है और अमेरिका से अपने गलत कामों को रोकने के लिए कहा है, साथ ही खतरनाक चालों से बचने के लिए समुद्री जोखिमों को तुरंत बंद करने को कहा है जो आपसी तनाव बढ़ा सकते हैं", जबकि एस्पर ने कहा कि वर्तमान तनाव के बीच, "दोनों सेना के बीच वार्ता होनी चाहिए" ताकि किसी भी गलतफहमी से बचा जा सके।”

एक अधिक विस्तृत पेंटागन रीडआउट में अमेरिका की चिंताओं को दर्ज़ किया गया है, और चीन के व्यवहार के बारे में निम्न कहा गया है:

“सचिव एस्पर ने अपनी अमेरिकी-पीआरसी रक्षा संबंधों की प्राथमिकताओं को दोहराते हुए संकट को रोकने और जोखिमों को कम करने के लिए, और दोनों देशों के हितों की रक्षा के लिए सहयोग करने को कहा है। 

“दोनों नेताओं ने बातचीत के खुले चैनलों को बनाए रखने और संकट पर बातचीत और जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक प्रणालियों को विकसित करने के महत्व पर सहमति व्यक्त की है। सेक्रेटरी एस्पर ने संयुक्त राज्य अमरीका और पीआरसी के बीच एक रचनात्मक, स्थिर और परिणाम-उन्मुख रक्षा संबंध के सिद्धांतों की पुष्टि की है।"

जाहिर है, ट्रम्प प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपना रुख बदला है कि दिवालियापन की आगे की अवधि के दौरान यूएस-चीन संबंधों में तनाव पर नज़र रखी जाए और गलती से वह वापस भड़क न जाए।

अपनी ओर से, बीजिंग ने भी आपसी सम्मान और समान संबंधों के आधार पर सहयोग करने की अपनी रुचि को दोहराया है, जबकि चीन ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि उसके प्रमुख हितों के साथ असमान रूप से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 5 अगस्त को शिन्हुआ समाचार एजेंसी को राज्य पार्षद और विदेश मंत्री वांग यी द्वारा दिए गए एक साक्षात्कार का सामान्य बहाव यह है कि चीन को पता है कि ट्रम्प के दिवालियापन का शासन को देखते हुए, प्राथमिकताएं बदल सकती हैं।

भविष्य पर नज़र रखते हुए, वांग ने साक्षात्कार के अंत की टिप्पणी में कहा कि, "कोविड-19 अभी भी दुनिया भर में उग्र रूप में है, और चीन महामारी को नियंत्रण करने तथा आर्थिक सुधार पर अमेरिका के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग करने के लिए तैयार है।" बीजिंग अभी चुप बैठा है, और अपनी वी-आकार के आर्थिक प्रदर्शन और विकास की रफ्तार और उसकी तरफ दूसरों को खींचने की अपनी क्षमता के मामले में पूरी तरह से आश्वस्त है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं-

Trump Lame Duck Period Bodes Well for International Security

Donald Trump
USA
China

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