NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
उत्तयाखंड त्रासदी : कितनी मानवीय, कितनी प्राकृतिक ?
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
21 Aug 2014

उत्तराखंड में आयी भीषण बाढ़ और तबाही ने अनगिनत प्रश्न खड़े कर दिए हैं। विकास के अंधे दौड़ में पर्यावरण को अनदेखा करना, संवेदनशील इलाकों में बांधों का निर्माण, आपदा प्रबंधन की कोई तैयारी ना होना, प्रशासन का नदियों के किनारे में हुए अतिक्रमण को नज़रअंदाज़ करना इत्यादि कारणों ने क्षति को कई गुना बढ़ा दिया। अभी भी उत्तराखंड में स्थानीय लोग बुरे मौसम की मार के साथ-साथ प्रशासन की असंवेदनशीलता को भी झेलने पर विवश हैं। राज्य में कई स्वयंसेवी दल निःस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं। उन्ही में से एक दल 'बूँद' ने सोशल मिडिया के ज़रिये स्वयंसेवकों का एक बड़ा समूह तैयार किया और उत्तराखंड में दिन-रात एक कर के काम कर रहे हैं। दल के सदस्य अभिनव सब्यसाची ने न्यूज़क्लिक को उत्तराखंड की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और बूँद के बारे विस्तार से बताया।

भूस्खलन
एयरफोर्स
बद्रीनाथ
सीआरपीएफ
देहरादून
पर्यावरण
बाढ़
ग्लेशियर
आईटीबीपी
केदारनाथ
एनडीएमए
मौसम अनुमान
विरोध

Related Stories

उत्तराखंड: बारिश से भारी संख्या में सड़कों और पुलों का बहना किसका संकेत?

दक्षिण दिल्ली में काटे जाएँगे 16,500 पेड़

पर्यावरण विनियमों को कमज़ोर करना क्या अपने चरम पर है?

वेदांता की सहायक कंपनी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन पर पुलिस फायरिंग से 11 लोगों की मौत

क्या गुजरात एक अलग देश है?

प्रतिरोध का सिनेमा उत्सव भी है,और आंदोलन भी

पर्यावरण एवं वन विरोधी मंत्रालय?

पुणे भूसक्खलन : एक पर्यावरण असंवेदशीलता का परिणाम

उत्तराखंड त्रासदी: प्रशासनिक अक्षमता एवं अपर्याप्त राहत कार्य


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License