प्रधानमंत्री मोदी ने सन् 2014 के संसदीय चुनाव में भ्रष्टाचार मुक्त भारत और विकास की बातें ज्यादा की थीं. लेकिन अब उनका और उनकी पार्टी का ज्यादा जोर धार्मिकता और ध्रुवीकरण के मुद्दों पर है. पिछले साल के अगस्त महीने में अयोध्या के मंदिर भूमिपूजन और इस साल के दिसम्बर में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का रंगारंग उदघाटन इसके दो ठोस उदाहरण हैं. हमारा संविधान ऐसे सवालों को किस तरह देखता है? #AajKiBaat में राज्य और धर्म के अलगाव के मूल संवैधानिक विचार की रोशनी में प्रधानमंत्री मोदी के ऐसे कदमों का आकलन कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh: