NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
15 फरवरी को ट्रेड यूनियनों की राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल
मीडिया ने नहीं दिखाई 15000 केंद्रीय कर्मचारियों की संसद रैली
सबरंग इंडिया
20 Dec 2016
15 फरवरी को ट्रेड यूनियनों की राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल

संसद का शीतकालीन सत्र खत्‍म होने से ठीक एक दिन पहले 15 दिसंबर को केवल 500 मीटर की दूरी पर संसद मार्ग थाने से लेकर जंतर-मंतर तक 15000 केंद्रीय कर्मचारी दिन भर विशाल मंच से भाषण देते रहे और अपनी मांगों के हक़ में नारे लगाते रहे, लेकिन राष्‍ट्रीय, अंतरराष्‍ट्रीय और स्‍थानीय मीडिया ने अपनी आंखें मूंदे रखीं और कान ढंके रखे। उसे न तो लाल झंडे दिखायी दिए, न ही कर्मचारियों की आवाज़ें सुनाई दीं।

केंद्रीय कर्मचारी परिसंघ ने सातवें वेतन आयोग के संबंध में और अन्‍य मांगों को लेकर 15 दिसंबर को दिल्‍ली के संसद मार्ग पर एक विशाल रैली बुलाई थी। इस रैली की तैयारी से परेशान होकर केंद्र सरकार ने पिछले महीने परिसंघ को कुछ आश्‍वासन दिए थे जिससे वह बाद में मुकर गई। इसीलिए रैली के बैनर पर अरुण जेटली, राजनाथ सिंह और सुरेश प्रभु- तीनों केंद्रीय मंत्रियों के द्वारा विश्‍वासघात की बात लिखी गई थी।

पिछले महीने के अंत में इंडिया डॉट कॉम नाम की वेबसाइट ने ख़बर दी थी कि सरकार के आश्‍वासन के बाद रैली टाल दी गई है। 15 दिसंबर को दिल्‍ली की सड़कों ने उस ख़बर को तो झूठा साबित कर ही दिया, लेकिन साथ ही बाकी मीडिया के बारे में यह धारणा भी पुष्‍ट कर दी कि वह नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ़ सरकार के भीतर से ही उठने वाले असहमति के स्‍वर को वह नहीं दिखाएगा और पूरी तरह सरकार के आगे घुटने टेक चुका है।

रैली की अध्‍यक्षता परिसंघ के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष केकेएन कुट्टी ने की। कई सांसद भी इस रैली का हिस्‍सा रहे। कुहरे के कारण रद्द हुई ट्रेनों और तमिलनाडु में आए वरदा तूफ़ान के बावजूद भारी संख्‍या में दक्षिण भारत से कर्मचारी इस रैली में हिस्‍सा लेने आए थे। रैली में घोषणा की गई कि 15 फरवरी 2017 को सभी ट्रेड यूनियनें एक दिन की राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल का आयोजन करेंगी और काम बंद रहेगा।

रैली की पूरी ख़बर और मांगपत्र के लिए इस लिंक पर जाएं। 

Courtesy: मीडिया विजिल
भाजपा
हड़ताल
मजदूर आन्दोलन

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

यूपी: योगी सरकार में कई बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

क्या भाजपा शासित असम में भारतीय नागरिकों से छीनी जा रही है उनकी नागरिकता?

मज़दूरों ने अपने अधिकारों के लिए किया मार्च ;20 जुलाई को करेंगे दिल्ली में हड़ताल


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    दलितों में वे भी शामिल हैं जो जाति के बावजूद असमानता का विरोध करते हैं : मार्टिन मैकवान
    12 May 2022
    जाने-माने एक्टिविस्ट बताते हैं कि कैसे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि किसी दलित को जाति से नहीं बल्कि उसके कर्म और आस्था से परिभाषित किया जाना चाहिए।
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,827 नए मामले, 24 मरीज़ों की मौत
    12 May 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में आज कोरोना के एक हज़ार से कम यानी 970 नए मामले दर्ज किए गए है, जबकि इस दौरान 1,230 लोगों की ठीक किया जा चूका है |
  • सबरंग इंडिया
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल
    12 May 2022
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ एमपी के आदिवासी सड़कों पर उतर आए और कलेक्टर कार्यालय के घेराव के साथ निर्णायक आंदोलन का आगाज करते हुए, आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की मांग की।
  • Buldozer
    महेश कुमार
    बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग
    11 May 2022
    जब दलित समुदाय के लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके के दलित समुदाय में गुस्सा है।
  • Professor Ravikant
    न्यूज़क्लिक टीम
    संघियों के निशाने पर प्रोफेसर: वजह बता रहे हैं स्वयं डा. रविकांत
    11 May 2022
    लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ आरएसएस से सम्बद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता हाथ धोकर क्यों पड़े हैं? विश्वविद्यालय परिसरों, मीडिया और समाज में लोगों की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License