NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरिया में पत्रकारों ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर सरकारी उत्पीड़न का विरोध किया
अल्जीरियाई सरकार द्वारा निरंतर और व्यवस्थित अभियान के तहत पत्रकारों और समाचार पोर्टलों को अपनी नीतियों की आलोचना को लेकर निशाना बनाया गया है। कई पत्रकारों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है या उन्हें न्यायिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
05 May 2021
अल्जीरिया में पत्रकारों ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर सरकारी उत्पीड़न का विरोध किया

सैकड़ों अल्जीरियाई पत्रकारों ने सोमवार को अल्जीरिया की राजधानी अल्जीयर्स में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विरोध प्रदर्शनों किया और मांग की कि अल्जीरियाई सरकार बिना शर्त उन सभी पत्रकारों को रिहा करे जो अभी प्री-ट्रायल डिटेंशन में रखे गए हैं।

प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों ने पत्रकारों की न्यायिक उत्पीड़न को रोकने के लिए राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बाउने की सरकार से मांग की है और नीतियों को लेकर सरकार की आलोचना करने और विरोध करने वाले पत्रकारों या वैचारिक रूप से विरोध करने वालों के खिलाफ देश में लगातार हो रही व्यवस्थित कार्रवाई का विरोध किया।

सोशल मीडिया पोस्ट और समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि पत्रकारों ने सोमवार को राजधानी में रैली निकाली और बाद में राजधानी के फ्रीडम स्कावयर पर धरने में भाग लिया। उनके साथ सुरक्षा बलों की भारी तैनाती थी जिन्होंने इलाके की घेराबंदी कर रखी थी और प्रदर्शनकारियों को शहर के मुख्य मार्गों पर जाने से रोका। इन प्रदर्शनकारियों ने विशेष रूप से पत्रकार रबाह करेचे के मामले को उठाया जिन्हें अधिकारियों द्वारा इस साल 19 अप्रैल से प्री ट्रायल डिटेंशन में कैद किया गया है। करेचे लिबरेट डेली के रिपोर्टर हैं और उन पर उस समय सरकार की तरफ से "घृणा और भेदभाव फैलाने" का आरोप लगाया गया जब वे सरकार विरोधी प्रदर्शन हिरक आंदोलन को कवर कर रहे थे।

इन प्रदर्शनकारियों में प्रमुख अल्जीरियाई पत्रकार खालिद द्रारेनी, लिबरेट डेली के हसैने औली, नजीब बेल्हिमर जैसे कई अन्य पत्रकार थें जिन्होंने हाल ही में सरकार के प्रति अपने आलोचनात्मक दृष्टिकोण या जन आंदोलनों में अपनी भागीदारी के लिए सरकार द्वारा उत्पीड़न का सामना किया है।

हाल की रिपोर्टों के अनुसार सरकार ने पिछले दो वर्षों में कई प्रमुख समाचार पोर्टलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें Maghreb Emergent और Tout Sur l’Algérie शामिल है। इन दोनों समाचार घरानों ने उन लेखों को प्रकाशित किया था जो वर्तमान राजनीतिक सत्ता विशेष रूप से राष्ट्रपति के मामले में आलोचनात्मक थे।

पिछले महीने आई रिपोर्ट के अनुसार प्रेस फ्रीडम के मामले अल्जीरिया दुनिया के सबसे खराब देशों में शामिल किया गया था। ये रिपोर्ट प्रेस फ्रीडम वॉचडॉग रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने तैयार किया था। रिपोर्ट के अनुसार इस सूची में यह 146 वें स्थान पर है।

algiria
Press freedom
World Press Freedom Day
journalist

Related Stories

धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

इज़रायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे

भारत को मध्ययुग में ले जाने का राष्ट्रीय अभियान चल रहा है!

भारत में ‘वेंटिलेटर पर रखी प्रेस स्वतंत्रता’, क्या कहते हैं वैकल्पिक मीडिया के पत्रकार?

प्रेस स्वतंत्रता पर अंकुश को लेकर पश्चिम में भारत की छवि बिगड़ी

Press Freedom Index में 150वें नंबर पर भारत,अब तक का सबसे निचला स्तर

भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार

प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 150वे स्थान पर क्यों पहुंचा

नागरिकों से बदले पर उतारू सरकार, बलिया-पत्रकार एकता दिखाती राह


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License