NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एक और आईएएस अफसर ने दिया इस्तीफा, कहा- देश के मूल ताने-बाने को संकट
कर्नाटक के आईएएस अधिकारी एस शशिकांत सेंथिल ने कहा है कि उन्हें लगता है कि आने वाले दिन देश के मूल ताने-बाने के लिए बेहद कठिन चुनौतियां पेश करेंगे और सबके जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनका आईएएस से बाहर रहना बेहतर होगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Sep 2019
S.Shashikant
Image courtesy: HS NEWS

कर्नाटक के आईएएस अधिकारी एस शशिकांत सेंथिल ने शुक्रवार को सेवा से इस्तीफा दे दिया। सेंथिल दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त यानी डिप्टी कमीश्नर थे। अपने ‘मित्रों’ को पत्र लिखकर कहा कि‘‘ सिविल सेवक के रूप में उनका सरकार में बने रहना अनैतिक होगा जब ‘‘लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे के साथ अभूतपूर्व तरीके से समझौता किया जा रहा है।’’

40  वर्षीय शशिकांत ने कहा कि इस्तीफ़ा देना उनका व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा किसी भी तरह से किसी घटना या किसी व्यक्ति विशेष से नहीं जुड़ा हुआ है। डीके (दक्षिण कन्नड़) के लोग और जन प्रतिनिधि मेरे प्रति बेहद उदार रहे हैं और मैं उनसे माफी मांगता हूं क्योंकि मुझे जो काम सौंपा गया था, उसे मैं बीच में ही छोड़ रहा हूं।’’
letter_1.jpg
सेंथिल ने यह भी कहा कि उन्हें प्रतीत होता है कि आने वाले दिन देश के मूल ताने-बाने के लिए बेहद कठिन चुनौतियां पेश करेंगे और सब के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनका आईएएस से बाहर रहना बेहतर होगा। मूल रूप से तमिलनाडु के निवासी सेंथिल 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। उन्हें 2017 में दक्षिण कन्नड़ का उपायुक्त बनाया गया था।

पिछले महीने, एक अन्य आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण सेवा से इस्तीफा दे दिया था।
33 वर्षीय कन्नन गोपीनाथन अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत AGMUT (अरुणाचल, गोवा, मिजोरम यूनियन टेरिटरी) कैडर में थे। दादर नगर हवेली और दमन और दीव केंद्रशासित प्रदेश के पावर डिपार्टमेंट के सेक्रटरी पद पर कार्यरत थे।

कन्नन गोपीनाथन ने यह कहते हुए इस्तीफ़ा दिया था, "कल अगर कोई मुझसे पूछे कि जिस वक़्त दुनिया का एक बड़ा जनतंत्र एक पूरे राज्य पर पाबंदी लगा रहा था और उसके नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन रहा था, आप क्या कर रहे थे, तब कम से कम मैं कह सकूँ कि मैंने उस राज्य की सेवा से इस्तीफ़ा दिया था। इस सेवा में यह सोचकर आया था कि मैं उनकी आवाज़ बनूँगा जिन्हें चुप करा दिया गया है लेकिन यहाँ तो मैं ख़ुद ही अपनी आवाज़ गँवा बैठा। सवाल यह नहीं कि मैंने इस्तीफ़ा क्यों दिया बल्कि यह है कि मैं इस्तीफ़ा दिए बिना रह कैसे सकता था?”

इसे पढ़ें : कन्नन गोपीनाथन : क्या इस्तीफ़ा दिए बिना भी सरकार की आलोचना का अधिकार है?

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

democracy
karnataka
S Shashikant Senthil
kannan gopinathan
IAS (11597
IAS officers

Related Stories

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !

कर्नाटक: स्कूली किताबों में जोड़ा गया हेडगेवार का भाषण, भाजपा पर लगा शिक्षा के भगवाकरण का आरोप

नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक

Press Freedom Index में 150वें नंबर पर भारत,अब तक का सबसे निचला स्तर

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

ढहता लोकतंत्र : राजनीति का अपराधीकरण, लोकतंत्र में दाग़ियों को आरक्षण!

लोकतंत्र और परिवारवाद का रिश्ता बेहद जटिल है


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License