NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पत्रकार मनदीप पुनिया ने किया गिरफ़्तारी के बाद का घटनाक्रम बयां
प्रदर्शनकारी किसानों और उन पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों पर लगातार दमन चक्र चलाया जा रहा है। इस बीच मनदीप पुनिया को बेल पर छोड़े जाने से कुछ राहत मिली है। स्वतंत्र पत्रकार पुनिया को दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन में अपने पत्रकारीय दायित्व निभाते वक़्त गिरफ़्तार किया गया था।
बेतवा शर्मा
05 Feb 2021
मनदीप पुनिया

प्रदर्शनकारी किसानों और उन पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों पर लगातार दमन चक्र चलाया जा रहा है। इस बीच मनदीप पुनिया को बेल पर छोड़े जाने से कुछ राहत मिली है। स्वतंत्र पत्रकार पुनिया को दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन में अपने पत्रकारीय दायित्व निभाते वक़्त गिरफ़्तार किया गया था। बेतवा शर्मा इस पूरे घटनाक्रम पर मनदीप से बात कर रही हैं।

——

"और कर ले रिपोर्ट, और ले कर रिपोर्ट".... मनदीप पुनिया के मुताबिक, जब उन्हें दिल्ली और हरियाणा की सिंघु बॉर्डर के पास 30 जनवरी को पुलिस ने एक टेंट में बंद कर रखा था, तब पुलिसकर्मी उनसे यही शब्द कह रहे थे।

इससे कुछ घंटे पहले ही पुनिया की गिरफ़्तारी हुई थी। पुनिया बताते हैं कि पुलिसकर्मियों ने उनकी पिटाई की, कैमरा तोड़ दिया और उनका फोन छीन लिया।

पुनिया के मुताबिक़, "मेरे दोस्तों और परिवार को नहीं पता था कि मैं कहा हूं। मैं उनसे लगातार कानूनी सहायता पाने के लिए एक फोन करने देने की अपील करता रहा, लेकिन उन्होंने कहा कि अब तुम तिहाड़ से ही फोन लगाओगे।"

24 साल के पुनिया भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से पढ़े हैं, वे लगातार नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। पुनिया कारवां मैगजीन के लिए भी प्रदर्शन से रिपोर्टिंग कर रहे थे। वह बताते हैं कि पुलिसकर्मियों ने उनसे एक शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, जिसमें लिखा गया था कि वे पुलिसकर्मियों के साथ गलत व्यवहार नहीं करेंगे।

पुनिया बताते हैं कि जब वे टेंट में थे, तो शपथपत्र पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की गई, उन्हें कई थप्पड़ मारे गए और पैरों पर लाठियां भी बरसाई गईं। लेकिन पुनिया ने शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। 

पुनिया ने पुलिसकर्मियों से कहा, "मैं शपथपत्र पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा....मैंने कुछ किया ही नहीं है। तो मैं शपथपत्र पर हस्ताक्षर क्यों करूं? मैं समझौता क्यों करूं? अगर तुम चाहते हो, तो मुझे जेल भेज दो....तुम मुझे मार रहे हो और मुझसे कह रहे हो कि मैं पुलिसवालों के साथ अभद्र व्यवहार नहीं करूंगा। यह सही नहीं है। मैं शपथपत्र पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा।"

किसान आंदोलन पर मोदी सरकार के दमन, जिसमें कई पत्रकारों के खिलाफ़ बहुत सारी FIR दर्ज की जा रही हैं, इसके बीच पुनिया की गिरफ़्तारी ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी का तूफान खड़ा कर दिया था। 

एक फरवरी को बेल पर सुनवाई के दौरान पुनिया की पत्नी लीलाश्री गोदारा ने कहा, "मैं मानसिक तौर पर तैयार हूं। यह मेरी जवाबदेही है। मुझे लगता है कि हर किसी को आवाज़ उठाने की जरूरत है।"

पुनिया को 2 फरवरी के दिन मुख्य मेट्रोपॉलिटिन न्यायाधीश (CMM), जिला-उत्तर, सतवीर सिंह लाम्बा की कोर्ट से बेल दी गई है। 3 फरवरी की रात पुनिया जेल से छूटे।

वह आगे कहती हैं, "मुझे इस बात की चिंता है कि वे FIR में दूसरी चीजें जोड़ रहे हैं। पूरा सिस्टम ऐसा ही है। सरकार भी ऐसी ही है। हम कहते हैं कि यह लोकतंत्र है, लेकिन हम तानाशाही की तरफ बढ़ रहे हैं। आपको कुछ भी हो सकता है। इसलिए हर किसी को मानसिक तौर पर तैयार रहना चाहिए।"

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पुनिया को सिंघु बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करने के लिए हिरासत में लिया गया था। पुलिस का आरोप है कि हाथापाई के वक़्त पुनिया ने एक कॉन्सटेबल को धक्का दिया था। पुनिया के खिलाफ़ IPC की धारा 186 और 353 के तहत मामला दर्ज किया गया, जो क्रमश: किसी सरकारी अधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्यों से रोकने और ड्यूटी पर तैनात अधिकारी पर हमले से संबंधित हैं। इसके बाद अलीपुर पुलिस थाने में उनके खिलाफ़ IPC की धारा 332 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाने) और धारा 34 (सामान्य आशय को अग्रसर करने) भी जोड़ी गईं।

अतिरिक्त लोक अभियोजक बंदुराज बाघरावत राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि मनदीप प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों को भड़का सकता है और वहां स्थितियां खराब कर सकता है। बाघरावत ने इसी आधार पर मनदीप की बेल याचिका का विरोध किया।

पुनिया कहते हैं कि पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद और तिहाड़ ले जाने के बीच के घंटो में वे स्तब्ध थे। बतौर पुनिया, “मैं बस इतना ही सोच रहा था कि किसी तरह यह सब ख़त्म हो।”

पुनिया को बेल देने वाले आदेश में CMM लाम्बा ने टिप्पणी में कहा कि हाथापाई 30 जनवरी को शाम 6 बजकर 30 मिनट पर हुई, लेकिन FIR 31 जनवरी को 1:21 am पर दर्ज की गई। आदेश में कहा गया, "ऊपर से शिकायतकर्ता, पीड़ित और गवाह सभी पुलिसकर्मी ही हैं। इसलिए कोई संभावना नहीं है कि आरोपी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है।" 

पुनिया बताते हैं कि तिहाड़ पहुंचने के बाद वहां पहले से बंद किसानों से मिलने के बाद उन्होंने एक पेन का प्रबंध किया और उनकी स्टोरी सुनना चालू कर दिया, इस दौरान पुनिया ने अपने पैरों पर इन किसानों के नाम, वे कहां से आते हैं और उन्हें कैसी चोटें लगी हैं, इससे संबंधित जानकारी लिखी।

वह कहते हैं, “एक रिपोर्टर का काम रिपोर्ट करना है, खासकर तब जब आपके आसपास सताये हुए लोग हों। अगर तुम ज़्यादा या कम वक़्त के लिए तिहाड़ में भी हो, तो भी समय बर्बाद क्यों करना? रिपोर्ट करना चाहिए।”

पुनिया बताते हैं कि स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर काम करना जोख़िम भरा और कठिन होता है, जब चीजें मुश्किल हो जाती हैं तो किसी भी तरह की मदद मिलना कठिन हो जाता है।

हालांकि इस मामले में पुनिया के दोस्त और साथ काम करने वाले बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पुनिया कहते हैं, “मेरे लिए यही सबकुछ है।”

बेतवा शर्मा एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, जो राजनीति और नागरिक आज़ादी से जुड़े मुद्दों पर लिखती हैं। वे हफपोस्ट इंडिया की राजनीतिक संपादक रह चुकी हैं।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Journalist Mandeep Punia Recalls Moments After Arrest

Journalist Mandeep Punia
Freelance journalist
Narendra Modi Government
Press freedom

Related Stories

धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

भारत को मध्ययुग में ले जाने का राष्ट्रीय अभियान चल रहा है!

भारत में ‘वेंटिलेटर पर रखी प्रेस स्वतंत्रता’, क्या कहते हैं वैकल्पिक मीडिया के पत्रकार?

प्रेस स्वतंत्रता पर अंकुश को लेकर पश्चिम में भारत की छवि बिगड़ी

Press Freedom Index में 150वें नंबर पर भारत,अब तक का सबसे निचला स्तर

प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 150वे स्थान पर क्यों पहुंचा

देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, PM मोदी आज मुख्यमंत्रियों संग लेंगे बैठक

नागरिकों से बदले पर उतारू सरकार, बलिया-पत्रकार एकता दिखाती राह

बलिया पेपर लीक मामला: ज़मानत पर रिहा पत्रकारों का जगह-जगह स्वागत, लेकिन लड़ाई अभी बाक़ी है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License