NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
‘लव जिहाद’ साम्प्रदायिक धुर्विकरण की नयी मुहीम
महेश कुमार
03 Sep 2014

केंद्र में सत्ता हासिल करने के बाद अब भाजपा उत्तर प्रदेश  और बिहार में अपने पैर जमाना चाहती है ताकि वह केंद्र अपनी सत्ता को और मज़बूत कर सकेI इसके लिए अब उसे नए नारों की जरूरत है क्योंकि विकास और ‘अच्छे दिन’ का नारा आम जनता की नज़रों में पूरी तरह विफल हो चूका हैI लोक सभा चुनावों के बाद हुए उप-चुनावों में भाजपा की बुरी गत हुयी है और यह भाजपा के लिए बड़े संकट की घडी हैI बड़े स्तर पर निजीकरण को बढ़ावा देने और बड़े पूंजीपतियों और बहुराष्ट्रीय निगमों को मोटी-मोटी सौगातें बाँटने के वायदे, मुनाफे से लत-पत सार्वजनिक महकमों में बड़े स्तर पर विनिवेश ने देश की अर्थव्यवस्था का मार्ग पूंजीवादी लूट-खसोट की और अग्रसर कर दिया हैI इसमें आम आदमी के विकास का कोई स्थान नहीं हैI महंगाई, बेरोज़गारी और भरष्टाचार फिर से अपना फन फैलाए खड़ा हैI कृषि का संकट और गहरा रहा हैI गाँव का जीवन कठिन होता जा रहा हैI कुल मिलाकर विकास और ‘अच्छे दिन’ का ढकोसला ओंधे मुहं गिर गया है और जनता अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही हैI इसीलिए हाल ही के चुनावों में जनता ने भाजपा को चेतावनी दी है कि झूठे वायदों का हिसाब किताब भी चुनावों में ही होगाI

लव-जिहाद का नारा क्यों?

लव जिहाद का नारा एक सोची समझी साजिश का हिस्सा हैI सबसे पहले यह मुद्दा केरल और कर्नाटक के सीमाई जिलों में आर.एस.एस. और श्रीराम सेना ने उठाया था, यही कारण था की इस नारे की आड़ में उन युवाओं पर हमले किये गए जो वैलेंटाइन दिवस मनाने के लिए रेस्तराओं में गएI उन पर बड़ी बेरहमी से हमले किये गएI हिन्दू धर्म की रक्षा के नाम पर सार्वजनिक तौर पर लड़कियों के बाल पकड़कर उने घसीटा गया और उनपर शारीरिक हमले किये गएI विभिन्न चेनलों पर इस तरह की घटनाएं दिखाई गयीI लेकिन यह हमले अक्सर नौजवानों पर जारी रहेI इतिहास इस बात का गवाह है कि हर तरह के साम्प्रदायिक दंगों में महिलाओं का इस्तेमाल किया जाता रहा हैI हिन्दू धर्म के मठाधीश हमेशा से ही महिलाओं के सवालों की आड़ में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश करते रहे हैI वे हमेशा अपने ब्यान में कहते हैं कि हमारी महिलायें असुरक्षित हैं और अकलियत के लोग हमारी महिलाओं को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाते हैंI लव जिहाद के नारे को इसी कड़ी में दुबारा से पुनर्जीवित किया गया हैI  चूँकि इस्लामिक आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय पैमाने पर फैला हुआ है इसलिए लव-जिहाद का नारा पाने आप में काफी गंभीर असर डाल सकता हैI यह लोगों की जेहनियत में तो जिंदा रहेगा ही साथ देश में साप्रदायिक विभाजन करने में भी मुख्य भूमिका निभा सकता हैI कई हिन्दू जाती संगठनों ने सर्कुलर निकालकर अपनी जाती की युवतियों को मोबाइल रखने के लिए मना कर दिया है ताकि वे युवाओं के संपर्क में न रह सकेI उनका मानना है की ऐसा करने से युवतियां दुसरे धर्म तो क्या वे अपने धर्म के युवाओं के भी सम्पर्क में हनी रहेंगी और अंतर-जातीय विवाह का भी खतरा टल जाएगाI राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ हमेशा से ही अन्तर-जातीय विवाहों का विरोधी रहा हैI वे हमेशा इस तरह की शादियों  के खिलाफ हिन्दू युवाओं या हिन्दू युवतियों के परिवारों को धमकी देते रहे हैंI आर.एस.एस. और  भाजपा हमेशा से ही अंतर-जातीय विवाहों का विरोधी रहा है और उसने हमेशा इसे हिन्दू धर्म पर खतरे के रूप में देखा हैI क्योंकि ये दोनों ही संगठन वर्ण व्यवस्था के हिमायती हैंI इसलिए ये यह कतई नहीं चाहेंगें की समाज में युवा खासकर लड़कियां अपनी मर्जी से अपना जीवन साथी चुनेI इसलिए भाजपा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए ‘लव जिहाद’ जैसे नारों उपयोग कर रही हैI

लव जिहाद और दलित – आदिवासी

सवाल यह उठता है की हिन्दू धर्म तब खतरें में क्यों नहीं पड़ता जब दलित महिलाओं के साथ हिन्दू धर्म के ही लोग बलात्कार करतें हैं, उन्हें गाँव में नंगा घुमातें हैं, घरों में घुसकर उनके ही परिवार के सामने उन्हें ज़लील करते हैं? तब क्यों नहीं ये धर्म के ठेकेदार कोई वाहिनी बनाते कि हम अपनी दलित बहनों की रक्षा करेंगें? ऐसा ही आदिवासी महिलाओं के साथ किया जा रहा हैI हिन्दू धर्म के भीतर प्रभावशाली सामन्ती समूह जब दलित बस्तियों और गावों से दलितों को खदेड़ देते हैं तो क्यों नहीं इन हिन्दू धर्म के ठेकेदारों के दिल दहलतेI क्यों आज भी भगाना या टीसुन्दर जैसे काण्ड होते हैं? जब वोट की राजनीती का सवाल उठता है तो दलित और आदिवासी भी व्यापक हिन्दू समुदाय का हिस्सा बन जाता हैI और जैसे चुनाव ख़त्म होते हैं, दलित फिर दलित और आदिवासी फिर से आदिवासी बन जाते हैंI लव जिहाद का नारा तो वैसे भी नारी रक्षा के लिए दिया गया हैI फिर इसका इस्तेमाल कोई भी सेना देश के गावों में जाती है और सामंती ताकतों का सर नहीं फोडती है जो दलित और आदिवासी महिलाओं की अस्मिताओं के साथ खेलते हैं? भाजपा या आर.एस.एस ऐसा नहीं करेगी क्योंकि दलित और आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार तो उन्ही के द्वारा चलाई जा रही वर्ण व्यवस्था के आधार पर ही हो रहा हैI

इश्क नहीं आसाँ

किसी शायर ने कहा है कि ‘यह इश्क नहीं आसाँ, एक आग का दरया है और इसे पार करके जाना है’ भाजपा और संघ ने इसे और भी मुश्किल बना दिया है, अब ऐसी स्थिति पैदा की जा रही है कि हर इंसान मोहब्बत करने से पहले पूंछेगा बता तेरी जात क्या? बता तेरा धर्म क्या? और मोदी सरकार की पूंजीपति परस्त नीतियाँ युहीं जारी रही तो इंसान यह भी पूंछेगा कि बता तेरी औकात क्या? हम तो यही कहेंगे कि प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई और नाम न दोI क्योंकि प्यार गर बट जाएगा तो देश बट जाएगा, समाज बट जाएगाI

उत्तर प्रदेश – एक ख़ास एजेंडे पर

पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से उत्तर प्रदेश में साम्प्रद्दायिक हिंसा की 650 से ज्यादा घटनाएँ घट चुकी हैंI भाजपा का मुख्य उद्देश्य अपनी राजनितिक शक्ति को मज़बूत बनाना हैI इसलिए वह उत्तर प्रदेश और बिहार को निशाने पर लिए हुए हैI लव जिहाद के नारे को इसलिए युIपी में पुनर्जीवित किया गया है ताकि वह सांप्रदायिक उन्माद के जरिए अपनी शक्ति और ज्यादा मज़बूत कर सकेI छोटे स्तर के साम्प्रदायिक दंगें करवाना, जातीय संगठनों के जरिए प्रभावशाली सामंती समूहों में घुसपैठ करना, व्यापारी और किसानों में साप्रदायिक विभाजन करनाI योगी आदित्यानाथ जैसे घोर साम्प्रदायिक व्यक्ति को भाजपा के उप-चुनाव के प्रचार की बागडोर देना, यह सब बड़ी ही रणनीति के तहत युIपीI में चल रहा हैI क्योंकि किसी भी बड़ी घटना के पहले संघ और उससे जुड़े सभी संगठन जनता के मूड को देख रहे हैं और इस बात का जायजा ले रहे हैं कि अगर कल कोई बड़ी घटना घटे तो उसका वे कितना फायदा उठा सकते हैंI यही वजह है कि भाजपा और संघ युIपीI पैर पसार कर बैठ गए हैं ताकि भविष्य में इसे भी एक मज़बूत संघी राज्य बनाया जा सकेI लव जिहाद तो सिर्फ एक बहाना है सत्ता के मुहाने तक पहुँचने के लिएI

 

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख मे व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारो को नहीं दर्शाते ।

लव जिहाद
आरएसएस
भाजपा
साम्प्रदायिकता
राजनीति
चुनाव
उत्तर प्रदेश

Related Stories

उप्र बंधक संकट: सभी बच्चों को सुरक्षित बचाया गया, आरोपी और उसकी पत्नी की मौत

नागरिकता कानून: यूपी के मऊ अब तक 19 लोग गिरफ्तार, आरएएफ और पीएसी तैनात

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

बढ़ते हुए वैश्विक संप्रदायवाद का मुकाबला ज़रुरी

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा भी बोगस निकला, आप फिर उल्लू बने

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License