NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मोदी सरकार के अच्छे दिन?
कॉर्पोरेट को कर माफी, किसानों से कर वसूली की तैयारी
संघर्ष संवाद
27 Apr 2017
मोदी सरकार के अच्छे दिन?

“नीति आयोग के सदस्य विवेक देबराय ने कृषि आय पर कर लगाने की वकालत की है। सरकार के शीर्ष शोध संस्थान के सदस्य का यह सुझाव सरकार के मौजूदा रूख के खिलाफ है।”

नयी दिल्ली, 26 अप्रेल 2017; देबराय ने कर वसूली बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत आयकर पर छूट हटाने का सुझाव भी दिया है। फिलहाल देश की 1.3 अरब आबादी में से सिर्फ 3.7 करोड़ व्यक्तिगत आयकरदाता हैं। एक संवाददाता सम्मेलन में देबराय ने कहा, छूट समाप्त करने के साथ व्यक्तिगत आयकर का आधार बढ़ाने के लिए एक निश्चित सीमा से अधिक कृषि आय समेत ग्रामीण क्षेत्र में कर लगाने की जरूरत है।

कृषि आमदनी पर आयकर लगाना राजनीतिक रूप से संवेदशील मुद्दा है और विभिन्न सरकारें इससे बचती रही हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 22 मार्च को संसद को आश्वस्त किया था कि कृषि आय पर कर नहीं लगा है और न ही लगाया जाएगा। हालांकि तीन साल के कार्य एजेंडा का मसौदा जारी करने के लिए बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में मौजूद नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कृषि आय पर कराधान से जुड़े सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।

बिबेक देबरॉय ने कृषि आय को इनकम टैक्‍स के दायरे में लाने की वकालत करते हुए कहा है कि राज्‍यों के संसाधन बढ़ाने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए। अभी देश में कृषि आय पर टैक्‍स नहीं लगता है। उन्‍होंने कहा कि इससे पर्सनल इनकम टैक्‍स का दायरा बढ़ेगा और सोशल सेक्‍टर की योजनाओं के लिए ज्‍यादा संसाधन जुटाए जा सकेंगे।

ग्रामीण क्षेत्र में आयकर लगाने की सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में तीन या पांच साल की औसत आय को ध्यान में रखकर निर्णय किया जा सकता है। देबराय के मुताबिक, वह ग्रामीण और शहर के कृत्रिम विभाजन में विश्वास नहीं करते। उन्‍होंने कहा कि कृषि आय को तय करने के लिए एक साल की आमदनी को देखने की जगह पिछले तीन या पांच साल को आधार बना कर एवेरज निकाला जाए। क्योंकि कृषि आय में हर साल उतार चढ़ाव आता रहता है। इसके अलावा कर सीमायें यथावत होनी चाहिये।

Courtesy: संघर्ष संवाद
अच्छे दिन
भाजपा
नरेंद्र मोदी
किसान आत्महत्या

Related Stories

कार्टून क्लिक : नए आम बजट से पहले आम आदमी का बजट ख़राब!

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

रोज़गार में तेज़ गिरावट जारी है

अविश्वास प्रस्ताव: विपक्षी दलों ने उजागर कीं बीजेपी की असफलताएँ

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

चुनाव से पहले उद्घाटनों की होड़

अमेरिकी सरकार हर रोज़ 121 बम गिराती हैः रिपोर्ट

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License