21 साल की दशा रवि को आखिरकार बेल मिल गईI क्या उसका गुनाह सिर्फ इतना था कि उसने जलवायु परिवर्तन एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग से बात की थी । उसका दोष सिर्फ इतना था कि उसमें एक तथाकथित टूलकिट में संशोधन किए थे। कहीं न कहीं ये पूरा मामला देश की साख के साथ भी जुड़ गया था। एक तरफ जहां बीजेपी का प्रचार तंत्र , दिशा रवि की 'हरकतों' को 'देशद्रोह' से जोड़ रहा था, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस की इस हरकत से देश की काफी हद तक बदनामी भी हुई थी। आज 'बोल कि लब आजाद हैं तेरे' में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बता रहे हैं कि किस तरह से दिशा रवि को बेल का मामला बीजेपी सरकार के मुंह पर करारा तमाचा हैI